देवहा नदी | उत्तर प्रदेश | 12 Nov 2025
चर्चा में क्यों?
उत्तर प्रदेश के पीलीभीत ज़िले में देवहा नदी को गंभीर प्रदूषण से बचाने के लिये तत्काल कार्रवाई करने हेतु राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) के समक्ष याचिका दायर की गई है।
मुख्य बिंदु
- देवहा नदी के बारे में:
- देवहा नदी, जिसे देवभूति गंगा के नाम से भी जाना जाता है, गंगा नदी से भी प्राचीन मानी जाती है।
- यह नदी उत्तराखंड के कुमाऊं क्षेत्र से निकलती है और उत्तर प्रदेश के पीलीभीत ज़िले की ओर बहती है।
- इसकी सहायक नदी खकरा पीलीभीत के बाहरी क्षेत्र में ब्रह्मचारी घाट पर देवहा में मिलती है।
- अंततः यह नदी फर्रुखाबाद के पास गंगा नदी में मिल जाती है।
- याचिका के बारे में:
- याचिका में उल्लेख किया गया है कि पीलीभीत शहर के नौ नाले सीधे देवहा नदी में अशुद्ध सीवेज का निर्वहन कर रहे हैं। इस कारण नदी की जल गुणवत्ता गंभीर रूप से प्रभावित हो रही है और स्थानीय पारिस्थितिकी तंत्र का क्षरण हो रहा है।
- सीवेज की सफाई के लिये बायोरिमेडिएशन तकनीक पर आधारित एक प्रस्ताव एक वर्ष पूर्व प्रस्तुत किया गया था, किंतु प्रस्ताव का अनुमोदन अभी तक लंबित है, जिससे समस्या का त्वरित समाधान नहीं हो पाया है।
भारत की पहली MWh-स्केल वैनेडियम रेडॉक्स फ्लो बैटरी (VRFB) | राष्ट्रीय करेंट अफेयर्स | 12 Nov 2025
चर्चा में क्यों?
केंद्रीय विद्युत और आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री ने ग्रेटर नोएडा में भारत की पहली MWh-स्केल वैनेडियम रेडॉक्स फ्लो बैटरी (VRFB) का उद्घाटन किया।
मुख्य बिंदु
- बैटरी के बारे में:
- 3 MWh क्षमता वाली वैनेडियम रेडॉक्स फ्लो बैटरी (VRFB) का विकास राष्ट्रीय ताप विद्युत निगम (NTPC) के राष्ट्रीय ऊर्जा प्रौद्योगिकी अनुसंधान गठबंधन (NETRA) द्वारा किया गया है।
- इसका उद्देश्य बड़े स्तर पर नवीकरणीय ऊर्जा एकीकरण और ग्रिड स्थिरता के लिये दीर्घावधि ऊर्जा भंडारण (LDES) प्रौद्योगिकी का प्रदर्शन करना है।
- विशेषताएँ:
- यह बैटरी विभिन्न ऑक्सीकरण अवस्थाओं में वैनेडियम आयनों का उपयोग कर विद्युत ऊर्जा का कुशल भंडारण और निर्वहन करती है।
- यह प्रणाली लिथियम-आयन बैटरियों की तुलना में दीर्घ परिचालन आयु और उत्कृष्ट मापनीयता प्रदान करती है।
- इसमें प्रयुक्त गैर-ज्वलनशील इलेक्ट्रोलाइट्स इसे बड़े स्तर पर ऊर्जा भंडारण अनुप्रयोगों के लिये अत्यंत सुरक्षित बनाते हैं।
- यह ग्रिड-स्तरीय नवीकरणीय ऊर्जा भंडारण, माइक्रोग्रिड संचालन तथा पीक-लोड प्रबंधन के लिये उपयुक्त है।
- VRFB को सौर एवं पवन ऊर्जा जैसे अक्षय स्रोतों के ग्रिड एकीकरण हेतु एक स्थायी और विश्वसनीय विकल्प के रूप में देखा जा रहा है।
सूखाताल झील | उत्तराखंड | 12 Nov 2025
चर्चा में क्यों?
उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने सूखाताल झील में चल रहे सौंदर्यीकरण और निर्माण कार्यों के संबंध में नैनीताल ज़िला विकास प्राधिकरण से रिपोर्ट मांगी है।
मुख्य बिंदु
- झील के बारे में:
- यह एक मीठे पानी की झील है, जो नैनीताल नगर से लगभग 1.5 किमी दूर स्थित है और अपने वेटलैंड स्वरूप के कारण नैनी झील को जल आपूर्ति करती है।
- यह झील वर्ष के केवल तीन महीने पानी से लबालब भरी रहती है और शेष समय में सूख जाती है, यही कारण है कि इसे सूखाताल कहा जाता है।
- इस झील को पूर्व में खुदरिया ताल के नाम से जाना जाता था, क्योंकि झील का सारा पानी नैनीताल झील के सबसे बाहरी क्षेत्र में प्रवाहित कर दिया जाता था।
- वर्ष 1841 में पीटर बैरन द्वारा नैनीताल की खोज के समय झील में अधिकांश समय पानी भरा रहता था और सर्दियों में इसमें आइस स्केटिंग भी की जाती थी।
- वर्ष 1992 के बाद झील के आसपास के अत्यधिक निर्माण और जलवायु परिवर्तन के कारण यह अधिकांश समय शुष्क रहती है।
- वर्तमान में झील का सौंदर्यीकरण न केवल पर्यटक आकर्षण बढ़ाने में सहायक होगा, बल्कि इसके पारिस्थितिकी संरक्षण को भी सुदृढ़ करेगा।
मध्य प्रदेश को BRAP 2024 में शीर्ष उपलब्धि प्राप्त | मध्य प्रदेश | 12 Nov 2025
चर्चा में क्यों?
वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के उद्योग संवर्द्धन और आंतरिक व्यापार विभाग (DPIIT) द्वारा जारी व्यापार सुधार कार्य योजना (BRAP) 2024 के तहत मध्य प्रदेश को शीर्ष प्रदर्शन करने वाला राज्य घोषित किया गया है।
मुख्य बिंदु
- व्यापार सुधार कार्य योजना (BRAP) के बारे में:
- BRAP वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले उद्योग संवर्द्धन और आंतरिक व्यापार विभाग (DPIIT) की एक महत्त्वपूर्ण पहल है।
- इसका प्रमुख उद्देश्य राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों द्वारा किये गए सुधारों का मूल्यांकन तथा प्रोत्साहन करना है, ताकि व्यापार करना अधिक सरल, तीव्र एवं पारदर्शी बनाया जा सके।
- इस ढाँचे में व्यवसाय प्रवेश, भूमि आवंटन, श्रम विनियमन, पर्यावरण स्वीकृति और सेवा वितरण जैसे प्रमुख क्षेत्रों में 300 से अधिक सुधार बिंदु शामिल किये गए हैं।
- सुधारों के क्रियान्वयन के आधार पर, राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को चार श्रेणियों—शीर्ष उपलब्धि प्राप्त करने वाले, सफल, महत्त्वाकांक्षी तथा उभरते व्यापार पारिस्थितिकी तंत्र में वर्गीकृत किया जाता है।
- इस योजना का व्यापक उद्देश्य प्रतिस्पर्द्धी संघवाद को प्रोत्साहित करना, समकक्ष अधिगम को बढ़ावा देना तथा भारत के निवेश और कारोबारी वातावरण को सुदृढ़ बनाना है।
- राज्य के प्रदर्शन की मुख्य बातें:
- मध्य प्रदेश ने चार प्रमुख सुधार क्षेत्रों व्यापार प्रवेश, श्रम विनियमन समर्थक वातावरण, भूमि प्रशासन और सेवा क्षेत्र सुधार में उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए शीर्ष उपलब्धि प्राप्त करने वाले राज्य का स्थान प्राप्त किया है।
- राज्य ने भोपाल में वैश्विक निवेशक शिखर सम्मेलन जैसे प्रमुख उद्योग संवर्द्धन आयोजनों की सफल मेज़बानी की, जिसने घरेलू व वैश्विक निवेश आकर्षित करने की उसकी प्रतिबद्धता को उजागर किया।
- साथ ही राज्य सरकार ने औद्योगिक प्रतिस्पर्द्धा और रोज़गार सृजन को सशक्त करने के लिये “व्यापार सुगमता” की अवधारणा को “व्यापार करने की गति, स्तर तथा कौशल” में रूपांतरित करने पर विशेष ज़ोर दिया है।
राजस्थान में 'मरू ज्वाला' अभ्यास | राजस्थान | 12 Nov 2025
चर्चा में क्यों?
भारतीय सशस्त्र बलों ने देश के सबसे बड़े त्रि-सेवा अभ्यास के तहत 11 नवंबर, 2025 को राजस्थान के थार रेगिस्तान में ऑपरेशन त्रिशूल के ‘मरु ज्वाला’ चरण का सफल आयोजन किया।
मुख्य बिंदु
- मरु ज्वाला अभ्यास:
- इस व्यापक युद्धाभ्यास में टी-90 भीष्म टैंकों, सटीक मिसाइल प्रक्षेपण, UAV निगरानी तथा लाइव-फायर अभ्यास शामिल थे, जिसमें रेगिस्तानी अभियानों के लिये थल सेना और वायु सेना की संयुक्त युद्ध रणनीति का परीक्षण किया गया।
- इस अभ्यास ने दोनों सेनाओं के बीच वास्तविक समय समन्वय और एकीकृत थिएटर कमान (Integrated Theatre Command) दृष्टिकोण की प्रभावशीलता को प्रदर्शित किया।
- अगाडावा हवाई पट्टी:
- राजस्थान के बाड़मेर ज़िले में राष्ट्रीय राजमार्ग 925A पर स्थित 3 किमी. लंबी अगाडावा हवाई पट्टी, जो पाकिस्तान सीमा से लगभग 40 किमी दूर है, इस अभ्यास का प्रमुख स्थल रही।
- यहाँ राफेल, तेजस और सुखोई-30 MKI जैसे लड़ाकू विमानों ने आपातकालीन लैंडिंग तथा टेक-ऑफ अभ्यासों का प्रदर्शन किया।
- सितंबर 2021 में उद्घाटित, यह भारत की पहली राष्ट्रीय राजमार्ग-आधारित आपातकालीन लैंडिंग सुविधा है, जिसे भारतीय वायुसेना (IAF) और भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने संयुक्त रूप से विकसित किया है।