मध्य प्रदेश में 'रीवाइल्डिंग' पहल | मध्य प्रदेश | 02 Sep 2025
चर्चा में क्यों?
'टाइगर स्टेट' के नाम से प्रसिद्ध मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में 'रीवाइल्डिंग' नामक एक पहल शुरू की गई है।
मुख्य बिंदु:
- पहल के बारे में:
- 'रीवाइल्डिंग' पहल का उद्देश्य प्रमुख प्रजातियों को उनके प्राकृतिक आवासों में पुनः स्थापित करना है और इसे भारत में वन्यजीव संरक्षण के लिये एक मॉडल बनाने का लक्ष्य है।
- इसमें ऐसे हिंसक (predator) और शिकार प्रजातियों (prey species) को पुनः स्थापित किया जा रहा है, जो पारिस्थितिकी तंत्र के लिये अत्यंत महत्त्वपूर्ण हैं, लेकिन वर्तमान में वनों में अनुपस्थित हैं।
- इनकी अनुपस्थिति में खाद्य शृंखला टूट जाती है और प्राकृतिक जीवनचक्र क्षतिग्रस्त हो जाता है, जिससे पारिस्थितिकी संतुलन बिगड़ जाता है।
- उद्देश्य :
- कार्यान्वयन :
- वन विभाग ने दलदली हिरण और अन्य प्रजातियों को पुनः लाने के लिये एक चरणबद्ध पुनर्वनीकरण योजना बनाई है, जिसमें घास के मैदानों, नदी के दृश्यों और सहायक आवासों सहित पूरे वन पारिस्थितिकी तंत्र को बहाल करने पर ध्यान केंद्रित किया गया है।
- इस मिशन को राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA), वन अनुसंधान संस्थान और अंतर्राष्ट्रीय विशेषज्ञों का समर्थन प्राप्त है।
- जनजातीय और ग्रामीण समुदायों को भी इसमें शामिल किया जा रहा है, ताकि वन्यजीव संरक्षण के साथ-साथ पारिस्थितिकी पर्यटन और आजीविका के अवसर भी सृजित हो सकें।
- महत्त्व:
- रीवाइल्डिंग जलवायु परिवर्तन से निपटने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है, क्योंकि यह कार्बन भंडारण को बढ़ाता है, कार्बन उत्सर्जन को कम करता है और जल तथा मृदा जैसे महत्त्वपूर्ण संसाधनों का संरक्षण करता है, जिससे प्राकृतिक पारिस्थितिकी तंत्र की रक्षा होती है।
- पारिस्थितिकी लाभों के अलावा, रीवाइल्डिंग वन्यजीव पर्यटन को बढ़ावा देता है, स्थानीय अर्थव्यवस्था में योगदान करता है और प्राकृतिक चक्रों को मानव हस्तक्षेप से अप्रभावित बनाए रखता है।
इंदौर को CII ग्रीन सिटी प्रमाणन प्राप्त | मध्य प्रदेश | 02 Sep 2025
चर्चा में क्यों?
इंदौर मध्य प्रदेश का पहला शहर तथा देश के प्रमुख तीन शहरों में से एक बन गया है जिसे CII की इंडियन ग्रीन बिल्डिंग काउंसिल (IGBC) द्वारा ‘ग्रीन सिटी प्लैटिनम’ प्रमाणन प्रदान किया गया है।
मुख्य बिंदु
भारतीय हरित भवन परिषद (IGBC)
- यह एक गैर-लाभकारी, सदस्य-संचालित परिषद है, जिसकी स्थापना वर्ष 2001 में भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) द्वारा भारत में स्थायी भवन प्रक्रियाओं को बढ़ावा देने के लिये की गई।
- यह परिषद आवासीय, वाणिज्यिक एवं औद्योगिक क्षेत्रों में पर्यावरण-उत्तरदायी निर्माण और डिज़ाइन को प्रोत्साहित करने के लिये हरित भवन रेटिंग प्रणाली, प्रमाणन सेवाएँ एवं प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रदान करती है।