प्रिलिम्स फैक्ट्स (03 Dec, 2022)



अग्नि योद्धा अभ्यास का 12वाँ संस्करण

सिंगापुर एवं भारतीय सेना के बीच महाराष्ट्र के फील्ड फायरिंग रेंज में द्विपक्षीय अभ्यास अग्नि योद्धा के 12वें संस्करण का समापन हुआ।

MaLAYSIA

अग्नि योद्धा अभ्यास:

  • अभ्यास अग्नि योद्धा के अंतर्गत दोनों देशों के सेनाओं द्वारा आर्टिलरी शाखा द्वारा नई पीढ़ी के उपकरणों का उपयोग करते हुए संयुक्त रूप से मारक क्षमता नियोजन का प्रदर्शन एवं निष्पादन किया गया।
  • इस अभ्यास के अंतर्गत संयुक्त योजना निर्माण के तहत संयुक्त रूप से कंप्यूटर वॉरगेम में दोनों पक्षों द्वारा भागीदारी का भी प्रदर्शन किया गया।
  • आर्टिलरी में आधुनिक रुझानों और बेहतर आर्टिलरी योजना प्रक्रिया के विषय पर दोनों देशों के बीच विशेषज्ञ अकादमिक चर्चा का भी आयोजन किया गया।
  • इस अभ्यास ने ड्रिल्स व प्रक्रियाओं की आपसी समझ बढ़ाने और दोनों सेनाओं के बीच पारस्परिकता को बेहतर करने में योगदान किया।

भारत और सिंगापुर के बीच अन्य अभ्यास:  

स्रोत:पी.आई.बी


डिजियात्रा

हाल ही में सरकार ने हवाई यात्रा को और सुलभ बनाने हेतु चुनिंदा हवाई अड्डों पर पेपरलेस एंट्री की शुरुआत की है।

  • पहले चरण में यह पहल सात हवाई अड्डों पर शुरू की जाएगी, जिसमे पहले तीन हवाई अड्डे - दिल्ली, बेंगलुरु और वाराणसी के होंगे। इसके बाद मार्च 2023 तक हैदराबाद, कोलकाता, पुणे और विजयवाड़ा हवाई अड्डों को शामिल किया जाएगा।
  • इसके बाद इस तकनीक का उपयोग राष्ट्रीय स्तर पर किया जाएगा।

Digiyatra

डिजियात्रा:

  • परिचय:
    • डिजियात्रा एक परिकल्पना है जिसके तहत यात्री अपनी पहचान की पुष्टि करने के लिये चेहरे(फेसिअल फीचर्स) का उपयोग करते हुए पेपरलेस और संपर्क रहित (कॉन्टैक्टलेस) प्रक्रिया के माध्यम से हवाई अड्डे पर विभिन्न चेकपॉइंट्स से गुजरते हैं जो उनके बोर्डिंग पास से जुड़ा(लिंक्ड) होगा।
    • इस तकनीक के साथ, हवाईअड्डे, सुरक्षा जाँच क्षेत्रों, विमान बोर्डिंग आदि में प्रवेश सहित सभी चेकपॉइंट्स पर चेहरे की पहचान प्रणाली के आधार पर यात्रियों का प्रवेश को स्वचालित रूप से किया जाएगा।
  • कार्यान्वयन:
    • यह परियोजना नागरिक उड्डयन मंत्रालय के तहत डिजीयात्रा फाउंडेशन द्वारा कार्यान्वित की जा रही है।
      • डिजीयात्रा फाउंडेशन एक संयुक्त उद्यम कंपनी है जिसके शेयरधारक भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण
  • महत्त्व:
    • चेहरे की पहचान तकनीक फायदेमंद है क्योंकि यह हवाईयात्रा को अधिक सुविधाजनक बनाती है और हवाईअड्डों पर भीड़ कम करती है।
      • दुबई, सिंगापुर, अटलांटा और नारिता (जापान) सहित दुनिया भर के विभिन्न हवाई अड्डों पर चेहरे की पहचान प्रणाली ने दक्षता लाने में मदद की है। परिणामस्वरूप ये कम लागत पर संचालित होते हैं।
    • वर्तमान मैनुअल प्रक्रियाओं को डिज़िटल स्वरूप प्रदान किया जाता है और बेहतर क्षमता लाने के लिये प्रयास किया जाता है
    • सुरक्षा मानकों को बढ़ाया जाएगाऔर वर्तमान सिस्टम प्रदर्शन में सुधार किया जाएगा
    • डिजीयात्रा के साथ भारत, हवाई अड्डों पर एक निर्बाध, परेशानी मुक्त और स्वास्थ्य जोखिम मुक्त प्रक्रिया के लिये एक नया वैश्विक बेंचमार्क स्थापित कर रहा है

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस


Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 03 दिसंबर, 2022

विश्व कंप्यूटर साक्षरता दिवस

राष्ट्रीय समुदायों के बीच कंप्यूटर साक्षरता को लेकर जागरूकता बढ़ाने और डिजिटल साक्षरता को बढ़ावा देने हेतु प्रतिवर्ष 02 दिसंबर को विश्व भर में ‘विश्व कंप्यूटर साक्षरता दिवस’ मनाया जाता है। यह दिवस तकनीकी कौशल को बढ़ावा देने पर ज़ोर देता है। इस दिवस का लक्ष्य बच्चों और महिलाओं को अधिक सीखने तथा कंप्यूटर का अधिक-से-अधिक उपयोग करने में सक्षम बनाना है। ज्ञात हो कि मौजूदा आधुनिक युग में तेज़ी से बढ़ती तकनीक और डिजिटल क्रांति के कारण कंप्यूटर मानव जीवन का एक अनिवार्य हिस्सा बन गया है। कंप्यूटर का ज्ञान वर्तमान समय में काफी महत्त्वपूर्ण माना जाता है, क्योंकि यह बहुत सटीक, तीव्र है और कई कार्यों को एक साथ आसानी से पूरा करने में सक्षम है। इसके अलावा यह स्वयं में बड़ी मात्रा में डेटा संग्रहीत कर सकता है और इंटरनेट का उपयोग करके विभिन्न पहलुओं पर जानकारी प्राप्त करने में भी सहायता करता है।

अंतर्राष्‍ट्रीय दिव्‍यांगजन दिवस

समाज के सभी क्षेत्रों में दिव्‍यांगजनों के अधिकारों और कल्याण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से प्रतिवर्ष ‘अंतर्राष्‍ट्रीय दिव्‍यांगजन दिवस’ का आयोजन किया जाता है। सर्वप्रथम संयुक्त राष्ट्र महासभा ने वर्ष 1981 को ‘विकलांगजनों के लिये अंतर्राष्ट्रीय वर्ष’ घोषित किया था। इसके पश्चात् वर्ष 1983-92 के दशक को ‘विकलांगजनों के लिये अंतर्राष्ट्रीय दशक’ घोषित किया गया। वर्ष 1992 में संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा प्रतिवर्ष 3 दिसंबर को ‘विश्व दिव्‍यांगता दिवस’ के रूप में मनाने की शुरुआत की गई। विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Helath Organisation- WHO) के अनुसार, विश्व की 15.3% आबादी किसी-न-किसी प्रकार की अशक्तता से पीड़ित है। इस प्रकार यह विश्व का सबसे बड़ा ‘अदृश्य अल्पसंख्यक समूह’ है। वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार, भारत की कुल जनसंख्या का मात्र 2.21%  दिव्यांगता से पीड़ित है। इस दिवस को मनाने का सबसे महत्त्वपूर्ण उद्देश्य अशक्त-जनों की अक्षमता के मुद्दों पर समाज में लोगों की जागरूकता, समझ और संवेदनशीलता को बढ़ावा देना है। इसके अतिरिक्त यह दिव्‍यांगजनों के आत्म-सम्मान, कल्याण और आजीविका की सुरक्षा सुनिश्चित करने में उनकी सहायता पर भी ज़ोर देता है।  

भोपाल गैस त्रासदी

विश्व की दूसरी सबसे बड़ी गैस त्रासदी को भले ही 38 साल बीत गए हों, लेकिन इसके जख्म आज भी ताज़ा हैं। भोपाल गैस त्रासदी भारत में मध्य प्रदेश के भोपाल शहर में घटित वह बड़ी दुर्घटना थी, जिसमें हज़ारों लोगों ने अपनी जान गँवा दी थी। 02 और 03 दिसम्बर, 1984 को भोपाल में हुई भयानक औद्योगिक दुर्घटना को "भोपाल गैस कांड" या "भोपाल गैस त्रासदी" के नाम से जाना गया। भोपाल स्थित 'यूनियन कार्बाइड' नामक कंपनी के कारखाने से 'मिथाइल आइसोसाइनेट' (Methyl isocyanate- MIC) नामक एक ज़हरीली गैस का रिसाव हुआ, जिससे कीटनाशक बनाया जाता है। बहुराष्ट्रीय कंपनी 'यूनियन कार्बाइड' के मुख्य कार्यकारी अधिकारी वारेन एंडरसन ने विश्व के अन्य  देशों,  प्रांतों, प्रदेशों की तरह भोपाल में भी एक अत्यंत आधुनिक, सुरक्षा और उत्पादन के शीर्ष मायनों पर खरा उतरने वाले रासायनिक कीटनाशक उत्पादन की महत्त्वाकांक्षा वाला एक कारखाना स्थापित किया था। यूनियन कार्बाइड की बेहतरीन कीटनाशक उत्पादन प्रणाली बाज़ार के साथ सामंजस्य स्थापित नहीं कर पाई और इसके कारखाने को अनुमानित अर्थलाभ की अपेक्षा आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा, जिसका कंपनी की उत्पादन प्राणाली, सुरक्षा मानदंड और उपकरणों के अनुरक्षण पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा और मिथाइल आइसोसाइनेट गैस के रिसाव से लगभग 15000 से अधिक लोगों की जान गई तथा बहुत सारे लोग अनेक तरह की शारीरिक अपंगता से लेकर अंधेपन के शिकार हुए। भोपाल गैस त्रासदी दुनिया की सबसे बड़ी औद्योगिक दुर्घटना मानी जाती  है।