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ह्यूमन राइट्स वॉच की वर्ल्ड रिपोर्ट 2023 | 13 Jan 2023 | सामाजिक न्याय

प्रिलिम्स के लिये:

यूनिवर्सल डिक्लेरेशन ऑफ ह्यूमन राइट (UDHR), मानवाधिकारों को सशक्त बनाने के लिये भारत की पहल, हेलसिंकी समझौता 

मेन्स के लिये:

मानवाधिकारों के लिये भारत की विभिन्न पहल और हाल के वर्षों में देश में मानवाधिकारों के उल्लंघन के विरोधाभासी उदाहरण।

चर्चा में क्यों? 

हाल ही में ह्यूमन राइट्स वॉच ने अपनी वर्ल्ड रिपोर्ट 2023 (33वाँ संस्करण) में कहा कि भारतीय अधिकारियों ने वर्ष 2022 के दौरान कार्यकर्त्ता समूहों एवं मीडिया पर अपनी कार्यवाही को अधिक "तीव्र और व्यापक" कर दिया।

ह्यूमन राइट्स वॉच क्या है?

वर्ल्ड रिपोर्ट 2023 के भारत विशिष्ट निष्कर्ष: 

मानवाधिकारों के लिये भारत की पहलें:

अन्य समान रिपोर्ट:

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्षों के प्रश्न  

प्रिलिम्स:

प्रश्न. मौलिक अधिकारों के अलावा भारत के संविधान का निम्नलिखित में से कौन-सा भाग मानवाधिकारों की सार्वभौम घोषणा (1948) के सिद्धांतों और प्रावधानों को दर्शाता है या प्रतिबिंबित करता है? (2020)

  1. प्रस्तावना
  2. राज्य के नीति निर्देशक सिद्धांत 
  3. मौलिक कर्तव्य

नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये:

(a) केवल 1 और 2
(b) केवल 2
(c) केवल 1 और 3
(d) 1, 2 और 3

उत्तर: (d)


मेन्स:  

प्रश्न. यद्यपि मानवाधिकार आयोगों ने भारत में मानवाधिकारों की सुरक्षा में काफी हद तक योगदान दिया है, फिर भी वे ताकतवर और प्रभावशालियों के विरुद्ध अधिकार जताने में असफल रहे हैं। इनकी संरचनात्मक एवं व्यावहारिक सीमाओं का विश्लेषण करते हुए सुधारात्मक उपायों के सुझाव दीजिये। (2021) 

स्रोत: द हिंदू