अस्त्र मार्क-1 मिसाइल | 01 Jun 2022
हाल ही में रक्षा मंत्रालय ने अस्त्र मार्क-1 की आपूर्ति के लिये हैदराबाद स्थित सार्वजनिक क्षेत्र की ‘भारत डायनेमिक्स लिमिटेड’ (BDL) कंपनी के साथ एक अनुबंध पर हस्ताक्षर किये हैं।
- भारतीय वायु सेना और भारतीय नौसेना के लड़ाकू जेट विमानों पर तैनाती के लिये 2,971 करोड़ रुपए की लागत के साथ अनुबंध पर हस्ताक्षर किये गए थे।
अस्त्र मिसाइल और उसके संस्करण:
- अस्त्र परियोजना आधिकारिक तौर पर 2000 के दशक की शुरुआत में परिभाषित मापदंडों और प्रस्तावित भविष्य के रूपों के साथ शुरू की गई थी।
- वर्ष 2017 के आसपास अस्त्र  मार्क-1 मिसाइल संस्करण का विकास चरण पूरा हो गया था। 
- वर्ष 2017 से अब तक सुखोई-30 एमकेआई से इसके कई सफल परीक्षण किये जा चुके हैं।
 
अस्त्र मार्क-1 मिसाइल:
- परिचय: 
- अस्त्र भारत की पहली स्वदेश निर्मित दृश्य सीमा से परे हवा-से-हवा में मार करने वाली मिसाइल (BVRAAM) है। 
- BVM मिसाइलें 20 नॉटिकल मील या 37 किलोमीटर की सीमा से आगे तक मार करने में सक्षम हैं।
- AAMs को एक हवाई लक्ष्य को नष्ट करने के लिये हवा में ही छोड़ा जाता है।
 
 
- अस्त्र भारत की पहली स्वदेश निर्मित दृश्य सीमा से परे हवा-से-हवा में मार करने वाली मिसाइल (BVRAAM) है। 
- रेंज: 
- अस्त्र मार्क-1 की रेंज करीब 110 किलोमीटर है।
- 150 किमी से अधिक रेंज वाले मार्क-2 का विकास किया जा रहा है और लंबी रेंज वाले मार्क-3 संस्करण की परिकल्पना की जा रही है। 
- अस्त्र का एक अन्य संस्करण, जिसकी रेंज मार्क-1 से कम है, निर्माणाधीन है।
 
 
- इसे रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) द्वारा विकसित किया गया है।
सामरिक महत्त्व:
- विदेशी स्रोतों पर निर्भरता में कमी: 
- मिसाइल को BVR के लिये भारतीय वायु सेना (IAF) द्वारा निर्दिष्ट आवश्यकताओं के साथ-साथ करीबी-प्रतिस्पर्द्धा, विदेशी स्रोतों पर निर्भरता को कम करने के आधार पर डिज़ाइन किया गया है। 
- BVR क्षमता वाले AAM अपने लड़ाकू विमानों के लिये लार्ज स्टैंड-ऑफ रेंज प्रदान करते हैं जो प्रतिकूल वायु रक्षा उपायों से खुद को बचाते हुए शत्रु की हवाई संपत्ति को बेअसर कर सकते हैं। 
- स्टैंड-ऑफ रेंज का अर्थ उस पर्याप्त दूरी से है जिस पर मिसाइल को लॉन्च करने से हमलावर पक्ष के आक्रमण से बचाव किया जा सके।
 
 
- BVR क्षमता वाले AAM अपने लड़ाकू विमानों के लिये लार्ज स्टैंड-ऑफ रेंज प्रदान करते हैं जो प्रतिकूल वायु रक्षा उपायों से खुद को बचाते हुए शत्रु की हवाई संपत्ति को बेअसर कर सकते हैं। 
 
- मिसाइल को BVR के लिये भारतीय वायु सेना (IAF) द्वारा निर्दिष्ट आवश्यकताओं के साथ-साथ करीबी-प्रतिस्पर्द्धा, विदेशी स्रोतों पर निर्भरता को कम करने के आधार पर डिज़ाइन किया गया है। 
- तकनीकी और आर्थिक रूप से बेहतर: 
- अस्त्र, तकनीकी और आर्थिक रूप से ऐसी कई आयातित मिसाइल प्रणालियों से बेहतर है।
- यह मिसाइल ध्वनि की गति से चार गुना से अधिक गति से यात्रा कर सकती है और अधिकतम 20 किमी. की ऊँचाई तक पहुँच सकती है, अतः यह हवाई युद्ध के लिये अत्यधिक कुशल है।
 
- अन्य लड़ाकू विमानों के साथ एकीकृत किया जा सकता है: 
- मिसाइल पूरी तरह से सुखोई 30 MK II पर एकीकृत है और इसे हल्के लड़ाकू विमान (LCA) तेज़स सहित चरणबद्ध तरीके से अन्य लड़ाकू विमानों के साथ एकीकृत किया जाएगा।
- यह मिसाइल को मिग-29K लड़ाकू विमान पर एकीकृत करेगा जो नौसेना के विमान वाहक पर तैनात हैं। इस प्रकार भारत के विमान वाहक की घातकता को बढ़ाता है।
 
| विगत वर्ष के प्रश्न:प्रश्न. अग्नि-4 प्रक्षेपास्त्र के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? (2014) 
 नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये: (a) केवल 1  उत्तर: (a) व्याख्या: 
 प्रश्न. भारतीय रक्षा के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2009) 
 उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? (a) केवल 1  उत्तर: (D) 
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