यह नदी उत्तर-पूर्व दिशा में मैदानों की ओर बहती है तथा अंततः श्योपुर के उत्तर मेंचंबल नदीमें मिल जाती है।
इसकी कुल लंबाई लगभग 500 किमी (310 मील) है।
मौसमी प्रकृति और उपयोग:
बनास एक मौसमी नदी है, जो गर्मी के महीनों में प्रायः सूख जाती है।
इसके बावजूद, यह क्षेत्र में सिंचाई का एक महत्त्वपूर्ण स्रोत है।
सहायक नदियाँ:
बनास नदी की मुख्य सहायक नदियाँ बेराच नदी और कोटारी नदी हैं।
बाँध:
बिसलपुर बाँध बनास नदी पर स्थित है। यह एक गुरुत्व बाँध (gravity dam) है, जिसे सिंचाई तथा पेयजल आपूर्ति के उद्देश्य से बनाया गया है।
गुरुत्व बाँध कंक्रीट या पत्थर व ईंटों से बना होता है और यह जल के दाब का सामना अपने ही भार से करता है। इसकी स्थिरता पूरी तरह गुरुत्व बल पर निर्भर करती है।
चंबल नदी
चंबल नदी विंध्य पर्वत (इंदौर, मध्य प्रदेश) की उत्तरी ढलानों में सिंगार चौरी चोटी से निकलती है। वहाँ से यह मध्य प्रदेश में उत्तर दिशा में लगभग 346 किलोमीटर की लंबाई तक बहती है और फिर राजस्थान से होकर 225 किलोमीटर की लंबाई तक उत्तर-पूर्व दिशा में बहती है।
यह एक बरसाती नदी है और इसका बेसिन विंध्य पर्वत श्रृंखलाओं और अरावली से घिरा हुआ है। चंबल और इसकी सहायक नदियाँ उत्तर-पश्चिमी मध्य प्रदेश के मालवा क्षेत्र को जल से भरती हैं।
राजस्थान में हाड़ौती पठार मेवाड़ मैदान के दक्षिण-पूर्व में चंबल नदी के ऊपरी जलग्रहण क्षेत्र में स्थित है।