डेली अपडेट्स

समान नागरिक संहिता | 20 Oct 2022 | भारतीय राजनीति

प्रिलिम्स के लिये:

समान नागरिक संहिता, अनुच्छेद 44, अनुच्छेद 25, अनुच्छेद 14.

मेन्स के लिये:

व्यक्तिगत कानूनों पर समान नागरिक संहिता के प्रभाव

चर्चा में क्यों?

कानून और न्याय मंत्रालय ने सर्वोच्च न्यायालय को बताया है कि न्यायालय संसद को कोई कानून बनाने का निर्देश नहीं दे सकता है और इसने देश में समान नागरिक संहिता (UCC) की मांग करने वाली जनहित याचिकाओं (PIL) को खारिज करने की मांग की है।

जनहित याचिकाओं के विषय:

सरकार का रुख:

समान नागरिक संहिता:

भारत में समान नागरिक संहिता की स्थिति

व्यक्तिगत कानूनों पर समान नागरिक संहिता का निहितार्थ:

चुनौतियाँ

आगे की राह

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रश्न. भारत के संविधान में निहित राज्य के नीति निदेशक सिद्धांतों के तहत निम्नलिखित प्रावधानों पर विचार कीजिये: (2012)

  1. भारत के नागरिकों के लिये एक समान नागरिक संहिता सुनिश्चित करना
  2. ग्राम पंचायतों का गठन
  3. ग्रामीण क्षेत्रों में कुटीर उद्योगों को बढ़ावा देना
  4. सभी श्रमिकों के लिये उचित अवकाश और सांस्कृतिक अवसर सुरक्षित करना

उपर्युक्त में से कौन से गांधीवादी सिद्धांत हैं जो राज्य के नीति निर्देशक सिद्धांतों में परिलक्षित होते हैं?

(a) केवल 1, 2 और 4
(b) केवल 2 और 3
(c) केवल 1, 3 और 4
(d) 1, 2, 3 और 4

उत्तर: (b)


प्रश्न. कानून जो कार्यकारी या प्रशासनिक प्राधिकरण को कानून लागू करने के मामले में अनियंत्रित विवेकाधीन शक्तियाँ प्रदान करता है, भारत के संविधान के निम्नलिखित में से किस अनुच्छेद का उल्लंघन करता है?

(a) अनुच्छेद 14
(b) अनुच्छेद 28
(c) अनुच्छेद 32
(d) अनुच्छेद 44

उत्तर: (a)


प्रश्न. उन संभावित कारकों पर चर्चा कीजिये जो भारत को अपने नागरिकों के लिये एक समान नागरिक संहिता लागू करने से रोकते हैं, जैसा कि राज्य के नीति निदेशक सिद्धांतों में प्रदान किया गया है। (मुख्य परीक्षा, 2015)

स्रोत: द हिंदू