प्रिलिम्स फैक्ट्स (06 Nov, 2025)



राष्ट्रीय मधुमक्खी पालन और शहद उत्पादन मिशन

स्रोत: PIB

चर्चा में क्यों? 

भारत का शहद क्षेत्र राष्ट्रीय मधुमक्खी पालन एवं शहद उत्पादन मिशन (NBHM) के तहत सुधार और संरचनात्मक परिवर्तन के दौर से गुज़र रहा है। यह मिशन पूरे देश में वैज्ञानिक मधुमक्खी पालन को बढ़ावा दे रहा है और ग्रामीण आजीविकाओं तथा कृषि उत्पादन में शहद क्षेत्र के योगदान को मज़बूत कर रहा है।

राष्ट्रीय मधुमक्खी पालन एवं शहद उत्पादन मिशन क्या है?

  • परिचय: राष्ट्रीय मधुमक्खी पालन और शहद मिशन यानी NBHM एक केंद्र प्रायोजित योजना है। भारत सरकार द्वारा शुरू की गई इस योजना का उद्देश्य देश में मधुमक्खी पालन को वैज्ञानिक तरीके से बढ़ावा देकर गुणवत्ता परक शहद तथा मधुमक्खी उत्पादन के अन्य उत्पादों को प्रोत्साहित करना था।
  • उप-योजनाएँ: NBHM को तीन लघु मिशनों (MM) - MM-I, MM-II और MM-III के माध्यम से कार्यान्वित किया जा रहा है, क्रमशः उत्पादन, संग्रहण-पश्चात् प्रबंधन एवं अनुसंधान पर केंद्रित हैं। 
  • कार्यान्वयन एजेंसी: आत्मनिर्भर भारत पहल के तहत राष्ट्रीय मधुमक्खी बोर्ड (NBB) द्वारा कार्यान्वित इस योजना को शुरू में वर्ष 2020-23 के लिये 500 करोड़ रुपये आवंटित किये गए थे तथा इसे वर्ष 2025-26 तक तीन साल के लिये बढ़ा दिया गया था।
  • उद्देश्य: 
    • परागण और सतत् शहद उत्पादन के माध्यम से ग्रामीण आजीविका, रोज़गार एवं फसल उत्पादकता को बढ़ावा देने के लिये मधुमक्खी पालन उद्योग के समग्र विकास को बढ़ावा देना है।
    • महिलाओं को सशक्त बनाते हुए और प्रौद्योगिकी उपयोग, विपणन तथा निर्यात क्षमता को बढ़ाने हेतु सहकारी समितियों को बढ़ावा देते हुए बुनियादी ढाँचे, गुणवत्ता नियंत्रण, पता लगाने की क्षमता एवं कृषि-उद्यमिता को मज़बूत करना।
  • रैंकिंग: 
    • भारत वर्ष 2024 में चीन के बाद विश्व का दूसरा सबसे बड़ा शहद निर्यातक है।
    • भारत के प्रमुख शहद उत्पादक राज्यों में उत्तर प्रदेश (17%), पश्चिम बंगाल (16%), पंजाब (14%), बिहार (12%) और राजस्थान (9%) शामिल हैं।
    • भारत के शहद के प्रमुख निर्यात गंतव्य अमेरिका (USA), संयुक्त अरब अमीरात (UAE), सऊदी अरब, कतर एवं लीबिया हैं।

राष्ट्रीय मधुमक्खी बोर्ड (NBB)

  • राष्ट्रीय मधुमक्खी बोर्ड को 19 जुलाई, 2000 को सोसायटी पंजीकरण अधिनियम, 1860 के अंतर्गत एक सोसायटी के रूप में पंजीकृत किया गया था तथा जून, 2006 में सचिव (कृषि एवं संवर्द्धन) की अध्यक्षता में पुनर्गठित किया गया था।
  • NBB का प्राथमिक उद्देश्य वैज्ञानिक मधुमक्खी पालन को बढ़ावा देना, परागण के माध्यम से फसल उत्पादकता में वृद्धि करना और मधुमक्खी पालकों एवं किसानों की आय बढ़ाने के लिये शहद उत्पादन में वृद्धि करना है।
  • इसे देश में वैज्ञानिक मधुमक्खी पालन के समग्र विकास और संवर्द्धन हेतु नोडल एजेंसी के रूप में नामित किया गया है।

Sweet revolution

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

प्रश्न: राष्ट्रीय मधुमक्खी पालन एवं शहद मिशन (NBHM) क्या है?
NBHM एक केंद्रीय क्षेत्र की योजना है जो पूरे भारत में वैज्ञानिक मधुमक्खी पालन, गुणवत्तापूर्ण शहद उत्पादन और ग्रामीण आजीविका संवर्द्धन को बढ़ावा देती है।

प्रश्न: राष्ट्रीय मधुमक्खी पालन एवं शहद मिशन का क्रियान्वयन कौन करता है?
राष्ट्रीय मधुमक्खी बोर्ड (NBB) आत्मनिर्भर भारत पहल के तहत ₹500 करोड़ के परिव्यय के साथ NBHM का क्रियान्वयन करता है।

प्रश्न: NBHM के प्रमुख उद्देश्य क्या हैं?
NBHM का उद्देश्य ग्रामीण आय, परागण, सतत् शहद उत्पादन, बुनियादी ढाँचे, महिला सशक्तीकरण और शहद निर्यात को बढ़ावा देना है।

UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्षों के प्रश्न

प्रश्न. जीवों के निम्नलिखित प्रकारों पर विचार कीजिये: (2012)

  1. चमगादड़  
  2. मधुमक्खी 
  3. पक्षी

उपर्युक्त में से कौन-सा/से परागणकारी है/हैं?

(a) केवल 1 और 2

(b) केवल 2

(c) केवल 1 और 3

(d) 1, 2 और 3

उत्तर: D


मेन्स

प्रश्न. बागवानी फार्मों के उत्पादन, उसकी उत्पादकता एवं आय में वृद्धि करने में राष्ट्रीय बागवानी मिशन (एन.एच.एम.) की भूमिका का आकलन कीजिये। यह किसानों की आय बढ़ाने में कहाँ तक सफल हुआ है? (2018)


भारत की पहली क्वांटम कंप्यूटिंग चिप और NexCAR19

स्रोत: पी.आई.बी

भारत के प्रधानमंत्री ने ESTIC 2025 में तीन पथप्रदर्शक QSIP (क्वांटम सिक्योरिटी इंटीग्रेटेड प्रोसेसर), भारत की पहली 25-क्यूबिट क्वांटम प्रोसेसिंग यूनिट और NexCAR19 नवाचारों का अनावरण किया।

  • ये सभी नवाचार उन्नत कंप्यूटिंग और बायोटेक्नोलॉजी के क्षेत्र में एक महत्त्वपूर्ण प्रगति को प्रदर्शित करते हैं।
  • QSIP चिप: यह भारत का हार्डवेयर-आधारित क्वांटम सुरक्षा समाधान है, जिसे विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (DST) के समर्थन से विकसित किया गया है।
    • यह क्वांटम की डिस्ट्रीब्यूशन का उपयोग करके डेटा को सुरक्षित करता है और भविष्य में क्वांटम-सक्षम साइबर खतरों से महत्त्वपूर्ण नेटवर्क की रक्षा करता है।

25-क्यूबिट QPU:

  • यह भारत का पहला क्वांटम कंप्यूटिंग चिप है, जिसे स्टार्टअप QpiAI ने विकसित किया है।
  • पहले, इस कंपनी ने QpiAI-Indus भी पेश किया था, जो 25 सुपरकंडक्टिंग क्यूबिट्स के साथ देश का पहला फुल-स्टैक क्वांटम कंप्यूटर था, जो क्वांटम प्रौद्योगिकी की सभी परतों को एकीकृत करता है।

NexCAR19

  • NexCAR19, जिसे ImmunoACT (IIT बॉम्बे की एक स्पिन-ऑफ कंपनी) ने विकसित किया है, यह भारत की पहली स्वदेशी CAR-T सेल थेरपी तथा विश्व की पहली ह्यूमनाइज़्ड CAR-T थेरपी भी है, जो तीव्र लिम्फोसाइटिक ल्यूकीमिया (Acute Lymphocytic Leukemia) जैसे कैंसरों के उपचार में महत्त्वपूर्ण है।
    • इस नवाचार को जैव प्रौद्योगिकी विभाग (DBT) और बायोटेक्नोलॉजी इंडस्ट्री रिसर्च असिस्टेंस काउंसिल (BIRAC) का समर्थन प्राप्त है।
  • CAR-T सेल थेरपी: काइमेरिक एंटीजन रिसेप्टर (CAR)-T सेल थेरपी एक ऐसा उपचार है जिसमें रोगी की T कोशिकाओं (जो प्रतिरक्षा प्रणाली का एक प्रकार हैं) को प्रयोगशाला में आनुवंशिक रूप से संशोधित किया जाता है, ताकि उनमें एक CAR जोड़ दिया जाए। यह CAR उन्हें कैंसर कोशिकाओं को पहचानने और उन पर हमला करने में सक्षम बनाता है।
    • इन संशोधित T कोशिकाओं को प्रयोगशाला में गुणित (Multiplying) किया जाता है और फिर उन्हें मरीज़ के शरीर में वापस इंजेक्ट किया जाता है। इसका उपयोग मुख्यतः रक्त कैंसर के लिये किया जाता है और अन्य कैंसर के लिये भी इसका अध्ययन किया जा रहा है।

और पढ़ें… अनुसंधान, विकास और नवाचार (RDI) योजना


भारत का पहला डिजिटल जनजातीय स्वतंत्रता सेनानी संग्रहालय

स्रोत: टाइम्स ऑफ इंडिया 

प्रधानमंत्री ने भारत के पहले डिजिटल संग्रहालय शहीद वीर नारायण सिंह स्मारक और जनजातीय स्वतंत्रता सेनानी संग्रहालय का उद्घाटन नवा रायपुर अटल नगर, छत्तीसगढ़ में किया।

  • पहले डिजिटल संग्रहालय की प्रमुख विशेषताएँ: इसका लकड़ी का नक्काशीदार प्रवेश द्वार सरगुजा के कारीगरों द्वारा बनाया गया है। डिजिटल पत्तियों के माध्यम से 14 जनजातीय विद्रोहों का चित्रण किया गया है।
    • इसमें प्रमुख जनजातीय आंदोलनों जैसे हल्बा विद्रोह (छत्तीसगढ़) और सरगुजा विद्रोह (छत्तीसगढ़) को दर्शाया गया है। संग्रहालय में बिरसा मुंडा, गेंद सिंह जैसे जनजातीय नायकों की मूर्तियाँ प्रदर्शित हैं।

शहीद वीर नारायण सिंह

  • परिचय: वीर नारायण सिंह का जन्म वर्ष 1795 में सोनाखान (छत्तीसगढ़) में हुआ था। उनके पिता ज़मींदार रामसाई सिंह ने वर्ष 1818–19 में ब्रिटिश और भोसले शासन के विरुद्ध विद्रोह किया था।
    • वे बिंझवार जनजाति के प्रमुख नेता थे और न्यायप्रिय, दयालु तथा जनकल्याण के प्रति समर्पित शासक के रूप में प्रसिद्ध थे।
  • स्वतंत्रता संग्राम में योगदान: वर्ष 1856 के अकाल के दौरान उन्होंने भुखमरी से पीड़ित ग्रामीणों के लिये  अनाज ज़ब्त कर लिया, जिसके कारण उन्हें गिरफ्तार किया गया।
    • वर्ष 1857 में जेल से भागकर उन्होंने 500 जनजातीय योद्धाओं की सेना बनाकर ब्रिटिश शासन के विरुद्ध संघर्ष किया। उन्हें दिसंबर 1857 में गिरफ्तार कर फाँसी दी गई और वे छत्तीसगढ़ के पहले स्वतंत्रता सेनानी बने।
  • विरासत: उनके बलिदान की स्मृति में छत्तीसगढ़ सरकार ने ‘शहीद वीर नारायण सिंह सम्मान’ आरंभ किया है, जो जनजातीय एवं पिछड़े वर्गों के उत्थान के लिये उत्कृष्ट कार्य करने वालों को दिया जाता है।

और पढ़ें: जनजातीय गौरव दिवस


ऑपरेशन ‘वीड आउट’

स्रोत: PIB

मुंबई हवाई अड्डे पर राजस्व खुफिया निदेशालय (DRI)) द्वारा चलाए गए "ऑपरेशन वीड आउट" में स्वापक औषधि और मन:प्रभावी पदार्थ अधिनियम, 1985 (नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस- NDPS) एक्ट, 1985 के तहत बैंकॉक से तस्करी कर लाए गए उच्च श्रेणी के हाइड्रोपोनिक कैनबिस को ज़ब्त किया गया।

  • हाइड्रोपोनिक कैनाबिस, मृदा के बजाय जल-आधारित, पोषक तत्त्वों से भरपूर विलयन में कैनाबिस के पौधे उगाने की प्रक्रिया को संदर्भित करता है।
  • "वीड आउट" नामक इस अभियान का उद्देश्य मादक पदार्थों की तस्करी पर अंकुश लगाना है।
  • राजस्व खुफिया निदेशालय (DRI): यह भारत की सर्वोच्च तस्करी-रोधी एजेंसी है, जिसका गठन वर्ष 1957 में केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड, वित्त मंत्रालय के अधीन किया गया था।
    • यह मादक द्रव्यों की तस्करी, वन्यजीव और पर्यावरण से जुड़ी तस्करी, सीमा शुल्क चोरी तथा अन्य अंतर्राष्ट्रीय व्यापार से संबंधित धोखाधड़ी के खिलाफ कार्य करता है।
    • DRI सीमा शुल्क अधिनियम, 1962 के साथ-साथ शस्त्र अधिनियम (1959), NDPS अधिनियम (1985), COFEPOSA (1974), पुरावशेष तथा बहुमूल्य कलाकृति अधिनियम, 1972, आदि जैसे 50 से अधिक संबंधित कानूनों को लागू करता है।
    • इसके अलावा DRI "ऑपरेशन फायर ट्रेल" जैसे विशेष अभियानों का भी संचालन करता है, जिसका उद्देश्य चीनी पटाखों के अवैध आयात पर रोक लगाना है।
  • NDPS अधिनियम, 1985: यह स्वापक औषधि और मन:प्रभावी पदार्थों से संबंधित कार्यों को नियंत्रित एवं विनियमित करने वाला भारत का प्रमुख कानून है।
    • यह लाइसेंस के तहत चिकित्सा या वैज्ञानिक उद्देश्यों को छोड़कर, स्वापक औषधि और मन:प्रभावी पदार्थों के उत्पादन, कब्जे, बिक्री, खरीद, परिवहन, भंडारण एवं उपभोग पर प्रतिबंध लगाता है।

और पढ़ें: स्वापक औषधि और मन:प्रभावी पदार्थ (एनडीपीएस) अधिनियम, 1985