अनुसूचित जनजाति की सूची में शामिल नए समुदाय | 15 Sep 2022

प्रिलिम्स के लिये:

हट्टी जनजाति, गोंड समुदाय, राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग, नारिकोरावन और कुरीविक्करन, बिंझिया

मेन्स के लिये:

अनुसूचित जातियों और जनजातियों से संबंधित मुद्दे

चर्चा में क्यों?

हाल ही में केंद्र सरकार ने राज्यों में लंबे समय से लंबित मांगों को पूरा करते हुए छत्तीसगढ़, तमिलनाडु, कर्नाटक, हिमाचल प्रदेश और उत्तर प्रदेश में अनुसूचित जनजातियों (Scheduled Tribes-STs) की सूची में कुछ अन्य समुदायों को शामिल करने की मंज़ूरी दी है।

किसी समुदाय को अनुसूचित जनजातियों की सूची में शामिल करने की प्रक्रिया:

  • जनजातियों को ST की सूची में शामिल करने की प्रक्रिया संबंधित राज्य सरकारों की सिफारिश से शुरू होती है, जिसे बाद में जनजातीय मामलों के मंत्रालय को भेजा जाता है, जो समीक्षा करता है और अनुमोदन के लिये भारत के महापंजीयक को इसे प्रेषित करता है।
  • इसके बाद अंतिम निर्णय के लिये कैबिनेट को सूची भेजे जाने से पहले राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग की मंज़ूरी मिलती है।

अनुसूचित जनजाति की सूची में शामिल नए समुदाय:

  • हट्टी जनजाति (हिमाचल प्रदेश):
    • हट्टी एक घनिष्ठ समुदाय हैं, जिन्होंने कस्बों में 'हाट' नामक छोटे बाज़ारों में घरेलू सब्जियों, फसल, मांस और ऊन आदि बेचने की अपनी परंपरा से यह नाम प्राप्त किया।
    • यह समुदाय वर्ष 1967 जब उत्तराखंड के जौनसार बावर इलाके में रहने वाले लोगों को आदिवासी का दर्जा दिया गया तब से इसकी मांग कर रहा है, जिसकी सीमा सिरमौर ज़िले से लगती है।
    • वर्षों से विभिन्न महा खुंबलियों में पारित प्रस्तावों के कारण आदिवासी दर्जे की उनकी मांग को बल मिला।
  • नारिकोरावन और कुरीविक्कर(तमिलनाडु):
    • नारिकुरवा और कुरुविकार (सियार पकड़ने वाले और पक्षी खाने वाले) जैसी खानाबदोश जनजातियाँ शिकार तथा संग्रहण करने के अपने पारंपरिक व्यवसायों पर गर्व करती हैं।
  • बिंझिया (छत्तीसगढ़)
    • बिंझिया को झारखंड और ओडिशा में अनुसूचित जनजाति के रूप में सूचीबद्ध किया गया था लेकिन छत्तीसगढ़ में नहीं।
      • बिंझिया, मांसाहारी हैं और कृषि उनकी अर्थव्यवस्था का मुख्य आधार है। वे गोमांस एवं सूअर का मांस नहीं खाते हैं, लेकिन हंडिया (चावल की बीयर) सहित मादक पेय का सेवन करते हैं।
    • चूँकि उनमें से अधिकांश या तो भूमिहीन या सीमांत किसान हैं, वे पशुपालन, मौसमी वन संग्रह, कृषि, निर्माण, औद्योगिक और खनन क्षेत्रों में मज़दूरी करके अपनी आजीविका की पूर्ति करते हैं।
  • गोंड समुदाय (उत्तर प्रदेश):
    • कैबिनेट ने उत्तर प्रदेश के 13 ज़िलों में रहने वाले गोंड समुदाय को अनुसूचित जाति सूची से अनुसूचित जनजाति सूची में लाने के प्रस्ताव को मंज़ूरी दी।
    • इसमें गोंड समुदाय की पाँच उपश्रेणियाँ (धुरिया, नायक, ओझा, पथरी और राजगोंड) शामिल हैं।
  • 'बेट्टा-कुरुबा' (कर्नाटक):
    • कर्नाटक के कडू कुरुबा के पर्याय के रूप में बेट्टा-कुरुबा समुदाय को अनुसूचित जनजाति का दर्जा दिया गया।
    • बेट्टा-कुरुबा समुदाय पिछले 30 वर्षों से इस वर्ग में शामिल करने की मांग कर रहा है।

अनुसूचित जनजाति की सूची में इन वर्गों को शामिल करने के लाभ:

  • यह कदम अनुसूचित जनजातियों की संशोधित सूची में नए सूचीबद्ध समुदायों के सदस्यों को सरकार की मौजूदा योजनाओं के तहत अनुसूचित जनजातियों के लिये लाभ प्राप्त करने में सक्षम बनाएगा।
  • कुछ प्रमुख लाभों में पोस्ट-मैट्रिक छात्रवृत्ति, विदेशी छात्रवृत्ति और राष्ट्रीय फेलोशिप, शिक्षा के अलावा राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति वित्त और विकास निगम से रियायती ऋण तथा छात्रों के लिये छात्रावास शामिल हैं।
  • इसके अलावा वे सरकारी नीति के अनुसार सेवाओं में आरक्षण और शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश के लाभों के भी हकदार होंगे।

भारत में अनुसूचित जनजातियों की स्थिति:

  • परिचय:
    • 1931 की जनगणना के अनुसार, अनुसूचित जनजातियों को "बहिष्कृत" और "आंशिक रूप से बहिष्कृत" क्षेत्रों में रहने वाली "पिछड़ी जनजाति" कहा जाता है। वर्ष 1935 के भारत सरकार अधिनियम ने पहली बार प्रांतीय विधानसभाओं में "पिछड़ी जनजातियों" के प्रतिनिधियों को शामिल करने हेतु प्रावधान किया।
    • संविधान अनुसूचित जनजातियों की मान्यता के मानदंडों को परिभाषित नहीं करता है, इसलिये वर्ष 1931 की जनगणना में निहित परिभाषा का उपयोग स्वतंत्रता के बाद के प्रारंभिक वर्षों में किया गया था।
    • हालाँकि संविधान का अनुच्छेद 366 (25) केवल अनुसूचित जनजातियों को परिभाषित करने के लिये प्रक्रिया प्रदान करता है: "अनुसूचित जनजातियों का अर्थ ऐसी जनजातियों या जनजातीय समुदायों या जनजातियों या जनजातीय समुदायों के कुछ हिस्सों या समूहों से है जिन्हें संविधान के अनुच्छेद 342 के तहत अनुसूचित जनजाति माना जाता है।
      • 342(1): राष्ट्रपति किसी भी राज्य या केंद्रशासित प्रदेश के संबंध में, जबकि राज्य के संदर्भ में राज्यपाल के परामर्श के बाद सार्वजनिक अधिसूचना द्वारा उस राज्य या संघ राज्य क्षेत्र के संबंध में जनजातियों या जनजातीय समुदायों के हिस्से या जनजातियों या जनजातीय समुदायों के भीतर के समूहों को अनुसूचित जनजाति के रूप में निर्दिष्ट कर सकता है।
    • 705 से अधिक जनजातियाँ हैं जिन्हें अधिसूचित किया गया है। सबसे अधिक संख्या में आदिवासी समुदाय ओडिशा में पाए जाते हैं।
    • संविधान की पाँचवीं अनुसूची असम, मेघालय, त्रिपुरा और मिज़ोरम के अलावा अन्य राज्यों में अनुसूचित क्षेत्रों एवं अनुसूचित जनजातियों के प्रशासन तथा नियंत्रण के लिये प्रावधान करती है।
    • छठी अनुसूची असम, मेघालय, त्रिपुरा और मिज़ोरम में जनजातीय क्षेत्रों के प्रशासन से संबंधित है।
  • कानूनी प्रावधान:
  • संबंधित पहल:
  • संबंधित समितियाँ:

UPSC सिविल सेवा, परीक्षा विगत वर्ष के प्रश्न:

निम्नलिखित युग्मों पर विचार कीजिये: (2013)

जनजाति                     राज्य

लिंबू (लिम्बु)    : सिक्किम

कार्बी           :  हिमाचल प्रदेश

डोंगरिया कोंध : ओडिशा

बोंडा           :  तमिलनाडु

उपर्युक्त युग्मों में से कौन-से सही सुमेलित हैं?

(a) केवल 1 और 3
(b) केवल 2 और 4
(c) केवल 1, 3 और 4
(d) 1, 2, 3 और 4

उत्तर: (a)

व्याख्या:

  • लिंबू (लिम्बु) स्थानीय लोगों की दूसरी सबसे बड़ी जनजाति है जिसे किरंती कहा जाता है। वे नेपाल में हिमालय के पूर्वी भाग में अरुण नदी के पूर्व में और उत्तरी भारत में ज़्यादातर सिक्किम, पश्चिम बंगाल तथा असम राज्यों में रहते हैं। अत: युग्म 1 सही सुमेलित है।
  • कारबिस, जिसे पहले मिकिर के नाम से जाना जाता था, असम का एक महत्त्वपूर्ण जातीय समूह है। मूल रूप से एक पहाड़ी निवासी जनजाति, वे असम के मैदानी क्षेत्रों में भी पाए जाते हैं। कार्बी आंगलोंग के अलावा वे असम के नागाँव, कामरूप, मोरीगाँव उत्तरी कछार और सोनितपुरे ज़िलों में निवास करते हैं। अत: युग्म 2 सही सुमेलित नहीं है।
  • डोंगरिया कोंध जनजाति जो नियमगिरि पहाड़ियों के घने जंगलों में रहती है, दक्षिण-पश्चिमी ओडिशा के रायगडा और कालाहांडी ज़िलों में फैली हुई है। डोंगरिया ने भारत सरकार से विशेष रूप से संवेदनशील जनजातीय समूह (PVTG) का दर्जा अर्जित किया है। अत: युग्म 3 सही सुमेलित है।
  • बोंडा जनजाति भारत की सबसे आदिम जनजाति है। वे तीन राज्यों ओडिशा, छत्तीसगढ़ और आंध्र प्रदेश के जंक्शन के पास, दक्षिण-पश्चिमी ओडिशा के मलकानगिरी ज़िले के अलग-अलग पहाड़ी क्षेत्रों में रहते हैं। अत: युग्म 4 सुमेलित नहीं है।

अतः विकल्प (a) सही है।

स्रोत: द हिंदू