अलकनंदा आकाशगंगा | 03 Dec 2025
चर्चा में क्यों?
पुणे स्थित राष्ट्रीय रेडियो खगोल भौतिकी केंद्र - टाटा मूलभूत अनुसंधान संस्थान (NCRA–TIFR) के शोधकर्त्ताओं ने एक सुव्यवस्थित सर्पिल आकाशगंगा की खोज की है, जिसका नाम अलकनंदा रखा गया है। यह आकाशगंगा बिग बैंग (Big Bang) के केवल 1.5 अरब वर्ष बाद की है।
- नासा के जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप (JWST) से प्राप्त इस खोज ने वर्तमान सिद्धांतों को चुनौती दी है, जिनके अनुसार ब्रह्मांड के इतिहास के प्रारंभिक चरण में अच्छी तरह से संरचित आकाशगंगाओं का निर्माण संभव नहीं माना जाता था।
अलकनंदा आकाशगंगा के बारे में मुख्य बिंदु क्या हैं?
- अलकनंदा: अलकनंदा लगभग 12 अरब प्रकाश वर्ष दूर स्थित है और एक पाठ्यपुस्तकीय सर्पिल संरचना दर्शाती है । इसका निर्माण तब हुआ था जब ब्रह्मांड अपनी वर्तमान आयु का केवल 10%, यानी लगभग 1.5 अरब वर्ष पुराना था ।
- अलकनंदा पृथ्वी से लगभग 12 अरब प्रकाश वर्ष दूर स्थित है और एक आदर्श सर्पिल संरचना प्रदर्शित करती है। इसका निर्माण उस समय हुआ था जब ब्रह्मांड अपनी वर्तमान आयु का केवल 10% यानी लगभग 1.5 अरब वर्ष पुराना था।
- इसमें दो स्पष्ट सर्पिल भुजाएँ (spiral arms) और एक चमकीला केंद्रीय उभार (bright central bulge) है, जो आश्चर्यजनक रूप से आकाशगंगा (Milky Way) के समान दिखता है।
- इसका नाम हिमालयी नदी अलकनंदा के नाम पर रखा गया है, जिसे मंदाकिनी नदी की बहन (Sister river of Mandakini) माना जाता है (मंदकानी भी आकाशगंगा का हिंदी नाम है)।
- यह नाम आकाशगंगा की एक दूरस्थ बहन (Sister of the Milky Way) के साथ इसकी समानता को दर्शाता है।
- महत्त्व: प्रारंभिक आकाशगंगाओं के अव्यवस्थित, गुच्छेदार, गर्म और अस्थिर होने की उम्मीद थी, लेकिन अलकनंदा एक परिपक्व और सुव्यवस्थित सर्पिल प्रणाली के रूप में सामने आई।
- इसकी संरचना इस बात के बढ़ते प्रमाण को सुदृढ़ करती है कि प्रारंभिक ब्रह्मांड पहले की धारणा से कहीं अधिक विकसित था।
- आकाशगंगा की अप्रत्याशित परिपक्वता से पता चलता है कि जटिल आकाशगंगा संरचनाएँ वर्तमान मॉडलों के पूर्वानुमान से बहुत पहले ही आकार लेने लगी थीं।
आकाशगंगा के बारे में मुख्य बिंदु क्या हैं?
- आकाशगंगाएँ विशाल प्रणालियाँ हैं जो तारों, ग्रहों और गैस व धूल के विशाल बादलों से बनी हैं तथा सभी गुरुत्वाकर्षण बल द्वारा एक साथ जुड़ी होती हैं।
- यह विभिन्न आकार की होती हैं- कुछ हज़ार तारों वाली छोटी आकाशगंगाओं से लेकर खरबों तारों वाली विशालकाय आकाशगंगाओं तक, जिनका विस्तार दस लाख प्रकाश वर्ष से भी अधिक है।
- अधिकांश बड़ी आकाशगंगाओं के केंद्र में अतिविशाल ब्लैक होल होते हैं, जिनमें से कुछ का भार सूर्य के द्रव्यमान से अरबों गुना अधिक होता है।
- आकाशगंगाओं को आमतौर पर उनकी संरचना और स्वरूप के आधार पर सर्पिल, अंडाकार या अनियमित के रूप में वर्गीकृत किया जाता है।
- ब्रह्मांडीय जाल में आकाशगंगाएँ: आकाशगंगाएँ आमतौर पर 100 तक के समूहों में संगठित होती हैं, जबकि बड़े समूहों में हज़ारों आकाशगंगाएँ शामिल हो सकती हैं।
- ये समूह आपस में मिलकर सुपरक्लस्टर का निर्माण करते हैं, जो आकाशगंगाओं, रिक्त स्थानों और विशाल संरचनाओं से मिलकर एक विशाल ब्रह्मांडीय जाल का रूप धारण करते हैं।
- आकाशगंगा विकास में प्रमुख प्रक्रियाएँ:
- सर्पिल संरचनाएँ और पट्टियाँ: कई परिपक्व सर्पिल आकाशगंगाएँ तारकीय पट्टियाँ विकसित करती हैं, जो तारों की अस्थायी सघन पट्टियाँ होती हैं जो सर्पिल भुजाओं से जुड़ती हैं तथा तारा निर्माण को प्रभावित करती हैं।
- टकराव: जब आकाशगंगाएँ टकराती हैं तो गैस के बादल संकुचित होते हैं, जिससे नए तारों का निर्माण होता है तथा प्रत्येक आकाशगंगा गुरुत्वाकर्षण बलों के प्रभाव में विकृत हो जाती है।
- संघटित होना: टकराई हुई आकाशगंगाएँ एक बड़ी प्रणाली में सम्मिलित हो सकती हैं, जिससे उनकी संरचना अक्सर बदल जाती है, कभी-कभी वलयाकार आकाशगंगाओं का निर्माण होता है और केंद्रीय ब्लैक होल को नई ऊर्जा प्राप्त होती है।
- गैलेक्टिक कैनिबलिज़्म: बड़ी आकाशगंगाएँ धीरे-धीरे छोटी आकाशगंगाओं को अवशोषित कर सकती हैं, इस प्रक्रिया में वे छोटी आकाशगंगाओं की गैस (Gas), धूल (Dust) और तारों (Stars) को उनसे अलग (Strip) कर देती हैं।
- मिल्की वे आकाशगंगा: मिल्की वे एक सर्पिल आकाशगंगा है जिसका व्यास 1,00,000 प्रकाश वर्ष से भी अधिक है। पृथ्वी इसकी एक सर्पिल भुजा पर, केंद्र से लगभग आधी दूरी पर स्थित है।
- मिल्की वे स्थानीय समूह का हिस्सा है, जिसमें 50 से अधिक आकाशगंगाएँ शामिल हैं, जिनमें कई बौनी आकाशगंगाएँ और बड़ी एंड्रोमेडा आकाशगंगा भी शामिल हैं।
- यह समूह कन्या तारामंडल के निकट स्थित है और विशाल लानियाके सुपरक्लस्टर का हिस्सा बनाता है, जो ब्रह्मांडीय जाल की एक प्रमुख संरचना है।
- मिल्की वे स्थानीय समूह का हिस्सा है, जिसमें 50 से अधिक आकाशगंगाएँ शामिल हैं, जिनमें कई बौनी आकाशगंगाएँ और बड़ी एंड्रोमेडा आकाशगंगा भी शामिल हैं।
- हमारे सौरमंडल को आकाशगंगा की एक परिक्रमा करने में लगभग 240 मिलियन वर्ष लगते हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
1. गैलेक्सी किससे बनी हैं?
आकाशगंगाएँ तारों, ग्रहों, गैस, धूल और डार्क मैटर से बनी होती हैं, जिन्हें गुरुत्वाकर्षण एक साथ बाँधकर रखता है।
2. अलकनंदा क्या है?
अलकनंदा एक सुविकसित सर्पिल आकाशगंगा है, जिसे NCRA–TIFR के शोधकर्त्ताओं ने JWST डेटा का उपयोग करके खोजा है, यह उस समय अस्तित्व में थी जब ब्रह्मांड की आयु लगभग 1.5 अरब वर्ष थी और यह लगभग 12 अरब प्रकाश-वर्ष दूर स्थित है।
3. मिल्की वे कॉस्मिक वेब में कहाँ स्थित है?
मिल्की वे स्थानीय समूह का हिस्सा है, वर्जिन क्लस्टर के पास स्थित है और लानियाके सुपरक्लस्टर के भीतर है।
सारांश
- पुणे स्थित NCRA–TIFR के शोधकर्त्ताओं ने JWST के डेटा का उपयोग करके अलकनंदा नामक एक सुविकसित सर्पिल आकाशगंगा की खोज की है, जो उस समय अस्तित्व में थी जब ब्रह्मांड की आयु केवल 1.5 अरब वर्ष थी।
- यह आकाशगंगा 12 अरब प्रकाश-वर्ष दूर स्थित है और इसकी संरचना आकाशगंगा (Milky Way) जैसी दिखाई देती है, जो इस धारणा को चुनौती देती है कि आरंभिक आकाशगंगाएँ अस्त-व्यस्त और असंरचित थीं।
- इसकी परिपक्व सर्पिल भुजाएँ दर्शाती हैं कि जटिल आकाशगंगा संरचनाएँ मौजूदा मॉडलों के अनुमान से कहीं पहले विकसित हो चुकी थीं।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न (PYQ)
प्रिलिम्स:
प्रश्न. निम्नलिखित परिघटनाओं पर विचार कीजिये:(2018)
- प्रकाश, गुरुत्व द्वारा प्रभावित होता है।
- ब्रह्मांड लगातार फैल रहा है।
- पदार्थ अपने चारों ओर के दिक्काल को विकुंचित (वार्प) करता है।
उपर्युक्त में से एल्बर्ट आइंस्टीन के आपेक्षिकता के सामान्य सिद्धांत का/के भविष्य कथन कौन सा/से है/हैं, जिसकी/जिनकी प्रायः समाचार माध्यमों में विवेचना होती है?
(a) केवल 1 और 2
(b) केवल 3
(c) केवल 1 और 3
(d) 1, 2 और 3
उत्तर: (d)
प्रश्न: निम्नलिखित घटनाओं पर विचार कीजिये: (2013)
- संध्या के समय सूर्य का आकार
- भोर के समय सूर्य का रंग
- भोर के चंद्रमा का दिखाई देना
- आकाश में तारों का टिमटिमाना
- आकाश में ध्रुवतारा दिखाई देना
उपर्युक्त में से क्या दृष्टिभ्रम हैं?
(a) 1, 2 और 3
(b) 3, 4 और 5
(c) 1, 2 और 4
(d) 2, 3 और 5
उत्तर: (c)

