विशेष रूप से कमज़ोर जनजातीय समूहों हेतु पहली बार व्यक्तिगत अधिकार सर्वेक्षण | 22 Nov 2025
चर्चा में क्यों?
केंद्र सरकार पहली बार 10 लाख विशेष रूप से कमज़ोर जनजातीय समूह (PVTG) परिवारों का ‘व्यक्तिगत अधिकार सर्वेक्षण’ आयोजित करने जा रही है, जिसका उद्देश्य 39 सरकारी योजनाओं की ज़मीनी स्तर पर पहुँच का मूल्यांकन करना है।
व्यक्तिगत अधिकार सर्वेक्षण क्या है?
- परिचय: जनजातीय कार्य मंत्रालय ने निगरानी के लिये 18 केंद्रीय विभागों में 39 योजनाओं की पहचान की है।
- इनमें MGNREGS, असंगठित श्रमिकों के लिये सामाजिक सुरक्षा, पेंशन, मेधावी अनुसूचित जनजाति छात्रों के लिये आर्थिक सहायता और विभिन्न प्रमुख कार्यक्रम शामिल हैं।
- सर्वेक्षण राज्यों की सरकारों के सहयोग से आयोजित किया जाएगा, जिसमें प्रक्रिया को पूरा करने में NGO या पंचायत अधिकारियों की मदद ली जा सकती है।
- क्षेत्र और विस्तार: सर्वेक्षण 1,000 ब्लॉकों में विस्तृत 10 लाख परिवारों को कवर करेगा, जिनमें लगभग 48 लाख PVTG निवास करते हैं।
- ये समूह 18 राज्यों और अंडमान और निकोबार केंद्रशासित प्रदेश में स्थित 75 मान्यता प्राप्त PVTG में फैले हैं।
- कार्यप्रणाली: सर्वेक्षक डेटा सीधे राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस डिविज़न (NeGD) द्वारा विकसित मोबाइल एप्लीकेशन में इनपुट करेंगे।
- सर्वेक्षण पूरा होने के बाद, सरकार प्रत्येक आदिवासी सदस्य को एक 'यूनिवर्सल एंटाइटलमेंट कार्ड' जारी करेगी, जिसमें उनके ट्रैक किये गए सरकारी योजनाओं के लिये उनके अधिकार की स्थिति का विवरण होगा।
विशेष रूप से कमज़ोर जनजातीय समूह (PVTG) क्या है?
- परिचय: विशेष रूप से कमज़ोर जनजातीय समूह (PVTGs) अनुसूचित जनजातियों का एक उप-वर्ग है, जो सामान्य अनुसूचित जनजातियों की तुलना में अधिक कमज़ोर है, क्योंकि उन्हें शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाओं और आधुनिक अवसंरचना तक सीमित पहुँच प्राप्त है।
- इन समूहों को अक्सर ‘प्राथमिक’ कहा जाता है, क्योंकि वे पारंपरिक जीवन शैली जीते हैं और आधुनिक सुविधाओं के प्रति उनकी पहुँच सीमित है।
- अनुच्छेद 342(1): यह अनुच्छेद राष्ट्रपति को यह अधिकार देता है कि वह राज्य के मामले में राज्यपाल से परामर्श करके किसी राज्य/केंद्रशासित प्रदेश में किसी जनजाति या जनजातीय समुदाय को अनुसूचित जनजाति के रूप में निर्दिष्ट कर सके।
- पहचान की समयरेखा: 1973 में, ढेबर आयोग ने सबसे कम विकसित जनजातीय समूहों को एक अलग श्रेणी के रूप में प्राथमिक जनजातीय समूह (PTGs) के रूप में वर्गीकृत किया, जिसे बाद में वर्ष 2006 में भारत सरकार द्वारा विशेष रूप से कमज़ोर आदिवासी समूह (PVTGs) के नाम से पुनः नामित किया गया।
- वर्ष 1975 में भारत ने सबसे कमज़ोर जनजातीय समूहों की पहचान PVTGs के रूप में शुरू की, जिसमें शुरू में 52 समूहों की घोषणा की गई थी। बाद में वर्ष 1993 में 23 और समूहों को जोड़ा गया, जिससे कुल 705 अनुसूचित जनजातियों में से 75 PVTGs बन गए।
- वर्गीकरण के मानदंड: PVTGs की विशेषताएँ हैं, छोटी और समान जनसंख्या, भौगोलिक अलगाव, लिखित भाषा का अभाव, सरल तकनीक का प्रयोग और सामाजिक तथा आर्थिक विकास की धीमी गति।
- वे प्राय: दूरदराज़ क्षेत्रों में रहते हैं जहाँ जनसंख्या स्थिर या घट रही होती है, साक्षरता कम होती है और बुनियादी ढाँचा तथा प्रशासनिक समर्थन सीमित होने के कारण उन्हें आर्थिक पिछड़ेपन का सामना करना पड़ता है।
- जनसंख्या: ओडिशा में सबसे अधिक PVTGs (13) हैं, इसके बाद आंध्र प्रदेश और तेलंगाना (12) हैं।
PVTGs से संबंधित भारत की प्रमुख पहलें क्या हैं?
- PM-JANMAN: PM JANMAN का उद्देश्य जनजातीय समूहों, विशेषकर लुप्तप्राय समूहों की सुरक्षा और उनका विकास सुनिश्चित करना है, साथ ही उन्हें आवश्यक सहायता, विकासात्मक अवसर एवं मुख्यधारा की सेवाओं से जोड़ना भी शामिल है।
- यह पहल 18 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में रहने वाले 75 PVTGs को शामिल करती है, जो 220 ज़िलों के 22,544 गाँवों में फैले हुए हैं।
- जनजातीय गौरव दिवस: जनजातीय गौरव दिवस प्रतिवर्ष बिरसा मुंडा की जयंती पर मनाया जाता है, ताकि सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण एवं राष्ट्रीय गौरव, वीरता और आतिथ्य जैसे भारतीय मूल्यों के प्रचार में जनजातीय समूहों के योगदान को सम्मानित किया जा सके।
- इन जनजातीय समुदायों में तामार, संथाल, खासी, भील, मिज़ो और कोल शामिल हैं।
- PM PVTG मिशन: PM-PVTG विकास मिशन कार्यक्रम का उद्देश्य कमज़ोर आदिवासी समूहों (PVTGs) की सामाजिक और आर्थिक स्थिति में सुधार लाना है।
- इस मिशन में पिछड़ी अनुसूचित जनजातियों के लिये सुरक्षित आवास, स्वच्छ पेयजल एवं स्वच्छता, शिक्षा, स्वास्थ्य और पोषण तथा बस्तियों में बेहतर सड़क संपर्क जैसी बुनियादी सुविधाएँ प्रदान करना शामिल है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
1. 'इंडिविजुअल एंटाइटलमेंट सर्वे' का उद्देश्य क्या है?
इस सर्वे का उद्देश्य 39 सरकारी योजनाओं की पहुँच का पता लगाना और 10 लाख PVTG परिवारों के लिये कवरेज़ में कमी की पहचान करना है।
2. सर्वे में किन सरकारी योजनाओं को ट्रैक किया जा रहा है?
इस सर्वे में 39 योजनाओं को ट्रैक किया जाता है, जिसमें MGNREGS, अनऑर्गनाइज्ड वर्करों के लिये सोशल सिक्योरिटी और सक्षम अनुसूचित जनजाति के स्टूडेंट्स के लिये फाइनेंशियल सहायता शामिल है।
3. सुभेद्य जनजातीय समूह (PVTG) क्या है?
PVTG अनुसूचित जनजातियों का एक उप-वर्गीकरण है जो शिक्षा, स्वास्थ्य और मॉडर्न इंफ्रास्ट्रक्चर तक सीमित पहुँच के कारण नियमित अनुसूचित जनजातियों की तुलना में अधिक कमज़ोर है।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा विगत वर्ष के प्रश्न (PYQ)
प्रिलिम्स:
प्रश्न 1: भारत में विशिष्टतः असुरक्षित जनजातीय समूहों [पर्टिकुलरली वल्नरेबल ट्राइबल ग्रुप्स (PVTGs)] के बारे में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2019)
- PVTGs देश के 18 राज्यों तथा एक संघ राज्यक्षेत्र में निवास करते हैं।
- स्थिर या कम होती जनसंख्या, PVTG स्थिति के निर्धारण के मानदंडों में से एक है।
- देश में अब तक 95 PVTGs आधिकारिक रूप से अधिसूचित हैं।
- PVTG की सूची में ईरूलार और कोंडा रेड्डी जनजातियाँ शामिल की गई हैं।
उपर्युक्त में से कौन-से कथन सही हैं?
(a) 1, 2 और 3
(b) 2, 3 और 4
(c) 1, 2 और 4
(d) 1, 3 और 4
उत्तर: (c)
मेंस:
प्रश्न. स्वतंत्रता के बाद अनुसूचित जनजातियों (एस.टी.) के प्रति भेदभाव को दूर करने के लिये, राज्य द्वारा की गई दो मुख्य विधिक पहलें क्या हैं? (2017)
प्रश्न. क्या कारण है कि भारत में जनजातियों को 'अनुसूचित जनजातियाँ' कहा जाता है? भारत के संविधान में प्रतिष्ठापित उनके उत्थान के लिये प्रमुख प्रावधानों को सूचित कीजिये। (2016)
