भगत सिंह की जयंती | राष्ट्रीय करेंट अफेयर्स | 29 Sep 2025
चर्चा में क्यों?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने क्रांतिकारी भगत सिंह को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित की, उनके साहस को महान प्रेरणा का स्रोत बताते हुए सराहा।

प्रमुख बिंदु
- जन्म: भगत सिंह का जन्म 28 सितंबर, 1907 को बंगा, पंजाब, ब्रिटिश भारत (वर्तमान पाकिस्तान) में हुआ था। वह एक सिख परिवार से थे, जो उपनिवेश-विरोधी गतिविधियों में सक्रिय रूप से शामिल थे; उनके पिता, किशन सिंह, और चाचा, अजीत सिंह, प्रमुख स्वतंत्रता सेनानी थे।
- प्रारंभिक जीवन: 12 वर्ष की आयु में जलियाँवाला बाग हत्याकांड देखा, जिसने उनमें देशभक्ति की गहरी भावना और भारत की स्वतंत्रता के लिये संघर्ष करने का संकल्प उत्पन्न किया।
- शिक्षा: लाला लाजपत राय द्वारा स्थापित नेशनल कॉलेज, लाहौर में दाखिला लिया, जिसने स्वदेशी आंदोलन पर ज़ोर दिया और क्रांतिकारी विचारों के लिये एक मंच प्रदान किया।
- क्रांतिकारी संगठन: भगत सिंह वर्ष 1924 में हिंदुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन (HRA) के सदस्य बने, जिसे बाद में वर्ष 1928 में हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन (HSRA) नाम दिया गया।
- नौजवान भारत सभा की स्थापना भगत सिंह ने वर्ष 1926 में की थी, जिसका उद्देश्य स्वतंत्रता संग्राम के लिये युवाओं को संगठित करना था।
- प्रमुख कार्य: पुलिस की बर्बरता के कारण लाला लाजपत राय की मृत्यु के प्रतिशोध के रूप में वर्ष 1928 में पुलिस अधिकारी जे.पी. सॉन्डर्स की हत्या (लाहौर षडयंत्र मामला) में शामिल हुए।
- 18 अप्रैल, 1929 को बी.के. दत्त के साथ मिलकर दमनकारी ब्रिटिश कानूनों के विरोध में केंद्रीय विधानसभा में बम फेंका।
- गिरफ्तारी और मुकदमा: वर्ष 1929 में बम कांड के लिये गिरफ्तार किये गए और बाद में लाहौर षडयंत्र मामले में हत्या का आरोप लगाया गया। उन पर मुकदमा चलाया गया, दोषी ठहराया गया और मृत्युदंड की सज़ा सुनाई गई।
- 23 मार्च, 1931 को लाहौर में साथी क्रांतिकारी सुखदेव और राजगुरु के साथ फाँसी दी गई। भगत सिंह को स्नेहपूर्वक शाहिद-ए-आज़म के नाम से जाना जाता है।
- साहित्यिक योगदान: उन्होंने महत्त्वपूर्ण रचनाएँ लिखीं, जिनमें व्हाय आई एम एन एथीस्ट (मैं नास्तिक क्यों हूँ), द जेल नोटबुक एंड अदर राइटिंग्स और समाजवाद व क्रांति की वकालत करने वाले कई राजनीतिक घोषणापत्र शामिल हैं।
- अपने प्रारंभिक कार्य विश्व प्रेम (Universal Love) में सिंह ने समानता के महत्त्व की घोषणा की। उन्होंने एक ऐसे विश्व की कल्पना की, जो भुखमरी और युद्ध से मुक्त हो और जहाँ मानवता जाति तथा राष्ट्रीयता की सीमाओं से परे हो।
- विचारधारा: उन्होंने मार्क्सवादी और समाजवादी विचारधाराओं का समर्थन किया, तर्कशीलता, समानता और न्याय पर ज़ोर दिया। उन्होंने संगठित धर्म की आलोचना की और इसे मानसिक तथा शारीरिक दासता का रूप माना।
- विरासत: उन्हें राष्ट्रीय नायक और शहीद के रूप में सम्मानित किया जाता है; उनके जन्मदिवस और फाँसी की तिथि प्रतिवर्ष भारत के स्वतंत्रता संग्राम में उनके योगदान को याद करने के लिये मनाई जाती है।
- हर वर्ष 23 मार्च को भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु जैसे स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि देने के लिये शहीद दिवस के रूप में मनाया जाता है।
भारत ने एशिया कप जीता | राष्ट्रीय करेंट अफेयर्स | 29 Sep 2025
चर्चा में क्यों?
भारत ने दुबई में एशिया कप 2025 के फाइनल में पाकिस्तान को 5 विकेट से हराकर अपना नौवां खिताब जीता, और टूर्नामेंट में पाकिस्तान के खिलाफ तीनों मैच जीतकर अजेय रहा।

प्रमुख बिंदु
- एशिया कप रिकॉर्ड:
- भारत: 9 खिताब (किसी भी टीम द्वारा सबसे अधिक)
- श्रीलंका: 6 खिताब
- पाकिस्तान: 2 खिताब
- प्लेयर ऑफ द मैच: तिलक वर्मा
- प्लेयर ऑफ द सीरीज: अभिषेक शर्मा
- एशिया कप फॉर्मेट: यह ODI और T20I फॉर्मेट के बीच वैकल्पिक रूप से आयोजित होता है।
- यह भारत का एशिया कप 2023 (ODI फॉर्मेट) जीतने के बाद लगातार दूसरा खिताब है।
बिहार में दो आर्द्रभूमियों को रामसर स्थल के रूप में किया घोषित | बिहार | 29 Sep 2025
चर्चा में क्यों?
भारत ने बिहार से दो नई आर्द्रभूमि — बक्सर में गोकुल जलाशय और पश्चिम चंपारण में उदयपुर झील — को अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व के रामसर सम्मेलन स्थलों की वैश्विक सूची में शामिल किया है।
- इन स्थलों के जुड़ने के साथ, भारत के रामसर स्थलों की संख्या अब 93 हो गई है, जो 13,60,719 हेक्टेयर क्षेत्रफल को कवर करती हैं। यह एशिया में अपनी शीर्ष स्थान बनाए रखते हुए वैश्विक स्तर पर तीसरे स्थान पर है, जबकि यूके (176) और मेक्सिको (144) पहले और दूसरे स्थान पर हैं।
प्रमुख बिंदु
- गोकुल जलाश्य, बक्सर जिला:
- प्रकार: गंगा नदी के दक्षिणी किनारे स्थित ऑक्सबो झील।
- पारिस्थितिक भूमिका: पास के गाँवों के लिये प्राकृतिक बाढ़ अवरोधक का कार्य करता है और 50 से अधिक पक्षी प्रजातियों के लिये निवास स्थान प्रदान करता है।
- सामुदायिक संपर्क: मत्स्यन, कृषि और सिंचाई के माध्यम से आजीविका प्रदान करता है।
- स्थानीय परंपरा: गाँववाले प्रत्येक वर्ष एक उत्सव के दौरान जलग्रहण क्षेत्र की सफाई करते हैं।
- उदयपुर झील, पश्चिम चंपारण जिला:
- प्रकार: गाँव के चारों ओर स्थित ऑक्सबो झील।
- जैव विविधता: यहाँ 280 पादप प्रजातियाँ पाई जाती हैं, जिनमें एलिसिकार्पस रॉक्सबर्गियानस (Alysicarpus roxburghianus) (भारत के लिये स्थानीय) भी शामिल है।
- यह 35 प्रवासी पक्षी प्रजातियों के लिये एक महत्त्वपूर्ण शीतकालीन निवास स्थान है, जिनमें संकटग्रस्त कॉमन पोचार्ड भी शामिल है।
- परिचय: ये दलदली, फेन, पीटलैंड अथवा जल क्षेत्र (प्राकृतिक या कृत्रिम) होते हैं, जिनमें स्थिर या प्रवाहित जल पाया जाता है, जिनमें छह मीटर से अधिक गहराई वाले समुद्री क्षेत्र शामिल हैं।
- आर्द्रभूमियाँ एक पारिस्थितिक इकोटोन (Ecotone) हैं, जिसमें स्थलीय और जलीय पारिस्थितिक तंत्रों के बीच संक्रमणकालीन भूमि होती है।
- रामसर कन्वेंशन: इसे यह वर्ष 1971 में ईरान के रामसर में अपनाया गया था और यह आर्द्रभूमि संरक्षण और विवेकपूर्ण उपयोग के लिये एक वैश्विक रूपरेखा प्रदान करता है। भारत वर्ष 1982 में इसमें शामिल हुआ।
- मॉन्ट्रो रिकॉर्ड (संकटग्रस्त सूची) में उन आर्द्रभूमियों को शामिल किया जाता है, जिनका पारिस्थितिक स्वरूप मानवीय गतिविधियों या प्रदूषण के कारण बिगड़ रहा है। भारत की दो आर्द्रभूमियाँ मॉन्ट्रो रिकॉर्ड में शामिल हैं:
- केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान, राजस्थान (1990): यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल।
- लोकटक झील, मणिपुर (1993): पूर्वोत्तर भारत की सबसे बड़ी मीठे पानी की झील, जो अपनी फुमडी (Phumdis) (वनस्पति, मृदा और कार्बनिक पदार्थों के तैरते हुए समूह) के लिये जानी जाती है।
- चिल्का झील को वर्ष 1993 में मॉन्ट्रो रिकॉर्ड में शामिल किया गया था, लेकिन वर्ष 2002 में इसे बाहर (एशिया की पहली आर्द्रभूमि जिसे सूची से हटाया गया) कर दिया गया।
उत्तर प्रदेश ने मनाया विश्व पर्यटन दिवस | उत्तर प्रदेश | 29 Sep 2025
चर्चा में क्यों?
उत्तर प्रदेश ने विश्व पर्यटन दिवस 2025 को राज्यव्यापी उत्सवों के साथ मनाया, जिसमें सतत् परिवर्तन, सामुदायिक सहभागिता और समावेशी पर्यटन पहलों पर विशेष बल दिया गया।
- राज्य ने शहरों और गाँवों में कार्यक्रमों का आयोजन किया, जिनमें सामुदायिक भागीदारी और पर्यावरण-अनुकूल प्रथाओं पर ज़ोर दिया गया।
प्रमुख बिंदु
- परिचय: विश्व पर्यटन दिवस पहली बार वर्ष 1980 में संयुक्त राष्ट्र विश्व पर्यटन संगठन (UNWTO) द्वारा मनाया गया था। इसका उद्देश्य पर्यटन के सामाजिक, सांस्कृतिक और आर्थिक महत्त्व के प्रति जागरूकता बढ़ाना है।
- यह दिवस वर्ष 1975 में UNWTO के अधिनियमों को अपनाने को चिह्नित करता है, जिससे पाँच वर्ष बाद इसका आधिकारिक गठन हुआ।
- UNWTO पर्यटन को आर्थिक वृद्धि, समावेशी विकास और पर्यावरणीय स्थिरता के साधन के रूप में बढ़ावा देता है, साथ ही विश्व स्तर पर ज्ञान और नीतियों को आगे बढ़ाने में इस क्षेत्र का समर्थन करता है।
- UNWTO में 160 सदस्य राष्ट्र (भारत सहित), 6 सहयोगी सदस्य, 2 पर्यवेक्षक और 500 से अधिक संबद्ध सदस्य शामिल हैं।
- इसका मुख्यालय मैड्रिड, स्पेन में स्थित है।
- थीम: इस वर्ष की थीम “पर्यटन और सतत् परिवर्तन” है, जो सकारात्मक परिवर्तन को बढ़ावा देने में पर्यटन की क्षमता पर बल देती है।
- मलेशिया ने मेलाका शहर में विश्व पर्यटन दिवस और विश्व पर्यटन सम्मेलन (WTC) 2025 की मेज़बानी की।
उत्तर प्रदेश पर्यटन नीति 2022
- परिचय: पर्यटन नीति का मुख्य उद्देश्य सतत् विकास सुनिश्चित करना, आगंतुक संतुष्टि बढ़ाना, आर्थिक वृद्धि को प्रोत्साहित करना, सांस्कृतिक और प्राकृतिक संसाधनों की सुरक्षा करना तथा समुदाय की समावेशिता और भागीदारी को बढ़ावा देना है।
- वित्तीय प्रोत्साहन: यह नीति उदार सब्सिडी और वित्तीय सहायता प्रदान करती है, जिसमें शामिल हैं:
- पूंजी निवेश पर 10–25% तक की सब्सिडी (निवेश आकार के आधार पर 2–40 करोड़ रुपए तक सीमित)।
- 5 वर्ष तक 5 करोड़ रुपए तक के बैंक ऋण पर 5% ब्याज सब्सिडी।
- स्टाम्प शुल्क, भूमि रूपांतरण शुल्क और रोज़गार से जुड़े EPF प्रतिपूर्ति पर 100% छूट।
- अतिरिक्त प्रोत्साहन टियर 2+ स्थानों, महिला उद्यमियों, अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति/पिछड़े वर्गों को लक्षित करते हैं और पर्यटन स्थलों पर ध्यान केंद्रित करते हैं।
- फोकस: इस नीति के तहत निम्नलिखित के विकास को बढ़ावा दिया जाता है:
- वन्यजीव अभयारण्य, कैम्पिंग स्थल, ट्रैकिंग और नेचर वॉक जैसे इको-टूरिज्म सर्किट।
- PPP मॉडल के माध्यम से हेरिटेज, MICE {बैठकें (Meetings), प्रोत्साहन (Incentives), सम्मेलन (Conferences) और प्रदर्शनियाँ (Exhibitions)}, वेलनेस और मनोरंजन पार्क।
- थीम आधारित सर्किट - रामायण, कृष्ण, बौद्ध, महाभारत और शक्ति पीठ - के साथ एकीकरण।
- निवेश सुविधा और वैश्विक संवर्द्धन: उत्तर प्रदेश का लक्ष्य निम्नलिखित के माध्यम से प्रतिवर्ष 5,000 करोड़ रुपए आकर्षित करना है:
- बाजार अनुसंधान, अनुमोदन और निवेश सहायता के लिए एक पर्यटन निवेशक सुविधा सेल की स्थापना।
- रोड शो, अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन कार्यक्रमों और सहयोगी ब्रांडिंग में भागीदारी—उत्तर प्रदेश को वैश्विक पर्यटन मानचित्र पर स्थापित करना।
विश्व रेबीज़ दिवस | झारखंड | 29 Sep 2025
चर्चा में क्यों?
विश्व रेबीज़ दिवस के अवसर पर, झारखंड के स्वास्थ्य अधिकारियों ने कुत्तों के काटने के मामलों में तीव्र वृद्धि पर प्रकाश डाला, जिससे रेबीज़ के बढ़ते खतरे को लेकर जनता में चिंता उत्पन्न हुई।
- एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम (IDSP) के आँकड़ों के अनुसार, अगस्त 2025 तक 30,000 से अधिक कुत्तों के काटने के मामले दर्ज किये गए, जिनसे लगभग 1.5 लाख लोग प्रभावित हुए और वर्ष 2021 से अब तक चार लोगों की रेबीज़ से मृत्यु हुई।
प्रमुख बिंदु
- विश्व रेबीज़ दिवस (WRD):
- परिचय: वर्ष 2007 से हर साल 28 सितंबर को मनाया जाने वाला यह दिवस लुई पाश्चर की पुण्यतिथि के उपलक्ष्य में मनाया जाता है, जिन्होंने पहला रेबीज़ टीका विकसित किया था।
- वे एक फ्राँसीसी रसायनज्ञ, फार्मासिस्ट और सूक्ष्मजीवविज्ञानी थे, जो टीकाकरण, सूक्ष्मजीव किण्वन और पाश्चुरीकरण के सिद्धांतों की खोज के लिये प्रसिद्ध थे।
- विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने वर्ष 2030 तक कुत्तों से फैलने वाले रेबीज़ को समाप्त करने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किया है।
- थीम: WRD 2025 की थीम “एक्ट नाउ: यू, मी, कम्युनिटी (Act now: You, Me, Community)” है।
- अपने 19-वर्षीय इतिहास में पहली बार, WRD की थीम में "रेबीज़" शब्द शामिल नहीं है, जो इस आंदोलन की मज़बूती और व्यापक स्वीकृति को दर्शाता है।
- रेबीज़:
- यह एक वायरल, टीके द्वारा रोकी जा सकने वाला ज़ूनोटिक रोग है।
- यह राइबोन्यूक्लिक एसिड (RNA) वायरस के कारण होता है, जो पागल जानवर (कुत्ता, बिल्ली, बंदर आदि) के लार में मौजूद होता है।
- एक बार नैदानिक लक्षण दिखाई देने पर, रेबीज़ लगभग 100% घातक होता है। हृदय-श्वसन विफलता के कारण मृत्यु आमतौर पर चार दिनों से दो सप्ताह के भीतर हो जाती है।
- रेबीज़ के प्रारंभिक लक्षण फ्लू जैसे हो सकते हैं और कुछ दिनों तक रह सकते हैं।
राजस्थान में बाल विवाह की दर में कमी | राजस्थान | 29 Sep 2025
चर्चा में क्यों?
राजस्थान, जिसे कभी बाल विवाह का केंद्र माना जाता था, में बाल विवाह के मामलों में उल्लेखनीय गिरावट देखी गई है, जहाँ लड़कों में मामले 67% और लड़कियों में 66% घटे हैं, यह जानकारी न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा में जारी एक अध्ययन में दी गई है।
प्रमुख बिंदु
- परिचय:
- “टिपिंग पॉइंट टू ज़ीरो: एविडेंस टुवर्ड्स ए चाइल्ड मैरिज फ्री इंडिया” शीर्षक वाला यह अध्ययन 250 से अधिक बाल संरक्षण संगठनों के नेटवर्क, जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रन (JRC) द्वारा राजस्थान बाल अधिकार निदेशालय के सहयोग से वर्ष 2022 और 2024 के बीच पाँच राज्यों में किया गया था। इस पहल को भारत सरकार और विभिन्न नागरिक समाज संगठनों का भी समर्थन प्राप्त था।
- रिपोर्ट में यह उल्लेख किया गया है कि बाल विवाह को कम करने में जागरूकता अभियान सबसे प्रभावी साधन रहे, जिसे राजस्थान में 99% उत्तरदाताओं ने अत्यंत महत्त्वपूर्ण बताया।
- यह भी उल्लेख किया गया है कि 82% उत्तरदाताओं ने गिरफ्तारी और मुकदमेबाज़ी को इस प्रथा को रोकने में दूसरे सबसे प्रभावशाली कारक के रूप में माना।
- इन सुधारों के बावजूद, अध्ययन यह रेखांकित करता है कि कमज़ोर वित्तीय स्थिति (91%), सांस्कृतिक और पारंपरिक प्रथाएँ (45%), तथा यह विश्वास कि कम उम्र में विवाह करने से “पवित्रता” सुनिश्चित होती है (45%) बाल विवाह के स्थायी प्रेरक कारक बने हुए हैं।
- रिपोर्ट की सिफारिशें: रिपोर्ट बाल विवाह संबंधी कानूनों के कड़े प्रवर्तन, बेहतर रिपोर्टिंग तंत्र, अनिवार्य विवाह पंजीकरण, और बाल विवाह मुक्त भारत पोर्टल के संबंध में ग्राम स्तर पर जागरूकता सुनिश्चित करने का आह्वान करती है।
- इसमें देश भर में सामूहिक कार्रवाई के लिये बाल विवाह विरोधी राष्ट्रीय दिवस घोषित करने की भी सिफारिश की गई है।
बाल विवाह
- परिचय: UNICEF बाल विवाह को मानवाधिकार उल्लंघन मानता है क्योंकि इसका लड़कियों और लड़कों दोनों के विकास पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।
- सतत् विकास लक्ष्य 5.3 के अनुसार, बाल विवाह का उन्मूलन सतत् विकास लक्ष्य 5 को प्राप्त करने में महत्त्वपूर्ण है, जिसका उद्देश्य वर्ष 2030 तक लैंगिक समानता और महिलाओं तथा लड़कियों के सशक्तीकरण को सुनिश्चित करना है।
- संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, वर्ष 2022 तक विश्वभर में 5 में से 1 युवती (19%) का विवाह बचपन में ही हो गया था।
- वैधानिक ढाँचा: भारत ने वर्ष 2006 में बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम पारित किया, जिसके तहत पुरुषों के लिये विवाह की कानूनी आयु 21 वर्ष और महिलाओं के लिये 18 वर्ष निर्धारित की गई।
- बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम की धारा 16 राज्य सरकारों को विशिष्ट क्षेत्रों के लिये 'बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारी (CMPO)' नियुक्त करने की अनुमति देती है।
- बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारी (CMPO) बाल विवाह को रोकने, अभियोग के लिये साक्ष्य एकत्र करने, ऐसे विवाहों को बढ़ावा देने या सहायता करने के विरुद्ध परामर्श देने, इनके हानिकारक प्रभावों के प्रति जागरूकता का प्रसार करने, और समुदायों को संवेदनशील बनाने के कार्यों के लिये ज़िम्मेदार होते हैं।