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सामुदायिक वन संसाधन अधिकार | 31 Aug 2022 | सामाजिक न्याय

प्रिलिम्स के लिये:

सामुदायिक वन संसाधन, आरक्षित वन, संरक्षित वन, अभयारण्य और राष्ट्रीय उद्यान।

मेन्स के लिये:

सामुदायिक वन संसाधन अधिकार और मान्यता का महत्त्व।

चर्चा में क्यों?

छत्तीसगढ़ के मुंगेली ज़िले के चार गाँवों के निवासियों को सामुदायिक वन संसाधन अधिकार (CFRR) प्राप्त हुआ है।

सामुदायिक वन संसाधन

सामुदायिक वन संसाधन अधिकार:

सामुदायिक वन संसाधनों (CFR) का महत्त्व:

UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्षों के प्रश्न (PYQs):

प्रश्न. अनुसूचित जनजाति एवं अन्य पारंपरिक वनवासी (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम, 2006 के प्रभावी क्रियान्वयन को सुनिश्चित करने के लिये राष्ट्रीय स्तर पर कौन-सा मंत्रालय नोडल एजेंसी है? (2021)

(a) पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय
(b) पंचायती राज मंत्रालय
(c) ग्रामीण विकास मंत्रालय
(d) जनजातीय मामलों के मंत्रालय

उत्तर: (d)

व्याख्या:

  • अनुसूचित जनजाति और अन्य पारंपरिक वन निवासी (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम, 2006, जिसे वन अधिकार अधिनियम (FRA), 2006 के रूप में भी जाना जाता है, वन संसाधनों में रहने वाले आदिवासी समुदायों और अन्य पारंपरिक वनवासियों के अधिकारों को मान्यता देता है।
  • अधिनियम में खेती और निवास जो आमतौर पर व्यक्तिगत अधिकारों के रूप में होते हैं; और सामुदायिक अधिकार जैसे चराई, मछली पकड़ना एवं जंगलों में जल निकायों तक पहुँच, विशेष रूप से कमज़ोर जनजातीय समूहों (Particularly Vulnerable Tribal Groups- PVTGs) के लिये आवास अधिकार आदि के अधिकार शामिल हैं।
  • भूमि अधिग्रहण, पुनर्वास और निपटान अधिनियम, 2013 में उचित मुआवज़े और पारदर्शिता के अधिकार के संयोजन के साथ, FRA आदिवासी आबादी को पुनर्वास और उनके लिये उचित बंदोबस्त के बिना बेदखली से रक्षा करता है।
  • जनजातीय मामलों के मंत्रालय के तहत अधिनियम के प्रावधानों और उसके तहत बनाए गए नियमों के अनुसार विभिन्न योजनाओं और परियोजनाओं को लागू किया जाता है।
  • अतः विकल्प (d) सही है।

स्रोत: डाउन टू अर्थ