मध्य प्रदेश में कोल्ड्रिफ कफ सिरप पर प्रतिबंध | मध्य प्रदेश | 08 Oct 2025
चर्चा में क्यों?
मध्य प्रदेश सरकार ने किडनी फेल होने के कारण कई बच्चों की मृत्यु के बाद राज्य में कोल्ड्रिफ सिरप की बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की घोषणा की है।
- तमिलनाडु सरकार द्वारा की गई जाँच में यह पाया गया कि कोल्ड्रिफ सिरप के नमूनों में 48.6% डायथिलीन ग्लाइकॉल (DEG) था, जो एक विषैला रसायन है तथा किडनी को गंभीर नुकसान पहुँचाता है।
मुख्य बिंदु
- डायथिलीन ग्लाइकॉल (DEG) की उपस्थिति की पुष्टि के पश्चात राज्य स्तर पर प्रतिबंध लगाया गया तथा औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम, 1940 के तहत राष्ट्रव्यापी विनियामक कार्रवाई प्रारंभ की गई।
- डाइएथिलीन ग्लाइकॉल (DEG):
- यह एक रंगहीन, मीठे स्वाद वाला औद्योगिक रासायनिक पदार्थ है, जिसका उपयोग प्रायः ब्रेक फ्लूइड्स (Brake Fluids) और एंटीफ्रीज़ (Antifreeze) में किया जाता है।
- कुछ औषधीनिर्माता इसे सस्ता विलायक मानकर प्रयोग करते हैं, क्योंकि इसका भौतिक गुण सुरक्षित औषधीय यौगिकों के समान होता है।
- DEG के सेवन से पेट दर्द, उल्टी, गुर्दे की विफलता और तंत्रिका तंत्र की क्षति हो सकती है तथा अधिक मात्रा में सेवन से मृत्यु भी हो सकती है।
- औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम, 1940:
- यह अधिनियम भारत में औषधियों और प्रसाधन सामग्री के आयात, निर्माण, बिक्री तथा वितरण को लाइसेंस एवं परमिट के माध्यम से नियंत्रित करता है।
- इसका मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि बाज़ार में उपलब्ध औषधियाँ और प्रसाधन सामग्री सुरक्षित, प्रभावी हों तथा राष्ट्रीय गुणवत्ता मानकों के अनुरूप हों।
- इसके साथ ही, औषधि एवं प्रसाधन सामग्री नियम, 1945 औषधियाँ को विभिन्न अनुसूचियों में वर्गीकृत करते हैं तथा उनके भंडारण, बिक्री, प्रस्तुतीकरण और चिकित्सकीय पर्चे (Prescription) से संबंधित दिशा-निर्देश प्रदान करते हैं।