प्रिलिम्स फैक्ट्स (01 Mar, 2023)



अदृश्य मेंटल परतें

दो नए अध्ययनों के अनुसार, मेंटल यानी पृथ्वी की ऊपरी भू-पर्पटी और आंतरिक क्रोड के बीच ठोस चट्टान की एक परत ने दो नई परतों को छिपा रखा है। 

प्रमुख बिंदु  

  • यह पहली परत ऊपरी मेंटल में एक श्यानता ज़ोन (Viscosity Zone) है, जो लगभग 100 किलोमीटर मोटी है, जिसे GPS सेंसर के उपयोग से गहरे भूकंपों (वर्ष 2018 फिजी में 8.2 तीव्रता का भूकंप) का अध्ययन कर खोजा गया था।
  • दूसरी परत आंशिक रूप से पिघली हुई है जो 90 किमी. से 150 किमी. तक फैली हुई है और टेक्टोनिक प्लेटों के नीचे स्थित है।
    • भूकंपीय तरंगों के विश्लेषण से इस परत की खोज हुई, जो अधिक तापमान की ओर इशारा करती है।

पृथ्वी की मेंटल परत:  

  • परिचय:  
    • मेंटल ठोस चट्टान की एक परत है जिसकी मोटाई लगभग 2,900 किलोमीटर (1,800 मील) है और यह भू-पर्पटी के निचले भाग से लेकर क्रोड के उपरी भाग तक विस्तृत है।
    • मेंटल पृथ्वी के आंतरिक भाग की सबसे बड़ी परत है, जो पृथ्वी के आयतन का लगभग 84% और इसके द्रव्यमान का लगभग 68% है।
  • संरचना:  
    • मेंटल लौह और मैग्नीशियम से भरपूर सिलिकेट चट्टानों से निर्मित है, यह ऊपरी मेंटल तथा निचले मेंटल में विभाजित है।
  • महत्त्व:
    • मेंटल पृथ्वी की संरचना का एक महत्त्वपूर्ण हिस्सा है और भूगर्भिक प्रक्रियाओं में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है जो ग्रह की सतह को आकार देता है, जैसे कि प्लेट विवर्तनिकी और ज्वालामुखीय गतिविधि।  
    • मेंटल का चिपचिपा गुण संवहन को नियंत्रित करता है- विभिन्न तापमान वाले क्षेत्रों के बीच ऊष्मा का स्थानांतरण
      • कोर द्वारा उत्पन्न ऊष्मा मेंटल के माध्यम से स्थानांतरित होती है, जो पृथ्वी की सतह पर विवर्तनिक प्लेटों की गति को संचालित करती है।

Lithosphere

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रिलिम्स:

प्रश्न. पृथ्वी ग्रह की संरचना में प्रावार (मेंटल) के नीचे, कोर मुख्य रूप से निम्नलिखित में से एक से बना है? (2009)

(a) एल्युमीनियम
(b) क्रोमियम
(c) आयरन
(d) सिलिकॉन

उत्तर: (c)


मेन्स:

प्रश्न. मेंटल प्लूम को परिभाषित कीजिये और प्लेट विवर्तनिकी में इसकी भूमिका को स्पष्ट कीजिये। (2018)

स्रोत: डाउन टू अर्थ


क्यूआर-कोड आधारित कॉइन वेंडिंग मशीन

भारतीय रिज़र्व बैंक (Reserve Bank of India- RBI) क्यूआर-कोड आधारित कॉइन वेंडिंग मशीन (QR-code Based Coin Vending Machine- QCVM) के कामकाज़ का आकलन करने हेतु एक पायलट प्रोजेक्ट शुरू करने पर विचार कर रहा है।

  • पायलट प्रोजेक्ट को शुरुआत में देश भर के 12 शहरों में 19 स्थानों पर शुरू करने की योजना है। मशीनों तक सहज पहुँच को ध्यान मे रखते हुए इन्हें विशेष रूप से रेलवे स्टेशन, शॉपिंग मॉल एवं मार्केटप्लेस जैसे सार्वजनिक स्थानों पर स्थापित किया जाएगा।

QCVM: 

  • कैशलेस कॉइन डिस्पेंसर जिसे QCVM कहा जाता है, एकीकृत भुगतान इंटरफेस का उपयोग कर ग्राहक के बैंक खाते के माध्यम से सिक्का प्रदान करेगा।
  • ग्राहकों के लिये आवश्यक मात्रा और मूल्य वर्ग में सिक्के निकालने का विकल्प उपलब्ध होगा।
  • यह सिक्कों तक पहुँच’ को आसान बनाएगा।
  • QCVM एक नकद-आधारित मानक कॉइन वेंडिंग मशीन के विपरीत बैंक नोट्स प्रदान करने और उनके प्रमाणीकरण की आवश्यकता को समाप्त कर देगा।

QCVM की आवश्यकता: 

  • पहले की मशीनों में कुछ त्रुटियाँ/समस्याएँ थीं जिनसे सिक्के प्राप्त करने के लिये कुछ नकली नोटों का प्रयोग किया जाता था। 
  • सिक्कों की मांग बहुत अधिक है, लेकिन इसका ठीक से वितरण नहीं हो पा रहा है।  
    • RBI के नवीनतम बुलेटिन के अनुसार, रुपए के सिक्कों के मुद्राचलन का कुल मूल्य 30 दिसंबर, 2022 तक 28,857 करोड़ रुपए था, जो कि एक वर्ष पहले की अवधि से 7.2% अधिक है।  
    • इस परिप्रेक्ष्य में भारत में सिक्के 50 पैसे, एक रुपए, दो रुपए, पाँच रुपए, दस रुपए और बीस रुपए मूल्यवर्ग में जारी किये जाते हैं। 50 पैसे तक के सिक्के छोटे सिक्के कहलाते हैं, जबकि एक रुपए और उससे अधिक के सिक्के रुपए के सिक्के कहलाते हैं। 
  • अतः जहाँ इनकी मांग है, वहाँ सिक्के उपलब्ध कराकर सिक्कों की आपूर्ति को सुनिश्चित किया जा सकता है। 
  • वर्तमान में सिक्के प्राप्त करने के लिये व्यक्ति को बैंक शाखा में जाना पड़ता है और सिक्कों के बदले मुद्रा नोटों को देना होता है। 
  • लेकिन QCVM के संदर्भ में UPI क्यूआर-कोड का प्रयोग कर सिक्कों को निकाला जा सकता है और यह राशि सिक्कों को निकालने वाले व्यक्ति के बैंक खाते से डेबिट हो जाएगी। 

स्रोत: द हिंदू


Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 01 मार्च , 2023

समाचार प्रसारण और डिजिटल मानक प्राधिकरण  

समाचार प्रसारण और डिजिटल मानक प्राधिकरण (News Broadcasting and Digital Standards Authority- NBDSA) ने कुछ समाचार चैनलों को आचार संहिता एवं प्रसारण मानकों तथा विशिष्ट दिशा-निर्देशों के उल्लंघन कर प्रसारित कुछ कार्यक्रमों के वीडियो को अपने ऑनलाइन प्लेटफाॅर्म से हटाने का निर्देश दिया है। NBDSA न्यूज़ ब्रॉडकास्टर्स एंड डिजिटल एसोसिएशन (NBDA) द्वारा स्थापित एक स्वतंत्र निकाय है, जो निजी टेलीविज़न समाचार, करंट अफेयर्स और डिजिटल ब्रॉडकास्टर्स के प्रतिनिधि के रूप में कार्य करता है। यह खुद को भारत में समाचार, करंट अफेयर्स एवं डिजिटल ब्रॉडकास्टर्स की सामूहिक आवाज़ के रूप में वर्णित करता है। यह पूरी तरह से इसके सदस्यों द्वारा वित्तपोषित है। इसका उद्देश्य अपने सभी सदस्यों के अनुचित और/या अनैतिक व्यवहार को रोकना या टेलीविज़न समाचार प्रसारकों, डिजिटल समाचार मीडिया तथा अन्य संबंधित संस्थाओं को बदनाम होने से बचाना है।

और पढ़ें… इलेक्ट्रॉनिक मीडिया हेतु नैतिक संहिता

शिकायत अपीलीय समिति पोर्टल  

इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने सूचना प्रौद्योगिकी नियम, 2021 के तहत शिकायत अपीलीय समिति पोर्टल की शुरुआत की, यह सरकार द्वारा गठित तीन समितियों की मदद से उन लोगों की समस्या का निवारण किये जाने की सुविधा प्रदान करता है, जो इंटरनेट सामग्री को हटाए जाने के अनुरोधों पर सोशल मीडिया कंपनियों को किये गए शिकायत से असंतुष्ट हैं। सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यस्थ दिशा-निर्देश और डिजिटल मीडिया नीतिगत संहिता) के नियम, 2021 में वर्ष 2022 में संशोधन किया गया था, ताकि सोशल मीडिया कंपनियों को संविधान के तहत अनुच्छेद 14, 19 एवं 21 द्वारा नागरिकों को दिये गए सभी अधिकारों का सम्मान करना अनिवार्य किया जाए। नतीजतन, सोशल मीडिया प्लेटफाॅर्म को अब उन अभिव्यक्तियों की अनुमति देने के लिये बाध्य किया जा सकता है जो निजी तौर पर अवैध हो सकते है परंतु सार्वजनिक रूप से वैध हैं। जनवरी 2023 में केंद्र सरकार ने तीन GACs (Grievance Appellate Committee) के गठन को अधिसूचित किया जो सोशल मीडिया तथा अन्य इंटरनेट-आधारित प्लेटफाॅर्मों के खिलाफ उपयोगकर्त्ता की शिकायतों का समाधान करेगी। इसके अतिरिक्त इन पैनलों के पास सामग्री मॉडरेशन के संबंध में इन प्लेटफाॅर्मों द्वारा किये गए निर्णयों की निगरानी करने और उन निर्णयों को रद्द करने का अधिकार होगा।

और पढ़ें… GACs करेंगी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के खिलाफ शिकायतों का समाधान, भारत द्वारा सूचना प्रौद्योगिकी नियम में संशोधन 

विश्व गैर-सरकारी संगठन दिवस 

प्रतिवर्ष विश्व भर के गैर-सरकारी संगठन (Non-Governmental Organizations- NGOs) 27 फरवरी को विश्व NGO दिवस मनाते हैं। इस वर्ष छह महाद्वीपों के 89 से अधिक देशों द्वारा अंतर्राष्ट्रीय NGO दिवस मनाया गया। विश्व NGO दिवस- 2023 की थीम मानवाधिकारों को आगे बढ़ाने और सतत् विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने में गैर-सरकारी संगठनों की भूमिका एवं प्रभाव पर आधारित है। 17 अप्रैल, 2010 को IX बाल्टिक सागर  NGO फोरम के 12 सदस्यीय देशों द्वारा औपचारिक रूप से मान्यता दिये जाने पर इस दिन को आधिकारिक दर्जा प्राप्त हुआ। वर्ष 2012 में फोरम के अंतिम वक्तव्य संकल्प के तहत इसे मान्यता दी गई थी। यद्यपि इस दिन को आधिकारिक तौर पर 2010 में मान्यता दी गई थी और पहली बार वर्ष 2014 में संयुक्त राष्ट्र द्वारा विश्व NGO दिवस मनाया गया था। NGO गैर-लाभकारी संगठन हैं जो लोगों, जानवरों और समुदायों को प्रभावित करने वाली कई मानवीय मामलों के समाधान का समर्थन करते हैं। ये संगठन स्वास्थ्य, शिक्षा और नौकरियों समेत विविध क्षेत्रों में सहायता प्रदान करते हैं।  

और पढ़ें… https://www.drishtiias.com/hindi/daily-news-analysis/world-ngo-day 

सियांग उनिंग महोत्सव 

  • हाल ही में केंद्रीय बंदरगाह, नौवहन एवं जलमार्ग और आयुष मंत्री ने सियांग उनिंग महोत्सव (Siang Unying Festival) में भाग लिया जो अरुणाचल प्रदेश के बोलेंग में आदि समुदाय का एक महत्त्वपूर्ण त्योहार है।
  • उनिंग का त्योहार खेती के मौसम, आदि समुदाय के नए साल की शुरुआत, वसंत ऋतु के आगमन के साथ-साथ समुदाय के बीच बंधन को मज़बूत करने हेतु मनाया जाता है। माना जाता है कि अरुणाचल प्रदेश की आदि जनजाति (Adi Tribe) 16वीं शताब्दी में दक्षिणी चीन से आई थी। यह तिब्बती-बर्मी भाषा बोलने वाली आबादी है। वे सुदूर उत्तर में अरुणाचल प्रदेश के पूर्वी सियांग और निचली दिबांग घाटी ज़िलों में रहते हैं। आदि समुदाय के लोग बेंत और बाँस की वस्तुएँ बनाने में विशेषज्ञ होते हैं। सोलंग (कटाई का त्योहार जहाँ जानवरों की बलि और अनुष्ठान किये जाते हैं) और अरन (Aran) (एक शिकार त्योहार जहाँ परिवार के सभी पुरुष सदस्य शिकार हेतु जाते हैं) भी आदि जनजातियों के प्रमुख त्योहारों में से हैं।

और पढ़े… विभिन्न जनजातियों के अनुष्ठान