मध्य प्रदेश क्रूज़ पर्यटन को बढ़ावा देगा | मध्य प्रदेश | 26 Apr 2024
चर्चा में क्यों?
हाल ही में मध्य प्रदेश पर्यटन बोर्ड ने मध्य प्रदेश में क्रूज़ पर्यटन को बढ़ाने के लिये भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण (IWAI) और गुजरात सरकार के साथ एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किये हैं।
मुख्य बिंदु:
- इस सहयोग के तहत, राज्य में कोलकाता से कुक्षी तक पोंटून के नाम से जाने जाने वाले दो फ्लोटिंग जेटी भेजे गए हैं।
- प्रस्तावित क्रूज़ मार्ग मध्य प्रदेश के ओंकारेश्वर में एकात्म धाम (स्टैच्यू ऑफ वननेस) से शुरू होने और गुजरात के केवडिया में स्टैच्यू ऑफ यूनिटी तक यात्रा करने के लिये निर्धारित है।
- MoU में उल्लिखित शर्तों के अनुसार, IWAI मध्य प्रदेश और गुजरात दोनों को दो फ्लोटिंग जेटी प्रदान करने के लिये प्रतिबद्ध है।
- राज्य सरकार द्वारा क्रूज़ पर्यटन के लिये अतिरिक्त बुनियादी ढाँचे और सुविधाओं का विकास किया जाएगा, जिससे क्षेत्र में आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा तथा स्थानीय आबादी को लाभ मिलेगा।
- क्रूज़ पर्यटन न केवल पर्यटन परिदृश्य को समृद्ध करने का वादा करता है, बल्कि पर्यटकों को नर्मदा नदी के प्राकृतिक दृश्यों के बीच स्थानीय संस्कृति, परंपराओं, जीवन शैली और व्यंजनों का एक व्यापक अनुभव भी प्रदान करता है।
नर्मदा नदी
- नर्मदा नदी (जिसे रीवा के नाम से भी जाना जाता है) उत्तर और दक्षिण भारत के बीच एक पारंपरिक सीमा के रूप में कार्य करती है।
- यह मैकल पर्वत के अमरकंटक शिखर से पश्चिम की ओर 1,312 किमी. प्रवाहित होते हुए खंभात की खाड़ी में मिलती है।
- यह महाराष्ट्र और गुजरात राज्यों के कुछ क्षेत्रों के अलावा मध्य प्रदेश के एक बड़े क्षेत्र में जल प्रवाहित करती है।
- यह प्रायद्वीपीय क्षेत्र की पश्चिम की ओर प्रवाहित होने वाली नदी है जो उत्तर में विंध्य पर्वतमाला तथा दक्षिण में सतपुड़ा पर्वतमाला के बीच एक दरार घाटी से होकर बहती है।
- सहायक नदियाँ:
- दाहिनी ओर से प्रमुख सहायक नदियाँ हैं- हिरन, तेंदोरी, बरना, कोलार, मान, उरी, हटनी और ओरसांग।
- प्रमुख बाईं सहायक नदियाँ हैं- बर्नर, बंजार, शेर, शक्कर, दूधी, तवा, गंजाल, छोटा तवा, कुंडी, गोई और कर्जन।
- बाँध:
- नदी पर बने प्रमुख बाँधो में ओंकारेश्वर और महेश्वर बाँध शामिल हैं।