भारत-नेपाल संबंध | 28 Dec 2022

प्रिलिम्स के लिये:

वर्ष 1950 में शांति और मित्रता की संधि, कालापानी सीमा मुद्दा

मेन्स के लिये:

भारत-नेपाल संबंध, महत्त्व, संबद्ध चुनौतियाँ और उन्हें हल करने के तरीके

चर्चा में क्यों

पुष्‍प कमल दहल ‘प्रचंड’ को नेपाल के नए प्रधानमंत्री के रूप में शपथ दिलाई गई।

  • ऐसा माना जाता है कि देउबा के पूर्ववर्ती - केपी शर्मा ओली चीन समर्थक थे और इस तरह कम्युनिस्ट ताकतों के एक साथ आने से नेपाल-भारत संबंधों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है।
  • वर्ष 2015-2016 और वर्ष 2018-2021 तक ओली के कार्यकाल के दौरान संबंधों में कड़वाहट के बाद वर्ष 2021 में देउबा के प्रधानमंत्री बनने के पश्चात् भारत-नेपाल संबंधों में सुधार हुआ था।

दोनों देशों के बीच सहयोग के क्षेत्र: 

  • व्यापार और अर्थव्यवस्था: 
    • वित्त वर्ष 2019-20 में द्विपक्षीय व्यापार 7 बिलियन अमेरिकी डॉलर को पार करने के साथ भारत, नेपाल का सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार बना हुआ है।
    • भारत बाकी विश्व से व्यापार के लिये नेपाल को पारगमन सुविधा प्रदान करता है।
    • भारतीय फर्में नेपाल में सबसे बड़े निवेशकों में से हैं जिनका नेपाल में कुल विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (FDI) स्टॉक का 33% से अधिक हिस्सा है और यह लगभग 500 मिलियन अमेरिकी डॉलर का है।
  • कनेक्टिविटी: 
    • नेपाल एक भू-आबद्ध देश होने के कारण तीन तरफ से भारत से घिरा हुआ है और एक तरफ तिब्बत की ओर खुला है जहाँ बहुत सीमित वाहनों की पहुँच है।
    • भारत-नेपाल ने लोगों से लोगों के बीच संपर्क बढ़ाने और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिये विभिन्न संपर्क कार्यक्रम शुरू किये हैं।
    • भारत व्यापार और पारगमन व्यवस्था के ढाँचे के भीतर कार्गो की आवाजाही के लिये अंतर्देशीय जलमार्ग विकसित करना चाहता है, नेपाल को सागर (हिंद महासागर) के साथ सागरमाथा (माउंट एवरेस्ट) को जोड़ने के लिये समुद्र तक अतिरिक्त पहुँच प्रदान करता है।
  • रक्षा सहयोग:
    • द्विपक्षीय रक्षा सहयोग में उपकरण और प्रशिक्षण के प्रावधान के माध्यम से नेपाली सेना को उसके आधुनिकीकरण में सहायता देना शामिल है।
    • भारतीय सेना की गोरखा रेजीमेंट का गठन आंशिक रूप से नेपाल के पहाड़ी ज़िलों से भर्ती करके किया जाता है।
    • भारत वर्ष 2011 से हर साल नेपाल के साथ एक संयुक्त सैन्य अभ्यास करता है जिसे 'सूर्य किरण' के नाम से जाना जाता है।
  • मानवीय सहायता:
    • नेपाल एक संवेदनशील पारिस्थितिक क्षेत्र में स्थित है, जो भूकंप और बाढ़ से ग्रस्त है, जिससे जीवन एवं धन दोनों को भारी नुकसान होता है, इसकी वजह से यह भारत की मानवीय सहायता का सबसे बड़ा प्राप्तकर्त्ता बना रहता है।
  • बहुपक्षीय साझेदारी:
    • भारत और नेपाल BBIN (बांग्लादेश, भूटान, भारत और नेपाल), बिम्सटेक (बहु क्षेत्रीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग के लिये बंगाल की खाड़ी पहल), गुटनिरपेक्ष आंदोलन और सार्क (क्षेत्रीय सहयोग के लिये दक्षिण एशियाई संघ) जैसे कई बहुपक्षीय मंचों को साझा करते हैं।

चुनौतियाँ:

  • प्रादेशिक विवाद:  भारत-नेपाल संबंधों में मुख्य चुनौतियों में से एक कालापानी सीमा मुद्दा है। इन सीमाओं को वर्ष 1816 में अंग्रेज़ो द्वारा तय किया गया था और भारत को वे क्षेत्र विरासत में मिले थे जिन पर अंग्रेज़ो का वर्ष 1947 में क्षेत्रीय नियंत्रण था।
  • शांति एवं मैत्री संधि से संबंधित मुद्दे: ब्रिटिश भारत के साथ अपने विशेष संबंधों को जारी रखने और उन्हें एक खुली सीमा के साथ भारत में काम करने का अधिकार प्रदान करने के लिये वर्ष 1949 में नेपाली अधिकारियों द्वारा शांति एवं मैत्री संधि की मांग की गई थी जिस पर वर्ष 1950 में सहमती बनी थी।
    • लेकिन वर्तमान में इस संधि को दोनों देशों के बीच विषम संबंधों और भारतीय प्रभाव थोपने के संकेत के रूप में देखा जाता है।
  • चीन का हस्तक्षेप: 
    • नेपाल हाल के वर्षों में भारत के प्रभाव से दूर हो गया है और चीन ने धीरे-धीरे इस स्थान को निवेश, सहायता और ऋण से भर दिया है।
    • चीन जो कि नेपाल को अपने बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) में एक प्रमुख भागीदार मानता है, वैश्विक व्यापार को बढ़ावा देने की अपनी भव्य योजनाओं के हिस्से के रूप में नेपाल के बुनियादी ढाँचे में निवेश करना चाहता है।
  • आंतरिक सुरक्षा: यह भारत के लिये एक प्रमुख चिंता का विषय है क्योंकि भारत-नेपाल सीमा वस्तुतः खुली है जिसका उपयोग भारत के उत्तर-पूर्वी क्षेत्र के आतंकवादी संगठनों और विद्रोही समूहों द्वारा प्रशिक्षित कैडरों की आपूर्ति, नकली भारतीय मुद्रा आपूर्ति के लिये किया जाता है। 

आगे की राह

  • वर्तमान समय में क्षेत्रीय राष्ट्रवाद पर बयानबाज़ी से बचने और शांति से बातचीत के लिये आधार तैयार करने की ज़रूरत है जहाँ दोनों पक्ष संवेदनशीलता प्रदर्शित करते हैं क्योंकि इससे यह पता लगाया जा सकता है कि आगे क्या संभव है! भारत को 'नेबरहुड फर्स्ट' को जड़ से उखाड़ने के लिये एक संवेदनशील और उदार भागीदार बनने की ज़रूरत है। 
  • भारत को लोगों से लोगों के जुड़ाव, नौकरशाही जुड़ाव के साथ-साथ राजनीतिक बातचीत के मामले में नेपाल के साथ अधिक सक्रिय रूप से जुड़ना चाहिये।
  • भारत और नेपाल के बीच हस्ताक्षरित द्विपक्षीय निवेश संवर्द्धन और संरक्षण समझौते (Bilateral Investment Promotion and Protection Agreement- BIPPA) पर नेपाल की ओर से अधिक ध्यान दिये जाने की आवश्यकता है।

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न (PYQs)  

प्रश्न. कभी-कभी समाचारों में उल्लेखित समुदाय के संदर्भ में निम्नलिखित युग्मों पर विचार कीजिये: (वर्ष 2016)

  1. कुर्द बांग्लादेश 
  2. मधेसी नेपाल 
  3. रोहिंग्या म्याँमार

उपर्युक्त युग्मों में से कौन-सा/से सही सुमेलित है/हैं?

(a) केवल 1 और  2
(b) केवल 2
(c) केवल 2 और 3
(d) केवल 3

 उत्तर: (c)

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस