अर्थ ओवरशूट डे 2025 | उत्तर प्रदेश | 27 Aug 2025
चर्चा में क्यों?
इस वर्ष 24 जुलाई, 2025 को अर्थ ओवरशूट डे मनाया गया। यह अब तक की सबसे प्रारंभिक तिथि है, जब मानवता की पारिस्थितिकी संसाधनों की मांग, पृथ्वी द्वारा एक वर्ष में पुनर्जीवित किये जाने वाले संसाधनों से अधिक हो गई।
- इसका अर्थ यह है कि मनुष्य ने सात महीनों से भी कम समय में पूरे वर्ष के संसाधनों का उपभोग कर लिया है।
मुख्य बिंदु
अर्थ ओवरशूट डे के बारे में:
- परिभाषा:
- अर्थ ओवरशूट डे उस तिथि को चिह्नित करता है, जब मानवता की पारिस्थितिकी संसाधनों एवं सेवाओं की मांग पृथ्वी की उस वर्ष की पुनर्जीवन क्षमता से अधिक हो जाती है।
- प्रारंभ:
- अर्थ ओवरशूट डे का विचार सबसे पहले यूके थिंक टैंक न्यू इकोनॉमिक्स फाउंडेशन के एंड्रयू सिम्स द्वारा प्रस्तावित किया गया था। न्यू इकोनॉमिक्स फाउंडेशन ने वर्ष 2006 में ग्लोबल फुटप्रिंट नेटवर्क के साथ मिलकर यह अभियान शुरू किया था। वर्ष 2007 से, वर्ल्ड वाइड फंड (WWF) इस पहल में सहयोग कर रहा है।
- आकलन:
- इस दिवस का आकलन ग्लोबल फुटप्रिंट नेटवर्क द्वारा यॉर्क विश्वविद्यालय के राष्ट्रीय फ़ुटप्रिंट और बायोकैपेसिटी खातों के आधार पर किया जाता है।
- वैश्विक उपभोग पैटर्न को अधिक सटीक एवं अद्यतन रूप में दर्शाने हेतु आँकड़ों को प्रतिवर्ष अद्यतन किया जाता है।
- सूत्र:

आयुर्वेद दिवस 2025 | उत्तर प्रदेश | 27 Aug 2025
चर्चा में क्यों?
आयुर्वेद दिवस, जिसे पहली बार वर्ष 2016 में मनाया गया था, अब प्रत्येक वर्ष 23 सितंबर को मनाया जाएगा तथा पूर्व में धन्वंतरि जयंती (धनतेरस) पर मनाने की प्रथा को समाप्त कर दिया जाएगा।
मुख्य बिंदु
- आयुर्वेद दिवस के बारे में:
- 23 सितंबर की निश्चित तिथि के साथ, आयुर्वेद दिवस वैश्विक कैलेंडर में एक स्थायी स्थान प्राप्त करने के लिये अग्रसर है, जो आयुर्वेद की समृद्ध परंपरा के माध्यम से विश्वव्यापी स्वास्थ्य, कल्याण तथा पारिस्थितिकीय स्थिरता में योगदान देगा।
- आयुर्वेद व्यापार और सांस्कृतिक आदान-प्रदान के माध्यम से विश्व स्तर पर फैल चुका है, जिसने तिब्बत, चीन और अन्य क्षेत्रों में पारंपरिक औषधि-प्रणालियों को प्रभावित किया है।
- यह एक वैश्विक आंदोलन के रूप में विकसित हो चुका है, जिसे 24 देशों में पारंपरिक चिकित्सा प्रणाली के रूप में मान्यता प्राप्त है तथा 100 से अधिक देश इसके उत्पादों का आयात करते हैं।
- आयुर्वेद दिवस 2025
- विषय है- “लोगों और ग्रह के लिये आयुर्वेद”, जिसमें वैश्विक कल्याण तथा पर्यावरणीय स्थिरता पर विशेष ज़ोर दिया जाएगा।
- समारोह में जीवनशैली संबंधी विकार, जलवायु संबंधी रोग और तनाव प्रबंधन जैसी वैश्विक चुनौतियों के समाधान पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा, जिसमें आयुर्वेद को एक व्यवहार्य समाधान के रूप में प्रस्तुत किया जाएगा।
- आयुष मंत्रालय जागरूकता अभियान, युवा सहभागिता कार्यक्रम, स्वास्थ्य परामर्श और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग सहित विभिन्न गतिविधियों का नेतृत्व करेगा।
- आयुर्वेद दिवस 2024 की उपलब्धियाँ
- 9वें आयुर्वेद दिवस (2024) ने भारत के स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में महत्त्वपूर्ण उपलब्धियों को चिह्नित किया
- अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान (AIIA) के द्वितीय चरण का उद्घाटन।
- आयुर्वेद में चार उत्कृष्टता केंद्रों का शुभारंभ।
- “देश का प्रकृति संरक्षण अभियान” का परिचय।
- महत्त्व
- प्रथम अखिल भारतीय NSSO सर्वेक्षण ने पुष्टि की है कि आयुर्वेद भारत के ग्रामीण और शहरी, दोनों ही क्षेत्रों में सर्वाधिक उपयोग की जाने वाली उपचार प्रणाली है।
- आयुर्वेद के विकास के लिये की गई पहल

अटल आवासीय विद्यालयों हेतु आईएमएस | उत्तर प्रदेश | 27 Aug 2025
चर्चा में क्यों?
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित रोज़गार महाकुंभ 2025 में अटल आवासीय विद्यालयों के लिये एकीकृत निगरानी प्रणाली (IMS) का शुभारंभ किया।
मुख्य बिंदु
- IMS के बारे में:
- यह उत्तर प्रदेश के 18 अटल आवासीय विद्यालयों की निगरानी करेगी, जिससे लगभग 18,000 छात्रों को लाभ मिलेगा।
- चयनित छात्रों को मुफ्त भोजन एवं आवास मिलेगा तथा विद्यालयों की डिजिटल निगरानी भी की जाएगी।
- इन विद्यालयों का उद्देश्य श्रमिकों के बच्चों, विशेषकर भवन एवं अन्य निर्माण श्रमिक (BOC) बोर्ड के अंतर्गत पंजीकृत श्रमिकों के बच्चों को आधुनिक एवं गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करना है।
- पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर स्थापित ये विद्यालय कक्षा 1 से 12 तक के विद्यार्थियों को सेवा प्रदान करते हैं, जिसमें बाल वाटिकाएँ भी शामिल हैं।
- प्रमुख विशेषताएँ:
- उद्यम संसाधन योजना (ERP) प्रणाली: अटल कमांड सेंटर, कमांड हब के रूप में कार्य करता है, जिससे विद्यालयों की डिजिटल निगरानी संभव होती है।
- वास्तविक समय उपस्थिति प्रबंधन: छात्रों एवं कर्मचारियों की उपस्थिति का दैनिक अद्यतन।
- शैक्षणिक निगरानी: छात्रों की प्रोफाइल, शैक्षणिक प्रगति, परीक्षा परिणाम एवं रिपोर्ट कार्ड की ऑनलाइन उपलब्धता।
- स्टाफ प्रोफाइल: शिक्षकों एवं कर्मचारियों की जानकारी का एकीकृत भंडारण, जिससे उत्तरदायित्व एवं अनुशासन सुनिश्चित होता है।
- वित्तीय प्रबंधन: ERP प्रणाली पर बजट, व्यय एवं बिलिंग का पारदर्शी रिकॉर्ड।
- CCTV एकीकरण: विद्यालय परिसरों की लाइव निगरानी, जिससे सुरक्षा एवं अनुशासन में वृद्धि।
- छात्र प्रोफाइल: प्रत्येक छात्र के व्यक्तिगत विवरण एवं शैक्षणिक प्रगति का विस्तृत मूल्यांकन।
रोज़गार महाकुंभ 2025
- रोज़गार महाकुंभ 2025 उत्तर प्रदेश की सबसे बड़ी एकीकृत रोज़गार और प्लेसमेंट पहल है, जिसे क्षमता तथा अवसर के बीच की खाई को पाटने के लिये विकसित किया गया है।
- मुख्य पहल:
- श्रम न्याय सेतु पोर्टल: इस पोर्टल का उद्देश्य श्रम विवादों के ऑनलाइन निपटान और 24/7 सेवाओं के माध्यम से श्रमिकों को त्वरित, पारदर्शी तथा समयबद्ध न्याय प्रदान करना है।
- औद्योगिक न्यायाधिकरण वेबसाइट और ई-कोर्ट पोर्टल: इन पोर्टलों को कुशल कानूनी कार्यवाही तथा श्रमिक-संबंधित विवादों के समाधान की सुविधा के लिये लॉन्च किया गया था।
- बेसिक शिक्षा: IMS प्रणाली को बेसिक शिक्षा में लागू किया जाएगा, जिसके प्रथम चरण में 57 मुख्यमंत्री अभ्युदय और समग्र विद्यालयों की स्थापना पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
विश्व मुक्केबाज़ी कप की मेज़बानी करेगा उत्तर प्रदेश | उत्तर प्रदेश | 27 Aug 2025
चर्चा में क्यों?
भारत पहली बार उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा में 13 से 24 नवंबर, 2025 तक विजय पथिक स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में विश्व मुक्केबाज़ी कप (पुरुष और महिला) की मेज़बानी करेगा।
- इस आयोजन में 80 से अधिक देशों के लगभग 450 मुक्केबाज़ों के साथ लगभग 150 अधिकारी भाग लेंगे और यह विश्व मुक्केबाज़ी कांग्रेस के साथ 23 नवंबर, 2025 को आयोजित होगी।
मुख्य बिंदु
मुक्केबाज़ी विश्व कप के बारे में:
- परिचय:
- यह एक वार्षिक शृंखला है जिसमें शीर्ष मुक्केबाज़ पूरे वर्ष विभिन्न चरणों में प्रतिस्पर्द्धा करते हैं और रैंकिंग अंक अर्जित करते हैं।
- साल का समापन एक फाइनल्स आयोजन के साथ होता है, जिसमें शीर्ष रैंक वाले मुक्केबाज़ अंतिम ट्रॉफी के लिये आमने-सामने होते हैं।
- मुक्केबाज़ी विश्व कप (2023-2025):
- पहली विश्व मुक्केबाज़ी कप प्रतियोगिता अक्तूबर 2023 में जर्मनी के कोलोन में आयोजित की गई थी।
- वर्ष 2024 की शृंखला इंग्लैंड, अमेरिका और मंगोलिया में आयोजित हुई तथा इसका समापन नवंबर 2024 में इंग्लैंड में फाइनल्स आयोजन के साथ हुआ।
- वर्ष 2025 के आयोजन ब्राज़ील, जर्मनी और कज़ाकिस्तान में होंगे तथा फाइनल्स भारत में नवंबर 2025 में आयोजित होगा।
- विश्व मुक्केबाज़ी कप 2025:
- भारत पहली बार इस प्रतिष्ठित प्रतियोगिता की मेज़बानी करेगा, जिसमें भारतीय मुक्केबाज़ी महासंघ (BFI) निविदा का प्रमुख दावेदार है।
- भारत इससे पहले दो बार (2018 और 2023 में दिल्ली) में महिला विश्व मुक्केबाज़ी चैंपियनशिप की मेज़बानी कर चुका है।
- वर्ष 2017 में विश्व मुक्केबाज़ी कांग्रेस भी ग्रेटर नोएडा में आयोजित की गई थी।
- अन्य प्रमुख मुक्केबाज़ी आयोजन:
- U-19 विश्व मुक्केबाज़ी चैंपियनशिप (अक्तूबर 2024): अमेरिका के कोलोराडो स्प्रिंग्स में आयोजित, जिसमें 17 और 18 वर्ष की आयु के 180 से अधिक पुरुष और महिला मुक्केबाज़ों भाग लिया।
- एलीट विश्व मुक्केबाज़ी चैंपियनशिप (सितंबर 2025): पहला आयोजन इंग्लैंड के लिवरपूल में 4-14 सितंबर, 2025 को होगा।.
- एलीट विश्व मुक्केबाज़ी चैंपियनशिप (2027): सफल निविदा प्रक्रिया के बाद, वर्ष 2027 का आयोजन कज़ाकिस्तान के अस्ताना में किया जाएगा।
विश्व मुक्केबाज़ी
- विश्व मुक्केबाज़ी, वर्ष 2023 के उत्तरार्द्ध से, मुक्केबाज़ों के विकास और प्रगति में मदद करने हेतु उच्च-गुणवत्ता वाली प्रतियोगिताओं के आयोजन के लिये प्रतिबद्ध है।
- यह संगठन विभिन्न स्तरों पर पुरुष और महिला मुक्केबाज़ों के लिये प्रतिस्पर्द्धात्मक अवसर प्रदान करने हेतु राष्ट्रीय महासंघों और प्रमुख हितधारकों के साथ सहयोग करता है।
भारतीय मुक्केबाज़ी महासंघ (BFI)
- यह देश में शौकिया मुक्केबाज़ी की निगरानी करने वाला राष्ट्रीय संस्थान है, जो खेल को राष्ट्रीय स्तर पर प्रोत्साहित करता है और ओलंपिक तथा विश्व चैंपियनशिप जैसी अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भारत का प्रतिनिधित्व करता है।
- नेतृत्व: प्रमोद कुमार हाल ही में मुक्केबाज़ी महासंघ ऑफ इंडिया (BFI) के महासचिव चुने गए हैं और अजय सिंह इसके अध्यक्ष बने हैं।
- प्रमोद कुमार ने वर्ष 1986 के एशियाई खेलों में सियोल में 5000 मीटर दौड़ में भारत का प्रतिनिधित्व किया था।
प्रोजेक्ट आरोहण | उत्तर प्रदेश | 27 Aug 2025
चर्चा में क्यों?
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने वर्टिस इंफ्रास्ट्रक्चर ट्रस्ट के सहयोग से टोल प्लाज़ा कर्मचारियों के बच्चों की शैक्षिक आकांक्षाओं का समर्थन करने के लिये 'प्रोजेक्ट आरोहण' का शुभारंभ किया, जिसका शुभारंभ समारोह नई दिल्ली स्थित NHAI मुख्यालय में आयोजित किया गया।
मुख्य बिंदु
- यह कार्यक्रम आर्थिक रूप से कमज़ोर वर्गों (EWS), प्रथम पीढ़ी के शिक्षार्थियों और अनुसूचित जाति (SC), अनुसूचित जनजाति (ST), अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) तथा अल्पसंख्यक समुदायों सहित हाशिये पर रहने वाले छात्रों के लिये गुणवत्ता शिक्षा तक समान पहुँच सुनिश्चित करने और वित्तीय बाधाओं को दूर करने का लक्ष्य रखता है।
- उद्देश्य: यह कार्यक्रम छात्रों के समग्र शैक्षिक अनुभव को बढ़ाने के लिये संरचित मार्गदर्शन, कौशल निर्माण कार्यशालाएँ और करियर मार्गदर्शन के साथ वित्तीय सहायता को जोड़ता है।
- इस पहल का उद्देश्य छात्रों को न केवल उच्च शिक्षा के लिये बल्कि भविष्य में रोज़गार और उद्यमिता के लिये भी तैयार करना है।
- वित्त पोषण: परियोजना के पहले चरण के लिये वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिये 1 करोड़ रुपये का कोष आवंटित किया गया है।
- यह परियोजना कक्षा 11 से स्नातक के अंतिम वर्ष तक के 500 छात्रों को वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिये 12,000 रुपए की वार्षिक छात्रवृत्ति प्रदान करेगी।
- स्नातकोत्तर और उच्च शिक्षा के इच्छुक 50 प्रतिभाशाली विद्यार्थियों को 50,000 रुपए प्रति विद्यार्थी की छात्रवृत्ति दी जाएगी।
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI)
- इसकी स्थापना NHAI अधिनियम, 1988 द्वारा राष्ट्रीय राजमार्गों के विकास, रखरखाव और प्रबंधन की निगरानी हेतु की गई थी।
- NHAI की प्रमुख ज़िम्मेदारी राष्ट्रीय राजमार्ग विकास परियोजना (NHDP) का क्रियान्वयन करना है, जिसमें 50,329 किमी राजमार्ग शामिल हैं तथा सुचारू यातायात प्रवाह के लिये सड़क अवसंरचना में सुधार करना है।
- कुल 132,499 किमी लंबाई के साथ, राष्ट्रीय राजमार्ग भारत में कुल सड़क यातायात का लगभग 40% वहन करते हैं, जबकि वे सड़क नेटवर्क का केवल 2% ही हैं।
सड़क सुरक्षा मित्र कार्यक्रम | उत्तर प्रदेश | 27 Aug 2025
चर्चा में क्यों?
उत्तर प्रदेश परिवहन विभाग ने युवाओं को सड़क सुरक्षा उपायों में सहभागी बनाने तथा दुर्घटनाओं तथा मृत्यु-दर को कम करने के लिये, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) द्वारा प्रारंभ किये गये सड़क सुरक्षा मित्र (SSM) कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
मुख्य बिंदु
- सड़क सुरक्षा मित्र (SSM) कार्यक्रम के बारे में:
- यह पहल युवा मामले और खेल मंत्रालय के सहयोग से प्रारम्भ की गई है। इसके अंतर्गत MYBharat प्लेटफॉर्म के माध्यम से स्वयंसेवकों को प्रशिक्षित कर तैनात किया जाएगा।
- लक्ष्य:
- इस कार्यक्रम का लक्ष्य 18 से 28 वर्ष की आयु के ऐसे युवा हैं, जिनका कोई यातायात चालान लंबित नहीं है। इसके पहले चरण में देशभर के 100 ज़िलों को शामिल किया जाएगा।
- प्रशिक्षण कार्यक्रम:
- सामान्य स्वयंसेवक: एक सप्ताह का प्रशिक्षण दिया जाएगा, जिसमें प्राथमिक उपचार एवं सड़क सुरक्षा जागरूकता सम्मिलित होगी।
- सिविल इंजीनियरिंग स्नातक: 15-दिवसीय प्रशिक्षण, जिसमें रोड सेफ्टी ऑडिट, ब्लैक स्पॉट की पहचान, जागरूकता अभियान एवं फील्ड सर्वे शामिल होंगे।
- सम्मान:
- उत्कृष्ट कार्य करने वाले स्वयंसेवकों को प्रमाण-पत्र और गुड सेमेरिटन पुरस्कार प्रदान किये जाएंगे।
- कार्यान्वयन:
- यह पहल उत्तर प्रदेश के 28 ज़िलों में लागू की जाएगी, जिनमें कानपुर नगर, बुलंदशहर, प्रयागराज और आगरा आदि शामिल हैं।
- कार्यक्रम निरीक्षण:
- ज़िला सड़क सुरक्षा समितियाँ (DRSC), सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के 12-चरणीय रोडमैप के अनुरूप, स्वयंसेवकों को शामिल करने, प्रशिक्षण देने और मासिक निष्पादन समीक्षा सहित कार्यान्वयन सुनिश्चित करेंगी।
- अपेक्षित परिणाम:
- सड़क दुर्घटनाओं एवं चोटों में कमी
- आपातकालीन सेवाओं में सुधार
- सड़क सुरक्षा में युवाओं की भागीदारी में वृद्धि
- प्रशिक्षण, क्षेत्र अध्ययन और डाटा-आधारित रिपोर्टिंग के माध्यम से ज़िला-स्तरीय सड़क सुरक्षा प्रणाली का सशक्तीकरण