बैलिस्टिक और वायु रक्षा प्रणालियों में भारत की प्रगति | 19 Jul 2025

स्रोत: द हिंदू 

भारत ने ओडिशा के चांदीपुर स्थित एकीकृत परीक्षण रेंज से अपनी स्वदेशी बैलिस्टिक मिसाइलों पृथ्वी-II और अग्नि-I का सफलतापूर्वक परीक्षण किया है।

  • यह परीक्षण भारतीय सेना द्वारा लद्दाख में स्वदेशी वायु रक्षा प्रणाली "आकाश प्राइम" के सफल परीक्षणों के बाद किया गया है। 

पृथ्वी-II

अग्नि-I

  • DRDO द्वारा विकसित, अग्नि-I एक परमाणु-सक्षम, अल्प-से-मध्यम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल है जिसकी मारक क्षमता 700-900 किलोमीटर है।
  • यह 1,000 किलोग्राम पेलोड का वहन कर सकती है, सड़क और रेल द्वारा संचालित है और भारत की विश्वसनीय न्यूनतम रोध रणनीति में पृथ्वी (मिसाइल) शृंखला तथा लंबी दूरी की अग्नि मिसाइलों के बीच का विकल्प है।

आकाश प्राइम

  • यह आकाश मिसाइल प्रणाली का एक उन्नत संस्करण है, जो विभिन्न मौसम और भू-स्थितियों में बेहतर सटीकता के लिये एक स्वदेशी सक्रिय रेडियो फ्रीक्वेंसी (RF) सीकर युक्त है।
  • इसका पहला उपयोग पाकिस्तानी वायु खतरों के खिलाफ ऑपरेशन सिंदूर में किया गया था। यह एक मध्यम दूरी की, सतह-से-वायु में मार करने वाली प्रणाली है जिसे गतिशील और स्थिर संरचनाओं की रक्षा के लिये डिज़ाइन किया गया है।
    • आकाश प्राइम में उच्च स्वचालन, देश-दर-देश गतिशीलता और वास्तविक समय के बहु-सेंसर डेटा का उपयोग करके एक साथ कई लक्ष्यों पर निशाना साधने की क्षमता है।
  • यह 4,500 मीटर तक की ऊँचाई पर संचालन में सक्षम है और 25-30 किमी. दूर के खतरों को साध सकता है।

बैलिस्टिक मिसाइल

  • बैलिस्टिक मिसाइलें रॉकेट-चालित शस्त्र हैं जो प्रक्षेपण के बाद मुक्त-पतन प्रक्षेप पथ (Free-Fall Trajectory) का अनुसरण करते हैं। ये पारंपरिक या परमाणु आयुध का वहन कर सकते हैं और इन्हें ज़मीन, समुद्र या हवा से प्रक्षेपित किया जा सकता है।
  • दूरी के आधार पर, इन्हें अल्प (<1,000 किमी.), मध्यम (1,000-3,000 किमी.), मध्यवर्ती (3,000-5,500 किमी.), या लंबी दूरी या अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइलों (ICBM) (>5,500 किमी) में वर्गीकृत किया जाता है। अग्नि-V भारत की दीर्घतम दूरी की मिसाइल है, जो 5,000 किमी. से अधिक की दूरी वाली एक ICBM है।

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