प्रोजेक्ट 17A: INS हिमगिरि और INS उदयगिरि
दो उन्नत प्रोजेक्ट 17A मल्टी-मिशन स्टील्थ फ्रिगेट, INS उदयगिरि और INS हिमगिरि को नौसेना में शामिल किया गया है, जो भारत के नौसैनिक आधुनिकीकरण में एक महत्त्वपूर्ण कदम है।
- प्रोजेक्ट 17A: P17A जहाज़ों में अपने P17A (शिवालिक) वर्ग की तुलना में उन्नत स्टेल्थ क्षमताएँ हैं, जिनमें पतवार (हुल) डिज़ाइन और हथियार प्रणालियों में सुधार शामिल है।
- डिज़ाइन में ‘स्टेट ऑफ द आर्ट’ हथियार और सेंसर शामिल हैं, जिनमें सुपरसोनिक सतह-से-सतह मार करने वाली मिसाइलें, मध्यम दूरी की सतह-से-हवा मार करने वाली मिसाइलें और रैपिड-फायर क्लोज-इन वेपन सिस्टम शामिल हैं।
- ये मल्टी-मिशन फ्रिगेट्स ‘ब्लू वाटर’ वातावरण में संचालन के लिये डिज़ाइन किये गए हैं, जिसका अर्थ है कि वे भारत के समुद्री हितों के भीतर पारंपरिक और अपारंपरिक दोनों प्रकार के खतरों से निपट सकते हैं।
- एक एकीकृत प्लेटफॉर्म प्रबंधन प्रणाली (IPMS) भी स्थापित की गई है, जो जहाज़ की कार्यक्षमता और क्रू समन्वय को अनुकूलित करने के लिये है।
- INS हिमगिरी: पहला P-17A स्टील्थ फ्रिगेट, जिसे गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (GRSE) द्वारा विकसित किया गया है।
- INS उदयगिरि: दूसरा P-17A स्टील्थ फ्रिगेट, जिसे मझगाँव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (MDL) द्वारा विकसित किया गया है और यह नौसेना के वारशिप डिज़ाइन ब्यूरो द्वारा डिज़ाइन किया गया 100वाँ जहाज़ भी है।
- क्षमताएँ: ब्रह्मोस मिसाइल, बराक-8 मिसाइल, LRSAM, टॉरपीडो, रॉकेट लॉन्चर, उन्नत राडार और शक्ति इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सूट से सुसज्जित।
- विरासत: दोनों जहाज़ों के नाम पहले के INS उदयगिरि (1976) और INS हिमगिरि (1974) के ऐतिहासिक नामों को पुनर्जीवित करते हैं, जिन्होंने ऑपरेशन पवन, ऑपरेशन कैक्टस, ऑपरेशन सहायता और अन्य में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
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टाइफून काजिकी
तूफान काजिकी ने वियतनाम के तटीय प्रांतों को प्रभावित किया, जिसके परिणामस्वरूप व्यापक बाढ़, भारी फसल क्षति और कई लोगों की मृत्यु हुई।
- यह फिलीपींस के ऊपर उत्पन्न हुआ, दक्षिण चीन सागर पर मज़बूत हुआ और सैफिर-सिम्पसन (SS) स्केल पर श्रेणी 2 के तूफान के रूप में चीन और वियतनाम से टकराया।
- टाइफून उष्णकटिबंधीय चक्रवात होते हैं, जो पश्चिमी प्रशांत महासागर, विशेषकर दक्षिण-पूर्व एशिया और चीन में उत्पन्न होते हैं।
वियतनाम
- वियतनाम (राजधानी हनोई) एक दक्षिण-पूर्व एशियाई देश है, जिसकी उत्तरी सीमा पर चीन, पश्चिम में लाओस और कंबोडिया तथा पूर्व में दक्षिण चीन सागर स्थित है।
- मेकांग (दक्षिण) और लाल नदी (उत्तर) इसकी प्रमुख नदियाँ हैं, जो दक्षिण चीन सागर में गिरती हैं तथा अन्नामाइट कॉर्डिलेरा इसकी एक प्रमुख पर्वत शृंखला है।
- वियतनाम ने 2 सितंबर, 1945 को फ्राँसीसी औपनिवेशिक शासन से स्वतंत्रता प्राप्त की।
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गगनयान मिशन के लिये इंटीग्रेटेड एयर ड्रॉप टेस्ट
चर्चा में क्यों?
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने गगनयान मिशन के लिये अपना पहला इंटीग्रेटेड एयर ड्रॉप टेस्ट (IADT-1) सफलतापूर्वक किया।
- IADT-1 का उद्देश्य वास्तविक परिस्थितियों में गगनयान मिशन के क्रू मॉड्यूल (CM) के लिये पैराशूट-आधारित मंदन प्रणाली के प्रदर्शन को सत्यापित करना था।
- इस टेस्ट में इसरो (ISRO), रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO), भारतीय वायु सेना, भारतीय नौसेना और भारतीय तटरक्षक बल के बीच सहयोग शामिल था।
गगनयान मिशन क्या है?
- परिचय: भारत का पहला मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम, जिसका उद्देश्य 3 अंतरिक्ष यात्रियों के दल को 400 कि.मी. की निम्न पृथ्वी कक्षा (LEO) में 3 दिनों के लिये भेजना और उन्हें सुरक्षित रूप से पृथ्वी पर वापस लाना है।
- मिशन चरण: इसमें मानव रहित परीक्षण मिशन शामिल होंगे, जिनके बाद पहला मानवयुक्त मिशन 2027 की शुरुआत में होने की संभावना है।
- महत्त्व: गगनयान की सफलता भारत को उन चुनिंदा देशों (अमेरिका, रूस, चीन) की श्रेणी में शामिल करेगी जिनके पास मानव अंतरिक्ष उड़ान की क्षमता है।
- गगनयान के लिये दल प्रशिक्षण: ग्रुप कैप्टन प्रशांत बालकृष्णन नायर, ग्रुप कैप्टन अजीत कृष्णन, ग्रुप कैप्टन अंगद प्रताप और विंग कमांडर शुभांशु शुक्ला गगनयान मिशन के लिये भारत के नामित अंतरिक्ष यात्री हैं।
- चालक दल की सुरक्षा के लिये प्रमुख प्रौद्योगिकियाँ:
- ह्यूमन-रेटेड लॉन्च व्हीकल (HLVM3): यह इसरो के LVM3 रॉकेट का संशोधित संस्करण है। इसमें ठोस, द्रव और क्रायोजेनिक चरण शामिल हैं, जिन्हें ह्यूमन-रेटेड लॉन्च व्हीकल की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिये पुनर्गठित किया गया है।
- यह रॉकेट ऑर्बिटल मॉड्यूल को 400 कि.मी. की निम्न पृथ्वी कक्षा में प्रक्षेपित करने में सक्षम है और इसमें क्रू एस्केप सिस्टम (CES) लगा है, जिसमें हाई बर्न-रेट वाले सॉलिड मोटर्स लगे हैं ताकि प्रक्षेपण या आरोहण के दौरान आपात स्थिति में चालक दल की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
- CES प्रक्षेपण या आरोहण के दौरान किसी भी आपात स्थिति में सुरक्षित तरीके से मिशन को निरस्त करने की सुविधा प्रदान करता है।
- ओर्बिट्स मॉड्यूल (OM): इसमें जीवन रक्षक, एवियोनिक्स और प्रणोदन प्रणालियों के साथ क्रू मॉड्यूल (CM) और सर्विस मॉड्यूल (SM) स्थित होते हैं।
- क्रू मॉड्यूल (CM) एक रहने योग्य अंतरिक्षीय संरचना है, जिसमें पृथ्वी जैसे वातावरण की व्यवस्था की गई है। इसमें दबावयुक्त आंतरिक संरचना और दबावरहित बाहरी संरचना होती है। इसमें चालक दल के इंटरफेस, जीवन-समर्थन प्रणाली और एवियोनिक्स मौजूद होते हैं तथा इसे पुनः प्रवेश के लिये डिज़ाइन किया गया है।
- सर्विस मॉड्यूल (SM) कक्षा में CM का समर्थन करता है। यह तापीय प्रणाली, प्रणोदन प्रणाली, विद्युत प्रणाली, एवियोनिक्स और परिनियोजन तंत्र प्रदान करता है, लेकिन यह दबावरहित रहता है।
- ह्यूमन-रेटेड लॉन्च व्हीकल (HLVM3): यह इसरो के LVM3 रॉकेट का संशोधित संस्करण है। इसमें ठोस, द्रव और क्रायोजेनिक चरण शामिल हैं, जिन्हें ह्यूमन-रेटेड लॉन्च व्हीकल की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिये पुनर्गठित किया गया है।
- मिशन तैयारी परीक्षण (Mission Preparatory Tests):
- इंटीग्रेटेड एयर ड्रॉप टेस्ट (IADT): पैराशूट और मंदन प्रणालियों का सत्यापन।
- टेस्ट व्हीकल मिशन (TV): एबॉर्ट और प्रक्षेपण प्रणालियों का परीक्षण।
- पैड एबॉर्ट टेस्ट (PAT): विभिन्न ऊँचाइयों से क्रू मॉड्यूल की सुरक्षा की जाँच।
- वॉटर सर्वाइवल टेस्ट फैसिलिटी (WSTF): नौसेना के सहयोग से पुनर्प्राप्ति परीक्षण।
- इंटीग्रेटेड एयर ड्रॉप टेस्ट (IADT): पैराशूट और मंदन प्रणालियों का सत्यापन।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न (PYQ)
प्रश्न. भारत के उपग्रह प्रमोचित करने वाले वाहनों के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2018)
- PSLV से वे उपग्रह प्रमोचित किये जाते हैं जो पृथ्वी संसाधनों के मानिटरन उपयोगी हैं जबकि GSLV को मुख्यतः संचार उपग्रहों को प्रमोचित करने के लिये अभिकल्पित किया गया है।
- PSLV द्वारा प्रमोचित उपग्रह आकाश में एक ही स्थिति में स्थायी रूप से स्थिर रहते प्रतीत होते हैं जैसा कि पृथ्वी के एक विशिष्ट स्थान से देखा जाता है।
- GSLV Mk III, एक चार स्टेज वाला प्रमोचन वाहन है, जिसमें प्रथम और तृतीय चरणों में ठोस रॉकेट मोटरों का तथा द्वितीय एवं चतुर्थ चरणों में द्रव रॉकेट इंजनों का प्रयोग होता है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
(a) केवल 1
(b) 2 और 3
(c) 1 और 2
(d) केवल 3
उत्तर: (a)
प्रश्न. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2016)
इसरो द्वारा प्रक्षेपित मंगलयान
- को मंगल ऑर्बिटर मिशन भी कहा जाता है।
- के कारण अमेरिका के बाद मंगल ग्रह की परिक्रमा करने वाला भारत दूसरा देश बना।
- ने भारत को अपने अंतरिक्ष यान को अपने पहले ही प्रयास में मंगल ग्रह की परिक्रमा करने में सफल होने वाला एकमात्र देश बना दिया।
उपर्युक्त में से कौन-सा/से कथन सही है/हैं?
(a) केवल
(b) केवल 2 और 3
(c) केवल 1 और 3
(d) 1, 2 और 3
उत्तर: (c)
Mains
प्रश्न. भारत ने चन्द्रयान व मंगल कक्षीय मिशनों सहित मानव रहित अंतरिक्ष मिशनों में असाधारण सफलता प्राप्त की है, लेकिन मानव सहित अंतरिक्ष मिशनों में प्रवेश का साहस नहीं किया है । मानव-सहित अंतरिक्ष मिशन लॉन्च करने में प्रौद्योगिकीय व सुप्रचालनिक सहित मुख्य रुकावटें क्या हैं ? समालोचनात्मक परीक्षण कीजिये। (2017)
भारत-फिजी संबंध
फिजी के प्रधानमंत्री ने अपनी तीन दिवसीय भारत यात्रा के दौरान, भारत के प्रधानमंत्री के साथ द्विपक्षीय सहयोग को मज़बूत करने हेतु वार्ता की।
- भारत ने फिजी की सेना के लिये प्रशिक्षण, उपकरण और क्षमता निर्माण उपलब्ध कराने; संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना अभियानों, सैन्य चिकित्सा, श्वेत शिपिंग सूचना का आदान-प्रदान और साइबर सुरक्षा पर सहयोग करने पर सहमति जताई।
- समझौतों में 100 बेड वाला सुपर-स्पेशलिटी अस्पताल, जन औषधि, हील इन इंडिया, ई-संजीवनी के तहत टेलीमेडिसिन शामिल हैं।
- हिंदी-संस्कृत अध्ययन, गिरमिटिया (भारतीय अनुबंधित श्रमिक) की मान्यता, खेल, पेशेवर/छात्र गतिशीलता पर विशेष ध्यान दिया गया।
- इंडो-पैसिफिक शांति के लिये संयुक्त दृष्टिकोण, भारत की संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) सदस्यता का समर्थन, आतंकवाद-रोधी प्रयास, जलवायु कार्रवाई, सतत् विकास, दक्षिण-दक्षिण सहयोग — ये सभी भारत की एक्ट ईस्ट पॉलिसी और इंडो-पैसिफिक ओशन्स इनिशिएटिव (IPOI) को मज़बूत और प्रशांत द्वीप देशों (PICs) में चीनी प्रभाव को संतुलित करते हैं।
- भारत के प्रधानमंत्री ने फिजी के प्रधानमंत्री की ‘ओशन ऑफ पीस’ पहल की सराहना की, जिसका उद्देश्य एक स्थिर, सुरक्षित और सतत् इंडो-पैसिफिक क्षेत्र स्थापित करना है।
फिजी
- फिजी दक्षिण प्रशांत महासागर में स्थित एक देश और द्वीपसमूह है। यह प्रशांत द्वीप देशों (Pacific Island Countries – PICs) का हिस्सा है और न्यूजीलैंड के ऑकलैंड के उत्तर में स्थित है। इसमें 300 से अधिक द्वीप शामिल हैं, जिनमें से लगभग 100 पर जनसंख्या निवास करती हैं।
- इसे "विश्व के नरम प्रवालों की राजधानी" (soft coral capital of the world) के रूप में जाना जाता है। यहाँ 4,000 वर्ग किलोमीटर से अधिक क्षेत्र में प्रवाल भित्तियाँ फैली हुई हैं।
- ऐतिहासिक रूप से, गन्ना फिजी की अर्थव्यवस्था का एक प्रमुख आर्थिक चालक रहा है।
- फिजी एक संसदीय लोकतंत्र है जहाँ स्थानिक फिजी, भारतीय, यूरोपीय और अन्य समुदायों की विविध आबादी निवास करती है। दक्षिणी गोलार्द्ध का सबसे बड़ा हिंदू मंदिर, श्री शिव सुब्रमण्य स्वामी मंदिर भी यहीं स्थित है।
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