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हमारी धरोहर, हमारा उत्तरदायित्व | 02 Sep 2022 | भारतीय विरासत और संस्कृति

यह एडिटोरियल 01/09/2022 को ‘इंडियन एक्सप्रेस’ में प्रकाशित “CAG report on abysmal state of heritage conservation” लेख पर आधारित है। इसमें भारत में धरोहर संरक्षण की स्थिति और संबंधित मुद्दों के बारे में चर्चा की गई है।

भारत विशाल भू-राजनीतिक विस्तार के साथ ही धरोहरों/विरासतों की एक बड़ी मात्रा और विविधता रखता है। भारत के इस विशाल धरोहर भंडार को वैश्विक स्तर पर इसकी अनूठी सांस्कृतिक पहचान के एक महत्त्वपूर्ण अंग के रूप में चिह्नित किया जाता है।

भारतीय विरासत अतीत के किसी विशिष्ट समाज या व्यक्तियों के समूह या व्यक्ति की सामाजिक-सांस्कृतिक, सामाजिक-राजनीतिक, सामाजिक-आर्थिक और यहाँ तक कि तकनीकी गतिविधियों के संदर्भ में मूल्यवान और सूचनात्मक है।

भारत में 40 विश्व धरोहर स्थल (World Heritage Sites) स्थित हैं, जिनमें 32 सांस्कृतिक स्थल, 7 प्राकृतिक स्थल और 1 मिश्रित स्थल शामिल हैं। इसके अलावा, भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण (ASI) की देखरेख में शामिल लगभग 3,691 स्मारकों को राष्ट्रीय महत्त्व के स्मारक (Monuments of National Importance) घोषित किया गया है।

हालाँकि कई विरासत संरचनाएँ किसी औपचारिक प्रणाली के तहत शामिल नहीं हैं, जिसके कारण भारत की अनूठी विरासत की क्षमता काफी हद तक अप्रयुक्त बनी रही है।

भारतीय विरासत से संबंधित संवैधानिक और विधायी प्रावधान

धरोहर के मुख्य प्रकार

भारत की सांस्कृतिक पहचान को इसकी समृद्ध विरासत कैसे प्रभावित करती है?

भारत के प्रमुख यूनेस्को विश्व प्राकृतिक धरोहर स्थल

भारत में धरोहर प्रबंधन से संबंधित प्रमुख मुद्दे

संबंधित अंतर्राष्ट्रीय अभिसमय जिनका भारत हस्ताक्षरकर्त्ता है

आगे की राह

अभ्यास प्रश्न: धरोहरों के विशाल भंडार के बावजूद भारत की अजेय विरासत काफी हद तक अप्रयुक्त रही है। आलोचनात्मक विश्लेषण करें।

UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्षों के प्रश्न

मुख्य परीक्षा

प्र. 1- भारतीय कला विरासत का संरक्षण वर्तमान समय की आवश्यकता है। चर्चा कीजिये। (2018)

प्र. 2- भारतीय दर्शन एवं परंपरा ने भारतीय स्मारकों की कल्पना और आकार देने एवं उनकी कला में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है। विवेचना कीजिये। (2020)