सर्वोच्च न्यायालय के कॉलेजियम ने हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के वरिष्ठतम न्यायाधीश को झारखंड उच्च न्यायालय के अगले मुख्य न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत करने की सिफारिश की है।
अनुच्छेद 217: उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा मुख्य न्यायाधीश, संबंधित राज्य के राज्यपाल और संबंधित उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के परामर्श के बाद की जाती है।
उच्च न्यायालय कॉलेजियम: इसका नेतृत्व उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश और उसके दो वरिष्ठतम न्यायाधीश करते हैं।
कॉलेजियम प्रणाली का विकास: यह प्रणाली सर्वोच्च न्यायालय के चार ऐतिहासिक मामलों के माध्यम से विकसित हुई, जिन्हें न्यायाधीशों के मामले कहा जाता है:
प्रथम न्यायाधीश मामला (1981)– एसपी गुप्ता बनाम भारत संघ
सर्वोच्च न्यायालय ने फैसला सुनाया कि "परामर्श" शब्द का अर्थ "सहमति" नहीं है।
इस फैसले ने न्यायिक नियुक्तियों में कार्यपालिका को प्राथमिकता दी।
दूसरा न्यायाधीश मामला (1993)– सर्वोच्च न्यायालय एडवोकेट्स-ऑन-रिकॉर्ड एसोसिएशन बनाम भारत संघ
न्यायालय ने प्रथम न्यायाधीश मामले को खारिज कर दिया और कहा कि परामर्श का अर्थ सहमति है।