अच्छे और प्रतिकारक अभ्यास तथा नवाचारों पर राष्ट्रीय शिखर सम्मेलन | 30 Dec 2020

चर्चा में क्यों?

केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से 7वें अच्छे और प्रतिकारक अभ्यास तथा नवाचारों पर राष्ट्रीय शिखर सम्मेलन (National Summit on Good, Replicable Practices & Innovations) का उद्घाटन किया।

  • इस सम्मेलन के दौरान नई स्वास्थ्य प्रबंधन सूचना प्रणाली (HMIS) के माध्यम से आयुष्मान भारत हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर्स में ‘तपेदिक सेवाओं के लिये परिचालन संबंधी दिशा-निर्देश’ और ‘कुष्ठ रोग के सक्रिय मामलों की पहचान व उनकी नियमित निगरानी संबंधी दिशा-निर्देश 2020’ जारी किये गए हैं।

प्रमुख बिंदु:

सम्मेलन के बारे में:

  • स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय भारत में सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवा प्रणालियों में अच्छे और प्रतिकारक अभ्यास तथा नवाचारों पर राष्ट्रीय शिखर सम्मेलन आयोजित करता है।
    • इस तरह का पहला शिखर सम्मेलन वर्ष 2013 में सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली में विभिन्न सर्वोत्तम प्रथाओं और नवाचारों को पहचानने, प्रस्तुत करने और उनका दस्तावेज़ीकरण करने के लिये श्रीनगर में आयोजित किया गया था।
    • इन सम्मेलनों में प्रस्तुत अभ्यास और नवाचार प्रजनन, मातृ, नवजात, बाल स्वास्थ्य और किशोर स्वास्थ्य (RMNCH+A- Reproductive, Maternal, Neonatal, Child Health and Adolescent Health) से लेकर संचारी रोगों (क्षय रोग, मलेरिया और अन्य वेक्टर जनित रोग और कुष्ठ रोग सहित) के गैर-संचारी रोग नियंत्रण कार्यक्रमों से संबंधित होते हैं।
    • इनमें ऐसे नवाचार भी शामिल हैं जो स्वास्थ्य समस्याओं से संबंधित प्रणालियों को लागू करते हैं जैसे कि स्वास्थ्य देखभाल में निरंतरता को मज़बूत करने के लिये क्षमता निर्माण में मानव संसाधन की कमी और चुनौतियों के समाधान के लिये सूचना प्रौद्योगिकी का उपयोग करना।

7वें राष्ट्रीय शिखर सम्मेलन के प्रमुख बिंदु:

  • वर्ष 2020 में ‘नेशनल हेल्थकेयर इनोवेशन पोर्टल’ पर राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों द्वारा 210 नवाचार प्रस्तुत किये गए।
    • राष्ट्रीय स्वास्थ्य नवप्रवर्तन पोर्टल को अच्छे व्यवहार और नवाचारों के संग्रहण और उनके प्रसार की सुविधा हेतु सार्वजनिक डोमेन में एक मंच के तौर पर सेवा देने के लिये शुरू किया गया था, जो प्रतिकृति के रूप में पाए जाते हैं।
  • कोविड-19 महामारी ने पीपीई किट, वेंटीलेटर, मास्क, वैक्सीन आदि के निर्माण के क्षेत्र में देश को आत्मनिर्भर बना दिया है।
  • स्वास्थ्य मंत्रालय के ई-संजीवनी डिजिटल प्लेटफॉर्म पर 1 मिलियन से अधिक टेली-परामर्श किये गए हैं।
    • ई-संजीवनी एक ‘डॉक्टर-टू-डॉक्टर’ (Doctor to Doctor) टेलीमेडिसिन प्रणाली है, जिसे आयुष्मान भारत स्वास्थ्य और कल्याण केंद्र कार्यक्रम के तहत कार्यान्वित किया जा रहा है।
  • स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग ने ई-संजीवनी डिजिटल प्लेटफॉर्म के लिये ओपन डेटा चैंपियन श्रेणी के तहत डिजिटल इंडिया पुरस्कार, 2020 जीता है।
    • इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय के तहत राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र ( National Informatics Centre- NIC) ई-गवर्नेंस और सरकारी सेवा वितरण तंत्र के डिजिटल परिवर्तन में नवाचार को बढ़ावा देने के लिये द्विवार्षिक डिजिटल इंडिया अवार्ड का आयोजन कर रहा है।
  • डिजिटल परिवर्तन ने देश को एक राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करने में सक्षम बनाया है जो कुशल, सुलभ, समावेशी, सस्ते एवं समय पर तथा सुरक्षित तरीके से यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज का समर्थन करता है।
  • स्वास्थ्य सेवा पारिस्थितिकी तंत्र में नवाचारों पर विचार मंथन के लिये ज़मीनी स्तर के स्वास्थ्यकर्मियों को शामिल कर उन्हें एकीकृत करने की आवश्यकता है। जो लोगों के स्वास्थ्य वितरण प्रणाली के साथ काम करने के उनके अनुभव और विशेषज्ञता से उत्पन्न होता है।

स्वास्थ्य डिजिटलीकरण के हालिया उदाहरण:

राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य मिशन (NDHM)

  • NDHM एक पूर्ण डिजिटल स्वास्थ्य पारिस्थितिकी तंत्र है। डिजिटल प्लेटफॉर्म चार प्रमुख विशेषताओं के साथ लॉन्च किया जाएगा- स्वास्थ्य आईडी, व्यक्तिगत स्वास्थ्य रिकॉर्ड, डिजी डॉक्टर और स्वास्थ्य सुविधा रजिस्ट्री।

आरोग्य सेतु एप

  • इसका उद्देश्य ब्लूटूथ आधारित संपर्क स्थापित करने में सक्षम बनाने और संभावित हॉटस्पॉटों की मैपिंग तथा कोविड-19 के बारे में प्रासंगिक जानकारी का प्रसार करना है।

स्वास्थ्य डेटा प्रबंधन प्रणाली

  • यह राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन और अन्य स्वास्थ्य कार्यक्रमों की निगरानी, नीति निर्माण तथा उचित कार्यक्रमों के हस्तक्षेप से महत्त्वपूर्ण जानकारी प्रदान करने हेतु ‘सरकार-से-सरकार’ (G2G) वेब-आधारित निगरानी सूचना प्रणाली है।
  • HMIS को अक्तूबर 2008 में लॉन्च किया गया था। वर्तमान में HMIS वेब पोर्टल पर लगभग 2 लाख स्वास्थ्य सुविधाएँ (सभी राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों में) उपलब्ध हैं, जिसके अंतर्गत मासिक आधार पर सेवा वितरण डेटा, तिमाही आधार पर प्रशिक्षण डेटा और वार्षिक आधार पर आधारभूत संरचना संबंधी डेटा अपलोड किया जाता है।
  • HMIS का उपयोग स्वास्थ्य सुविधाओं की ग्रेडिंग, आकांक्षी ज़िलों की पहचान, राज्य कार्यक्रम कार्यान्वयन योजना (PIPs) की समीक्षा आदि में किया गया है।
  • HMIS के माध्यम से प्राप्त विश्लेषणात्मक रिपोर्ट भी अंतर विश्लेषण और साक्ष्य आधारित कार्यप्रणाली संबंधी सुधार प्रदान करती है।
  • सेवा वितरण डेटा में प्रजनन, मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य संबंधी, टीकाकरण, परिवार नियोजन, वेक्टर जनित रोग, तपेदिक, रुग्णता, मृत्यु दर, ओपीडी (OPD), आईपीडी सेवा (IPD Services), सर्जरी आदि शामिल हैं।
    • प्रशिक्षण डेटा (प्रशिक्षण ज़िला और राज्य स्तर पर मेडिकल एवं पैरामेडिकल स्टाफ को त्रैमासिक आधार पर प्रदान किया जाता है)।
    • आधारभूत संरचना डेटा- श्रमशक्ति, उपकरण, स्वच्छता, भवन, चिकित्सा सेवाओं की उपलब्धता जैसे सर्जरी आदि, सुपर स्पेशियलिटी सर्विसेज़, कार्डियोलॉजी, डायग्नोस्टिक्स, पैरा मेडिकल व क्लिनिकल सर्विसेज़ आदि (वार्षिक आधार पर) ।
  • HMIS पोर्टल एक वेब आधारित स्वास्थ्य प्रबंधन सूचना प्रणाली इंटरफेस का उपयोग करके उप-ज़िला, ज़िला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर तक इसके भौतिक प्रदर्शन के प्रवाह को सुविधाजनक बनाता है।
  • नवीन HMIS डेटा, सूचना और बुनियादी ढाँचे की सेवाओं की विस्तृत श्रंखला के माध्यम से एक समेकित ऑनलाइन प्लेटफॉर्म प्रदान करता है।

स्रोत- PIB