भारत-घाना संबंध | 03 Jul 2025
प्रिलिम्स के लिये:एकीकृत भुगतान इंटरफ़ेस, भारतीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग (ITEC) कार्यक्रम, डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना, ई-विद्याभारती और ई-आरोग्यभारती (e-VBAB) मेन्स के लिये:दक्षिण-दक्षिण सहयोग को बढ़ावा देने में भारत की भूमिका, भारत-अफ्रीका संबंध |
स्रोत: पी.आई.बी.
चर्चा में क्यों?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की घाना की राजकीय यात्रा (जो 30 वर्षों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली यात्रा थी) भारत-अफ्रीका संबंधों में एक ऐतिहासिक मील का पत्थर साबित हुई।
- इस यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान - द ऑफिसर ऑफ द ऑर्डर ऑफ द स्टार ऑफ घाना से सम्मानित किया गया।
घाना
- स्थान: घाना (राजधानी अकरा) एक पश्चिमी अफ्रीकी देश है, जिसकी सीमा पश्चिम में कोट डी आइवर, उत्तर में बुर्किना फासो, पूर्व में टोगो तथा दक्षिण में गिनी की खाड़ी और अटलांटिक महासागर से लगती है।
- महत्त्व: सहारा के दक्षिण में स्थित घाना वर्ष 1957 में स्वतंत्रता प्राप्त करने वाला पहला अश्वेत अफ्रीकी देश था, जिसका नाम मध्ययुगीन घाना साम्राज्य के नाम पर रखा गया था।
- इसे विशाल सोने के संसाधनों के लिये जाना जाता है और इसे गोल्ड कोस्ट कहा जाता था। यहाँ पर 19वीं शताब्दी में लाया गया कोको, निर्यात की प्रमुख वस्तु बना हुआ है।
- 1990 के दशक से घाना में राजनीतिक स्थिरता के साथ आर्थिक सुधार देखा गया है और अब इसे अफ्रीका में लोकतांत्रिक शासन एवं सुधार के लिये एक मॉडल के रूप में उद्धृत किया जाता है।
- पर्वत और झीलें: माउंट अफादजातो, माउंट जेबोबो और माउंट टोरोगबानी घाना में वोल्टा नदी के पूर्व में टोगो की सीमा के पास स्थित हैं। ये पर्वत टोगो-अताकोरा पर्वत शृंखला का हिस्सा हैं।
- वोल्टा झील, विश्व की सबसे बड़ी कृत्रिम झीलों में से एक है।
प्रधानमंत्री की घाना की राजकीय यात्रा के प्रमुख परिणाम क्या हैं?
- द्विपक्षीय सहयोग: दोनों देश संबंधों को व्यापक साझेदारी तक बढ़ाने पर सहमत हुए।
- रणनीतिक प्रस्ताव: भारत ने एकीकृत भुगतान इंटरफेस (UPI) सहित डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना संबंधी अनुभवों को साझा किया।
- भारत ने ग्लोबल साउथ हेतु एक सशक्त आवाज़ के रूप में अपनी भूमिका की पुष्टि की तथा घाना को उसके समर्थन के लिये धन्यवाद दिया।
- हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापन (MoUs):
- सांस्कृतिक आदान-प्रदान कार्यक्रम (CEP) पर समझौता ज्ञापन: यह कला, संगीत, नृत्य, साहित्य और विरासत में अधिक सांस्कृतिक समझ तथा आदान-प्रदान को बढ़ावा देने पर केंद्रित है।
- भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) और घाना मानक प्राधिकरण (GSA) के बीच समझौता ज्ञापन: इसका उद्देश्य मानकीकरण, प्रमाणन और अनुरूपता मूल्यांकन में सहयोग को बढ़ावा देना है।
- पारंपरिक एवं वैकल्पिक चिकित्सा संस्थान (ITAM), घाना और आयुर्वेद शिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान (ITRA), भारत के बीच समझौता ज्ञापन: यह पारंपरिक चिकित्सा शिक्षा, प्रशिक्षण एवं अनुसंधान में सहयोग पर केंद्रित है।
- संयुक्त आयोग की बैठक पर समझौता ज्ञापन: यह उच्च स्तरीय वार्ता को संस्थागत बनाने तथा नियमित आधार पर द्विपक्षीय सहयोग तंत्र की समीक्षा करने पर केंद्रित है।
समय के साथ भारत और घाना के संबंध किस प्रकार विकसित हुए हैं?
- प्रारंभिक राजनयिक संबंध: भारत ने वर्ष 1953 में अकरा में एक प्रतिनिधिक कार्यालय खोला तथा वर्ष 1957 में पूर्ण राजनयिक संबंध स्थापित किये और इसी वर्ष घाना को स्वतंत्रता मिली।
- साझा वैश्विक मंच: भारत और घाना गुट निरपेक्ष आंदोलन के संस्थापक सदस्य हैं और ये अनवरत वैश्विक मुद्दों जैसे कि उपनिवेशवाद से मुक्ति एवं दक्षिण-दक्षिण सहयोग पर एकजुट रहे हैं।
- संस्थागत तंत्र :
- भारत-घाना संयुक्त आयोग (1995) द्वारा नियमित उच्च स्तरीय वार्ता की सुविधा प्रदान की जाती है।
- संयुक्त व्यापार समिति एवं विदेश कार्यालय परामर्श से व्यापार और कूटनीतिक समन्वय को मज़बूती मिलती है।
- आर्थिक संबंध: भारत घाना का एक प्रमुख व्यापारिक साझेदार है, जिसका द्विपक्षीय व्यापार वर्ष 2024-25 में 3 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक हो गया।
- घाना द्वारा भारत को सोना, कोको और काजू का निर्यात किया जाता है जबकि भारत द्वारा फार्मास्यूटिकल्स, कृषि मशीनरी और वस्त्र का निर्यात किया जाता है।
- व्यापार संतुलन आमतौर पर घाना के पक्ष में है, जो मुख्य रूप से सोने के निर्यात (70% की हिस्सेदारी) पर निर्भर है।
- भारतीय फार्मास्यूटिकल्स द्वारा घाना की स्वास्थ्य सेवा प्रणाली में प्रमुख भूमिका निभाई जाती है और भारतीय कंपनियों ने घाना में लगभग 900 परियोजनाओं के तहत लगभग 2 बिलियन अमेरिकी डॉलर का निवेश किया है।
- घाना द्वारा भारत को सोना, कोको और काजू का निर्यात किया जाता है जबकि भारत द्वारा फार्मास्यूटिकल्स, कृषि मशीनरी और वस्त्र का निर्यात किया जाता है।
- विकास परियोजनाएँ और वित्तीय सहायता: भारत ने ग्रामीण विद्युतीकरण के साथ चीनी तथा मछली प्रसंस्करण परियोजनाओं हेतु घाना को रियायती ऋण (LoCs) और अनुदान के रूप में 450 मिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक की सहायता प्रदान की है।
- भारत ने घाना-बुर्किना फासो संपर्क गलियारे के हिस्से के रूप में वोल्टा नदी पर 300 मीटर के पुल सहित तेमा-मपाकादन रेलवे परियोजना का समर्थन किया, जिससे घाना में बुनियादी ढाँचे, संपर्क और व्यापार को बढ़ावा मिला।
- डिजिटल सहयोग: घाना-इंडिया कोफी अन्नान ICT उत्कृष्टता केंद्र (2003) पश्चिम अफ्रीका का शीर्ष IT अनुसंधान और शिक्षा केंद्र है।
- पैन-अफ्रीकी ई-नेटवर्क द्वारा भारतीय संस्थानों के माध्यम से टेलीमेडिसिन और टेली-शिक्षा प्रदान की जाती है।
- भारतीय तकनीकी एवं आर्थिक सहयोग (ITEC) कार्यक्रम के अंतर्गत 1,100 से अधिक घानावासियों को प्रशिक्षण प्रदान किया गया।
- घाना, भारत की ई-विद्याभारती और ई-आरोग्यभारती (e-VBAB) नेटवर्क परियोजना में शामिल हुआ है जिसके तहत भारत, प्रतिष्ठित भारतीय संस्थानों के माध्यम से IT, स्वास्थ्य सेवा, व्यवसाय, पर्यटन और कला जैसे क्षेत्रों में अफ्रीका के छात्रों को ऑनलाइन छात्रवृत्ति प्रदान करता है।
- भारतीय समुदाय: घाना में भारतीय समुदाय द्वारा समर्थित हिंदू मंदिर, गुरुद्वारा और हिंदू मठ हैं। ISKCON (ज़्यादातर घानावासियों द्वारा संचालित) और सांस्कृतिक केंद्रों द्वारा सक्रिय रूप से भारतीय परंपराओं को बढ़ावा दिया जाता है।
- यहाँ पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का स्वागत "हरे राम हरे कृष्ण" नारे के साथ किया गया, जो दोनों देशों के बीच गहन सांस्कृतिक संबंधों के साथ भारत की बढ़ती सॉफ्ट पाॅवर को दर्शाता है।
भारत-अफ्रीका संबंध
- आर्थिक संबंध: फरवरी 2025 तक भारत, अफ्रीका का चौथा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार बना हुआ है जिसका द्विपक्षीय व्यापार 100 बिलियन अमेरिकी डॉलर है।
- अफ्रीका में भारतीय निवेश 75 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुँच गया है, जिसे वर्ष 2030 तक दोगुना करने का लक्ष्य है।
- विकास और क्षमता निर्माण: भारत ने बुनियादी ढाँचे, ऊर्जा और कृषि में 200 से अधिक परियोजनाओं हेतु 12 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक का रियायती ऋण प्रदान किया है।
- ITEC, पैन-अफ्रीकी ई-नेटवर्क, e-VBAB जैसी पहल मानव पूंजी विकास को बढ़ावा देने पर केंद्रित हैं।
- अफ्रीका को समर्थन: G20 की अध्यक्षता के दौरान भारत ने अफ्रीकी संघ की स्थायी सदस्यता का समर्थन किया।
- भारत-अफ्रीका फोरम शिखर सम्मेलन जैसे मंचों का उपयोग गहन सहयोग को बढ़ावा देने के लिये किया जा रहा है।
- सामरिक और समुद्री सुरक्षा संबंध: हिंद महासागर क्षेत्र में अफ्रीका का स्थान भारत की समुद्री सुरक्षा तथा समुद्री मार्गों के लिये महत्त्वपूर्ण है।
- मॉरीशस में भारत का पहला ओवरसीज़ नौसैनिक अड्डा (वर्ष 2024) और भारत-अफ्रीका सेना प्रमुख सम्मेलन (वर्ष 2023) बढ़ते रक्षा सहयोग को दर्शाते हैं।
- ऊर्जा और क्रिटिकल मिनरल्स की सुरक्षा: अफ्रीका द्वारा भारत को कच्चे तेल (जैसे, नाइजीरिया, अंगोला से) के साथ कोबाल्ट तथा मैंगनीज जैसे क्रिटिकल खनिजों की आपूर्ति की जाती है जो स्वच्छ ऊर्जा अपनाने की दिशा में भारत के लिये महत्त्वपूर्ण हैं।
- सांस्कृतिक एवं ऐतिहासिक आधार: प्रवासी भारतीयों के माध्यम से दोनों के बीच मज़बूत संबंध के साथ साझा औपनिवेशिक इतिहास तथा स्वतंत्रता आंदोलनों (जैसे, गांधी-मंडेला) से पारस्परिक प्रेरणा मिलती है।
- प्रौद्योगिकी और नवाचार सहयोग: भारत, भारतीय IT और स्टार्टअप के माध्यम से अफ्रीका के डिजिटल परिवर्तन, स्मार्ट शहरों एवं फिनटेक में साझेदारी कर रहा है।
- भारत ने अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन के तहत अफ्रीका में सौर परियोजनाओं हेतु 2 बिलियन अमेरिकी डॉलर देने की प्रतिबद्धता जताई।
- भारत-जापान-अफ्रीका त्रिपक्षीय भागीदारी: एशिया अफ्रीका ग्रोथ कॉरिडोर (AAGC) के माध्यम से भारत समावेशी विकास के क्रम में जापान की पूंजी, भारत की तकनीक और अफ्रीका के युवाओं की भूमिका पर बल देता है।
दृष्टि मुख्य परीक्षा प्रश्न: प्रश्न: भारत, घाना की राष्ट्र-निर्माण यात्रा में न केवल भागीदार है बल्कि सह-यात्री भी है। इस कथन के आलोक में भारत-घाना संबंधों की व्यापक प्रकृति का आकलन कीजिये। |
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