विश्व असमानता रिपोर्ट 2026 | 13 Dec 2025
प्रिलिम्स के लिये: विश्व असमानता रिपोर्ट 2026, विश्व असमानता प्रयोगशाला, क्रय शक्ति समता (PPP), सकल घरेलू उत्पाद (GDP), श्रम बल भागीदारी दर, बेरोज़गारी, प्रगतिशील कर प्रणाली
मेन्स के लिये: विश्व असमानता रिपोर्ट 2026 के प्रमुख निष्कर्ष तथा असमानता को कम करने हेतु प्रस्तावित नीतिगत समाधान। WIR 2026 में भारत की स्थिति तथा भारत द्वारा असमानता को कम करने के लिये उठाए गए कदम।
चर्चा में क्यों?
विश्व असमानता प्रयोगशाला द्वारा जारी की गई तीसरी विश्व असमानता रिपोर्ट 2026 (WIR 2026) आय, संपत्ति, लैंगिक असमानता, जलवायु ज़िम्मेदारी तथा क्षेत्रीय विभाजन जैसे विभिन्न पहलुओं में मौजूद अभूतपूर्व वैश्विक असमानता को उजागर करती है और इससे निपटने के लिये त्वरित तथा प्रभावी नीतिगत हस्तक्षेप की आवश्यकता पर बल देती है।
सारांश
- रिपोर्ट वैश्विक असमानता को उजागर करती है, जहाँ शीर्ष 10% लोगों के पास कुल संपत्ति का 75% हिस्सा है और वे पूंजी से जुड़ी 77% कार्बन उत्सर्जन के लिये ज़िम्मेदार हैं।
- असमानता बहुआयामी है, जो आय, संपत्ति, लिंग, जलवायु ज़िम्मेदारी और भौगोलिक स्थिति तक फैली हुई है, और ये सभी परस्पर प्रभाव डालते हैं।
- रिपोर्ट न्यायसंगत समाज को बढ़ावा देने के लिये प्रगतिशील कर प्रणाली, लैंगिक समान नीतियाँ और वैश्विक वित्तीय सुधार सुझाती है।
विश्व असमानता रिपोर्ट 2026 के मुख्य निष्कर्ष क्या हैं?
- अत्यधिक धन-संकेंद्रण: शीर्ष 10% के पास वैश्विक संपत्ति का तीन-चौथाई हिस्सा है, जबकि नीचे के आधे के पास केवल 2% है।
- विश्व के सबसे धनी 0.001% (लगभग 60,000 बहु-मिलियनर) आबादी के पास आधी जनसंख्या की कुल संपत्ति से 3 गुना अधिक संपत्ति है। इनका हिस्सा वर्ष 1995 में 4% से बढ़कर वर्ष 2025 में 6% से अधिक हो गया है।
- मानव पूंजी असमानता: सब-सहारा अफ्रीका में प्रति बच्चे पर शिक्षा पर औसत खर्च 220 यूरो (क्रय शक्ति समता- PPP) है, जबकि यूरोप में यह 7,430 यूरो और उत्तरी अमेरिका और ओशिनिया में 9,020 यूरो है, जो 40 गुना से भी कम है।
- जलवायु असमानता: सबसे धनी 10% लोग निजी पूंजी स्वामित्व से जुड़ी वैश्विक उत्सर्जन का 77% हिस्सा बनाते हैं, जबकि सबसे गरीब आधा केवल 3% उत्सर्जन के लिये ज़िम्मेदार है।
- जो लोग सबसे कम उत्सर्जन करते हैं (कम आय वाले देशों की आबादी), वे जलवायु आपदाओं से सबसे अधिक प्रभावित होते हैं, जबकि अधिक उत्सर्जन करने वालों के पास इससे निपटने के लिये संसाधन होते हैं।
- लैंगिक असमानता: महिलाएँ औसतन प्रति सप्ताह 53 घंटे काम करती हैं, जबकि पुरुष 43 घंटे काम (जिसमें घरेलू और देखभाल कार्य शामिल हैं) करते हैं।
- अवैतनिक श्रम को शामिल किये बिना, महिलाओं की प्रति-घंटा आय पुरुषों की आय का लगभग 61% होती है, लेकिन जब अवैतनिक श्रम (जैसे घरेलू और देखभाल कार्य) को भी शामिल किया जाता है, तो यह घटकर मात्र 32% रह जाती है।
- क्षेत्रीय आय असमानता: उत्तर अमेरिका और ओशिनिया में प्रति व्यक्ति औसत दैनिक आय 125 यूरो है, जबकि सब-सहारा अफ्रीका में केवल 10 यूरो है — यानी 13 गुना का अंतर। शीर्ष 10% और नीचे के 50% की आय अनुपात देशों के भीतर गंभीर असमानता को दर्शाती है।
- वैश्विक वित्तीय प्रणाली में असमानता: प्रत्येक वर्ष, वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के 1% के बराबर शुद्ध वित्तीय हस्तांतरण, जो कुल विकास सहायता का तीन गुना है, गरीब देशों से अमीर देशों की ओर जाता है, जो अमेरिका और यूरोप के सरकारी बॉण्ड की मांग के कारण होता है।
विश्व असमानता रिपोर्ट 2026 में भारत से संबंधित मुख्य निष्कर्ष क्या हैं?
- आय असमानता: शीर्ष 10% आय प्राप्तकर्त्ता राष्ट्रीय आय का असमान रूप से 58% हिस्सा प्राप्त करते हैं, जबकि नीचे के 50% जनसंख्या को केवल 15% ही मिलता है।
- धन का संकेंद्रण: देश की कुल संपत्ति का लगभग 65% हिस्सा सबसे धनी 10% लोगों के पास है। केवल शीर्ष 1% लोगों के पास ही कुल संपत्ति का लगभग 40% हिस्सा है।
- महिला श्रम शक्ति की कम भागीदारी: महिला श्रम शक्ति भागीदारी दर केवल 15.7% है, जो विश्व में सबसे निम्न स्तरों में से एक है।
- औसत समृद्धि: प्रति व्यक्ति औसत वार्षिक आय लगभग 6,200 यूरो (PPP) है और औसत संपत्ति लगभग 28,000 यूरो (PPP) है।
विश्व असमानता रिपोर्ट
- परिचय: विश्व असमानता रिपोर्ट एक प्रमुख वैश्विक प्रकाशन है जो विभिन्न देशों और विभिन्न कालखंडों में आय एवं संपत्ति के वितरण पर व्यापक डेटा और विश्लेषण प्रस्तुत करती है।
- इसे पेरिस स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स स्थित शोध केंद्र, विश्व असमानता प्रयोगशाला द्वारा तैयार किया जाता है।
- रिपोर्ट की प्रमुख विशेषताएँ: यह रिपोर्ट सकल घरेलू उत्पाद (GDP) जैसे पारंपरिक मापदंडों से आगे बढ़कर वैश्विक आय एवं संपत्ति वितरण का गहन मूल्यांकन प्रस्तुत करती है।
- यह एक बहुआयामी दृष्टिकोण अपनाती है, जिसमें लैंगिक असमानता, जलवायु प्रभाव और सार्वजनिक सेवाओं तक पहुँच जैसे पहलू शामिल हैं।
विश्व असमानता रिपोर्ट 2026 में कौन-सी प्रमुख नीतिगत सिफारिशें प्रस्तुत की गई हैं?
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नीतिगत क्षेत्र |
मुख्य उद्देश्य |
सिफारिशें |
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मानव पूंजी में सार्वजनिक निवेश |
जीवन के प्रारंभिक चरण से ही अवसरों को समान बनाना और एक समावेशी समाज का निर्माण करना। |
निःशुल्क एवं उच्च गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, सार्वभौमिक स्वास्थ्य सेवा, बाल देखभाल तथा पोषण कार्यक्रमों में निवेश करना। |
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पुनर्वितरण एवं सामाजिक सुरक्षा |
संसाधनों को सीधे निम्न-आय वर्गों की ओर स्थानांतरित करना और आजीविका में स्थिरता प्रदान करना। |
संवेदनशील परिवारों के लिये नकद अंतरण, पेंशन तथा बेरोज़गारी भत्तों का कार्यान्वयन। |
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लैंगिक समानता को आगे बढ़ाना |
संरचनात्मक बाधाओं को समाप्त करना और अवैतनिक देखभाल कार्य का पुनर्वितरण करना। |
सस्ती बाल देखभाल, समान पैतृक अवकाश की व्यवस्था तथा समान वेतन कानूनों को प्रभावी ढंग से लागू करना। |
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प्रगतिशील एवं हरित कराधान |
सार्वजनिक संसाधनों का न्यायसंगत संचयन और राजकोषीय नीति को जलवायु लक्ष्यों के साथ समन्वित करना। |
प्रगतिशील संपत्ति/आय कर लागू करना तथा कर एवं सब्सिडी के माध्यम से निम्न-कार्बन प्रौद्योगिकियों को बढ़ावा देना। |
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वैश्विक वित्तीय प्रणाली में सुधार |
उन प्रणालीगत पूर्वाग्रहों को सुधारना जो संसाधनों को निर्धन से धनी राष्ट्रों की ओर स्थानांतरित करते हैं। |
असमान वित्तीय प्रवाहों को कम करने के लिये नई वैश्विक मुद्रा व्यवस्थाओं की संभावनाओं का अन्वेषण करना। |
असमानता कम करने हेतु भारत की पहलें
निष्कर्ष
विश्व असमानता रिपोर्ट 2026 अत्यधिक आर्थिक, पर्यावरणीय और सामाजिक विषमताओं के एक अंतर्संबद्ध संकट को उजागर करती है। यद्यपि डेटा दर्शाते हैं कि असमानता एक राजनीतिक विकल्प है, तथापि प्रस्तावित बहुआयामी नीतिगत समाधान और मौजूदा राष्ट्रीय पहलें, अधिक समतामूलक और सुदृढ़ समाजों के निर्माण की दिशा में एक स्पष्ट तथा क्रियान्वयन योग्य मार्ग को रेखांकित करते हैं।
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दृष्टि मेन्स प्रश्न: प्रश्न: विश्व असमानता रिपोर्ट 2026 द्वारा उजागर वैश्विक असमानता की बहुआयामी प्रकृति का परीक्षण कीजिये। भारत के लिये एक प्रभावी एवं समतामूलक विकास पथ प्रशस्त करने हेतु राजकोषीय और सामाजिक नीति को समेकित करते हुए कौन-से व्यापक कदम आवश्यक हैं? |
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
1. विश्व असमानता रिपोर्ट 2026 वैश्विक संपत्ति के संकेन्द्रण के बारे में क्या उजागर करती है?
शीर्ष 10% के पास वैश्विक संपत्ति का 75% हिस्सा है, जबकि निचले 50% के पास मात्र 2% है; शीर्ष 0.001% मानवता के आधे हिस्से की तुलना में तीन गुना अधिक संपत्ति नियंत्रित करता है।
2. जलवायु असमानता का संपत्ति से क्या संबंध है?
सबसे धनी 10% लोग निजी पूंजी से होने वाले उत्सर्जन के 77% के लिये उत्तरदायी हैं; केवल शीर्ष 1% अकेले 41% योगदान करते हैं, जो असमान ज़िम्मेदारी और जोखिम को दर्शाता है।
3. भारत में लगातार उच्च असमानता का प्राथमिक कारण रिपोर्ट क्या बताती है?
भारत में असमानता गहराई से जड़ें जमा चुकी है, जहाँ शीर्ष 10% राष्ट्रीय आय का 58% हिस्सा अर्जित करते हैं और शीर्ष 1% के पास देश की कुल संपत्ति का 40% हिस्सा है। इसे महिला श्रम शक्ति भागीदारी दर के 15.7% पर स्थिर बने रहने से और बढ़ावा मिलता है।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न
प्रिलिम्स
प्रश्न. ग्यारहवीं पंचवर्षीय योजना में उल्लिखित समावेशी विकास में निम्नलिखित में से कौन-सा एक शामिल नहीं है: (2010)
(a) गरीबी में कमी लाना
(b) रोज़गार के अवसरों का विस्तार करना
(c) पूंजी बाज़ार को मज़बूत बनाना
(d) लैंगिक असमानता में कमी लाना
उत्तर: C
मेन्स
प्रश्न. कोविड-19 महामारी ने भारत में वर्ग असमानताओं एवं गरीबी को गति दे दी है। टिप्पणी कीजिये। (2020)


