राष्ट्रीय शहरी डिजिटल मिशन | 26 Feb 2021

चर्चा में क्यों?

आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय (MoHUA) तथा इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MEITY) द्वारा संयुक्त रूप से राष्ट्रीय शहरी डिजिटल मिशन (NUDM) लॉन्च किया गया है।

इसके अतिरिक्त आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय की कई अन्य पहलों को भी लॉन्च किया गया है, जिसमें इंडिया अर्बन डेटा एक्सचेंज (IUDX), स्मार्टकोड, स्मार्ट सिटी 2.0 वेबसाइट और भू-स्थानिक प्रबंधन सूचना प्रणाली या ‘जियोस्स्पेशियल मैनेजमेंट इंफॉर्मेशन सिस्टम’ (GMIS) आदि शामिल हैं।

ये सभी पहलें ‘डिजिटल इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ के दृष्टिकोण को साकार करने हेतु किये जा रहे प्रयासों में वृद्धि करेंगी।

प्रमुख बिंदु

    • राष्ट्रीय शहरी डिजिटल मिशन (NUDM)
      • राष्ट्रीय शहरी डिजिटल मिशन (NUDM) शहरों और नगरों को समग्र समर्थन प्रदान करने के लिये ‘पीपुल्स, प्रोसेस और प्लेटफॉर्म’ जैसे तीन स्तंभों पर कार्य करते हुए शहरी भारत के लिये एक साझा डिजिटल बुनियादी ढाँचा विकसित करेगा।
      • यह मिशन वर्ष 2022 तक 2022 शहरों और वर्ष 2024 तक भारत के सभी शहरों तथा नगरों में शहरी शासन एवं सेवा वितरण के लिये एक नागरिक-केंद्रित और इकोसिस्टम द्वारा संचालित दृष्टिकोण को साकार करने का काम करेगा।
    • महत्त्व
      • राष्ट्रीय शहरी डिजिटल मिशन एक साझा डिजिटल बुनियादी ढाँचा विकसित करेगा, जहाँ आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय की विभिन्न डिजिटल पहलों को समाहित कर इनका लाभ लिया जा सकेगा, जिससे शहरों और नगरों की ज़रूरतों एवं
      • स्थानीय चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए भारत के शहर तथा नगर इस पहल की सहायता से लाभान्वित होंगे।
      • इस मिशन में गवर्निंग सिद्धांतों के एक समूह को समाहित किया गया है और नेशनल अर्बन इनोवेशन स्टैक (NUIS) की रणनीति तथा दृष्टिकोण पर आधारित प्रौद्योगिकी डिज़ाइन सिद्धांतों का अनुसरण किया गया है।
        • ये सिद्धांत ‘पीपुल्स, प्रोसेस और प्लेटफाॅर्मों’ के तीन स्तंभों में मानकों, विनिर्देशों और प्रमाणन को बढ़ावा देते हैं।
        • यह मिशन शहरी डेटा की पूर्ण क्षमता का उपयोग करके जटिल समस्याओं को हल करने हेतु शहरी पारिस्थितिकी तंत्र की क्षमता को और मज़बूत करेगा।
    • इंडिया अर्बन डेटा एक्सचेंज (IUDX)
      • इंडिया अर्बन डेटा एक्सचेंज को स्मार्ट सिटी मिशन और भारतीय विज्ञान संस्थान-बंगलूरू द्वारा संयुक्त रूप से विकसित किया गया है।
      • यह शहरी स्थानीय निकायों (ULB) समेत सभी डेटा प्रदाताओं और प्रयोगकर्त्ताओं को डेटा साझा करने, अनुरोध करने और डेटा तक पहुँच प्रदान करने के लिये एक महत्त्वपूर्ण इंटरफेस प्रदान करता है।
      • यह एक ओपन-सोर्स सॉफ्टवेयर प्लेटफॉर्म है, जो विभिन्न डेटा प्लेटफॉर्म, थर्ड पार्टी प्रमाणन एवं अधिकृत एप्लीकेशन्स और अन्य स्रोतों के बीच डेटा के सुरक्षित, प्रमाणित व व्यवस्थित आदान-प्रदान की सुविधा देता है।
    • स्मार्टकोड प्लेटफॉर्म
      • स्मार्टकोड एक ऐसा प्लेटफॉर्म है, जो शहरी शासन को बेहतर बनाने के उद्देश्य से सभी इकोसिस्टम हितधारकों को विभिन्न समाधानों और एप्लीकेशन्स के लिये ओपन-सोर्स कोड के भंडार में योगदान देने हेतु सक्षम बनाता है।
      • इसे उन चुनौतियों का समाधान करने के लिये डिज़ाइन किया गया है, जिनका सामना शहरी स्थानीय निकायों (ULB) द्वारा डिजिटल एप्लीकेशन्स को विकसित करने और इन्हें लागू करने के दौरान किया जाता है।
    • जियोस्पेशियल मैनेजमेंट इंफॉर्मेशन सिस्टम (GMIS)
      • GMIS एक वेब-आधारित, स्थानिक रूप से सक्षम प्रबंधन उपकरण है, जो किसी भी सूचना का वन-स्टॉप एक्सेस प्रदान करता है।
      • GMIS कई स्रोतों से जानकारी को एकीकृत करता है और विषय एवं भौगोलिक क्षेत्र के आधार पर खोज विकल्प प्रस्तुत करता है।

स्रोत: पी.आई.बी.