आज़ाद पट्टन जल विद्युत परियोजना | 16 Jul 2020

प्रीलिम्स के लिये:

‘चीन पाकिस्तान आर्थिक गलियारा, बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव', आज़ाद पट्टन जल विद्युत परियोजना, कोहाला परियोजना

मेन्स के लिये:

‘आज़ाद पट्टन जल विद्युत परियोजना का भारत के हितों पर प्रभाव 

चर्चा में क्यों?

हाल ही में पाकिस्तान एवं चीन के मध्य ‘पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर’ (Pakistan Occupied Kashmir-PoK) के सुधोटी ज़िले (Sudhoti District) में 700 मेगावाट की ‘आज़ाद पट्टन जल विद्युत परियोजना’ (Azad Pattan Hydel Power Project) के लिये एक समझौते पर हस्ताक्षर किये गए हैं।

प्रमुख बिंदु:

  • झेलम नदी पर स्थित आज़ाद पट्टन जल विद्युत परियोजना 2.4 अरब डॉलर का एक हाइड्रो पावर प्रॉजेक्ट है। 
  • इस परियोजना का निर्माण ‘चीन पाकिस्तान आर्थिक गलियारे’ (China Pakistan Economic Corridor-CPEC) जो कि चीन की 'बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव' (Belt and Road Initiative) का हिस्सा है, के अंतर्गत किया जाना है। 
  • ‘चीन पाकिस्तान आर्थिक गलियारे’ के तहत PoK में निर्मित की जाने वाली यह दूसरी परियोजना है।  
  • CPEC के तहत पाकिस्तान- चीन में बीच पहली परियोजना ‘कोहाला परियोजना’ (Kohala project) है।  1,100 मेगावाट की  ‘कोहाला परियोजना’ को लेकर जून 2020 में  पाकिस्तान- चीन के मध्य हस्ताक्षर किये गए थे।
    •  2.3 अरब डॉलर की ‘कोहाला परियोजना’, मुजफ्फराबाद के पास झेलम नदी पर विकसित की जाएगी।
  • आज़ाद पट्टन जल विद्युत परियोजना झेलम की पाँच जलविद्युत परियोजनाओं में से एक है। 
  • आज़ाद पट्टन से ऊपर की ओर महाल (Mahl), कोहाला (Kohala) और चकोथी हट्टियन (Chakothi Hattian) परियोजनाएँ हैं, जबकि  करोट (Karot) परियोजना नीचे की ओर अवस्थित है।

आज़ाद पट्टन हाइडल प्रोजेक्ट के बारे में:

  • ईपीसी (Engineer, Procurement and Contract-EPC) समझौते/ कंस्ट्रक्शन के अनुसार, यह परियोजना एक रन-ऑफ-द-रिवर परियोजना है।
    • ‘रन ऑफ द रिवर’ जल-विद्युत परियोजना से तात्पर्य ऐसी परियोजना से है, जिसमें घाटी/वादियों के प्रवाहित जल को बाधित करते हुए जल-विद्युत का उत्पादन किया जाता है। 
    • रन-ऑफ-द-रिवर परियोजना में नदी के मार्ग में बड़े बांध बनाए बनाए बिना ही  प्रवाहित जल का उपयोग किया जाता है।

ईपीसी  कंस्ट्रक्शन:

  • ईपीसी कंस्ट्रक्शन इंडस्ट्री में कॉन्ट्रैक्टिंग एग्रीमेंट का एक प्रमुख रूप है। 
  • इंजीनियरिंग और ठेकेदार परियोजना के डिज़ाइन को पूरा करते हैं तथा परियोजना के लिये आवश्यक सभी उपकरण और सामग्री की खरीद करते हैं।
  • इस परियोजना का जलाशय मुस्लिमबाद गाँव के पास आजाद पट्टन पुल से 7 किमी. दूर PoK के सुद्धोटी ज़िले (Sudhnoti district) में स्थित है।
  • इस परियोजना को वर्ष 2024 तक पूरा किया जाना प्रस्तावित है। 
  • इस परियोजना में 90 मीटर ऊंचा बांध का निर्माण  किया जाएगा, जिसमें 3.8 वर्ग किमी का जलाशय होगा।
  • जून 2016 में PoK सरकार द्वारा ‘निजी पावर इन्फ्रास्ट्रक्चर बोर्ड’ (Private Power Infrastructure Board) के माध्यम से इस परियोजना को मंज़ूरी प्रदान की गई थी - 
    • यह बिजली परियोजनाओं में निजी निवेश को बढ़ावा देने के लिये वर्ष 1994 में पाकिस्तान की सरकार द्वारा बनाई गई एकल-खिड़की सुविधा है
    •  ‘पावर यूनिवर्सल कंपनी लिमिटेड’ पूर्ण रुप से चीन के जियज़ोबा समूह (Gezhouba Group) के स्वामित्त्व एवं नियंत्रण में है।
    • जियज़ोबा समूह द्वारा लाराब समूह (Laraib Group) के साथ जो एक पाकिस्तानी अक्षय ऊर्जा विकास समूह है, परियोजना के लिये  एक संयुक्त उद्यम स्थापित किया गया है।
    • 30 वर्षों के बाद इस परियोजना को चीन द्वारा पाकिस्तान सरकार को हस्तांतरित कर दिया जाएगा ।

निष्कर्ष:

वर्तमान समय में चीन- भारत सामरिक एवं आर्थिक हितों को ध्यान में रखा जाए तो पाकिस्तान भारत-चीन विवाद का लाभ अपने आर्थिक एवं सामरिक हितों को पूर्ण करने में कर रहा है। भारत  द्वारा PoK  क्षेत्र में पाकिस्तान की आर्थिक, सामरिक या किसी भी अन्य प्रकार की गतिविधियों का विरोध हमेशा ही किया गया है।आज़ाद पट्टन जल विद्युत परियोजना भी PoK क्षेत्र में है, जिस पर भारत द्वारा निकट भविष्य में भारत  का विरोध देखा जा सकता है। 

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस