धन्यवाद प्रस्ताव | 09 Feb 2024

प्रिलिम्स के लिये:

धन्यवाद प्रस्ताव, संसद, राज्यसभा, 75वाँ गणतंत्र दिवस, प्रत्यक्ष विदेशी निवेश, खादी और ग्रामोद्योग

मेन्स के लिये:

संसद, संसद में प्रस्ताव, सरकारी नीतियाँ और हस्तक्षेप

स्रोत: पी. आई. बी.

चर्चा में क्यों? 

हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा का जवाब दिया। सदन को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि 75वाँ गणतंत्र दिवस देश की यात्रा में एक महत्त्वपूर्ण मील का पत्थर है और राष्ट्रपति ने अपने अभिभाषण के दौरान भारत के आत्मविश्वास की चर्चा की।

धन्यवाद प्रस्ताव क्या है?

  • धन्यवाद प्रस्ताव एक संसदीय प्रक्रिया है जिसमें संसद के दोनों सदनों में राष्ट्रपति के अभिभाषण के प्रति आभार या प्रशंसा व्यक्त करने के लिये एक औपचारिक प्रस्ताव प्रस्तुत किया जाता है।
    • राष्ट्रपति का अभिभाषण सरकार की नीति का विवरण होता है और इसे सरकार द्वारा तैयार किया जाता है। इसमें पिछले वर्ष के दौरान सरकार की विभिन्न गतिविधियों तथा उपलब्धियों की समीक्षा शामिल है एवं उन नीतियों, परियोजनाओं व कार्यक्रमों को निर्धारित किया गया है जिन्हें सरकार महत्त्वपूर्ण राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों से संबंधित आगे बढ़ाना चाहती है।
  • अनुच्छेद 87 में प्रावधान है कि लोकसभा के प्रत्येक आम चुनाव के बाद पहले सत्र के प्रारंभ में और प्रत्येक वर्ष के पहले सत्र के प्रारंभ में राष्ट्रपति संसद के दोनों सदनों को एक साथ संबोधित करेगा तथा संसद को सत्र आहूत करने के कारणों के बारे में सूचित करेगा।
    • किसी भी सदन की प्रक्रिया को नियंत्रित करने वाले नियम अभिभाषण में संदर्भित मामलों पर चर्चा के लिये समय के आवंटन का प्रावधान करेंगे।
    • इस तरह के संबोधन को 'विशेष संबोधन' कहा जाता है और यह एक वार्षिक विशेषता भी है।
  • ब्रिटेन में 'राजशाही/सिंहासन से भाषण' (Speech From The Throne) के समान राष्ट्रपति के अभिभाषण पर संसद के दोनों सदनों में 'धन्यवाद प्रस्ताव' नामक एक प्रस्ताव के माध्यम से चर्चा की जाती है।
    • संशोधन अभिभाषण में निहित मामलों के साथ-साथ उन मामलों को भी संदर्भित कर सकते हैं जिनका सदस्य की राय में अभिभाषण उल्लेख करने में विफल रहा है।
      • यदि किसी भी संशोधन को सदन के समक्ष रखा जाता है तथा स्वीकार किया जाता है तो धन्यवाद प्रस्ताव संशोधित रूप में स्वीकार किया जाता है।
    • चर्चा के समापन पर प्रस्ताव पर मतदान कराया जाता है।
  • धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा प्रधानमंत्री या किसी अन्य किसी मंत्री द्वारा उत्तर दिये जाने पर समाप्त हो जाती है। इसके तुरंत बाद संशोधन निपटाए जाते हैं और धन्यवाद प्रस्ताव मतदान के लिये रखा जाता है तथा स्वीकृत किया जाता है।
  • धन्यवाद प्रस्ताव सदन में पारित होना चाहिये अन्यथा यह सरकार की हार मानी जाती है। यह उन तरीकों में से एक है जिसके माध्यम से लोकसभा में सरकार अविश्वास में आ सकती है।
  • धन्यवाद प्रस्ताव की प्रक्रिया में सदस्य उन मामलों का उल्लेख नहीं कर सकते जो केंद्र सरकार के प्रत्यक्ष उत्तरदायित्व से संबंधित नहीं हैं अथवा बहस में राष्ट्रपति के नाम का उल्लेख नहीं कर सकते हैं जो इसकी परिसीमा को दर्शाती है। 

राष्ट्रपति के अभिभाषण से संबंधित प्रमुख बिंदु क्या हैं?

  • सबसे तेज़ी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था:
  • समष्टि-अर्थशास्त्र की स्थिरता:
    • सरकार ने समष्टि-अर्थशास्त्र (Macroeconomic) की स्थिरता पर ध्यान केंद्रित किया जिसके परिणामस्वरूप भारत 'कमज़ोर 5' से 'शीर्ष 5' अर्थव्यवस्थाओं में शामिल हुआ।
      • समष्टि-अर्थशास्त्र स्थिरता का आशय एक ऐसी राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था से है जिसकी बाह्य कारकों के प्रति संवेदनशीलता कम हुई है जिसके परिणामस्वरूप निरंतर विकास की संभावनाएँ बढ़ जाती हैं।
      • यह वैश्विक बाज़ार में मुद्रा और ब्याज के उतार-चढ़ाव के विरुद्ध एक बफर के रूप में कार्य करता है।
        • मुद्रा में उतार-चढ़ाव, अत्यधिक ऋण भार और अनियंत्रित मुद्रास्फीति के कारण आर्थिक संकट एवं सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में गिरावट आ सकती है।
  • प्रभावशाली निर्यात आँकड़े: 
    • भारत के निर्यात में पर्याप्त वृद्धि देखी गई, जो बढ़कर 775 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक हो गया, जो देश के आर्थिक लचीलेपन को दर्शाता है।
  • प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) में वृद्धि: 
    • FDI प्रवाह दोगुना वृद्धि हुई, जिससे भारत की आर्थिक शक्ति में वृद्धि हुई।
    • वर्ष 2014-2015 में भारत 45.15 बिलियन अमेरिकी डॉलर पर था और तब से लगातार आठ वर्षों तक रिकॉर्ड FDI प्रवाह तक पहुँच गया है। वर्ष 2021-22 में अब तक का सबसे अधिक 83.6 बिलियन अमेरिकी डॉलर का FDI दर्ज किया गया।
      • वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान 71 बिलियन अमेरिकी डॉलर (अनंतिम आँकड़ा) का FDI प्रवाह दर्ज किया गया है।
  • खादी और ग्रामोद्योग में तेज़ी: 
    • वित्तीय वर्ष 2013-14 से वित्तीय वर्ष 2022-23 तक खादी और ग्रामोद्योग उत्पादों की बिक्री चार गुनी हो गई, जो स्वदेशी उद्योगों को समर्थन देने वाली पहल की सफलता को दर्शाती है।
  • आयकर रिटर्न में बढ़ोतरी: 
    • वर्ष 2023-2024.आयकर रिटर्न दाखिल करने वाले लोगों की संख्या निर्धारण वर्ष (AY) 2013-14 में लगभग 3.25 करोड़ से बढ़कर वर्ष 2023-2024 लगभग 8.25 करोड़ हो गई।
  • मज़बूत विदेशी मुद्रा भंडार: 
  • पीएम-किसान सम्मान निधि योजना: 
    • पीएम-किसान सम्मान निधि योजना के तहत किसानों को 2.8 लाख करोड़ रुपए से अधिक प्राप्त हुए, जो कृषि आजीविका का समर्थन करने के लिये सरकार की प्रतिबद्धता पर ज़ोर देता है।
  • किसानों के लिये ऋण: 
    • पिछले एक दशक में किसानों के लिये बैंकों से आसान ऋण में तीन गुना वृद्धि हुई है, जिससे कृषक समुदाय की वित्तीय कल्याण सुनिश्चित हुआ है।
  • प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की सफलता: 
    • राष्ट्रपति ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की सफलता पर प्रकाश डालते हुए बताया कि इस योजना के तहत किसानों को 30,000 करोड़ रुपए का प्रीमियम भुगतान किया गया और उन्हें 1.5 लाख करोड़ रुपए का दावा (Claim) प्रदान किया गया।
  • राम मंदिर निर्माण:
    • राष्ट्रपति ने अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के ऐतिहासिक अवसर पर प्रकाश डाला।
      • उन्होंने मंदिर निर्माण की सदियों पुरानी आकांक्षा की पूर्णता पर प्रकाश डालते हुए इसे राष्ट्र के लिये सांस्कृतिक दृष्टि से एक महान व बड़ी उपलब्धि बताया।
    • राष्ट्रपति ने अयोध्या में पाँच दिनों के अभिषेक समारोह के दौरान 13 लाख श्रद्धालुओं की विशाल उपस्थिति का हवाला देते हुए विरासत स्थल संबंधी पर्यटन को बढ़ावा देने में सरकार की भूमिका को रेखांकित किया।

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रिलिम्स

प्रश्न. भारत की संसद् किसके/किनके द्वारा मंत्रिपरिषद् के कृत्यों के ऊपर नियंत्रण रखती है? (2017)

  1. स्थगन प्रस्ताव
  2. प्रश्न काल
  3. अनुपूरक प्रश्न

नीचे दिये गए कूट का प्रयोग करके सही उत्तर चुनिये:

(a) केवल 1
(b) केवल 2 और 3
(c) केवल 1 और 3
(d) 1, 2 और 3

उत्तर: (d)


मेन्स:

प्रश्न.1 आपकी दृष्टि में, भारत में कार्यपालिका की जवाबदेही को निश्चित करने में संसद कहाँ तक समर्थ है? (2021)

प्रश्न.2 क्या आपके विचार में भारत का संविधान शक्तियों के कठोर पृथक्करण के सिद्धांत की स्वीकार नहीं करता है, बल्कि यह 'नियंत्रण एवं संतुलन' के सिद्धान्त पर आधारित है? व्याख्या कीजिये। (2019)