हरियाणा के मुख्यमंत्री ने नई परियोजनाओं को स्वीकृति दी | हरियाणा | 12 Feb 2024
            चर्चा में क्यों?
हरियाणा सरकार ने 5 ज़िलों अर्थात् जींद, हिसार, सिरसा, कैथल और भिवानी में ग्रामीण संवर्धन तथा महाग्राम योजना के तहत 190 करोड़ रुपए से अधिक की 33 नई परियोजनाएँ लागू करने का निर्णय लिया है।
मुख्य बिंदु:
- महाग्राम योजना के तहत नए कार्यों में शामिल हैं:
- 43.91 करोड़ रुपए की अनुमानित लागत से गाँव नगुरां, ज़िला जींद में जल आपूर्ति प्रणाली का संवर्धन और जल कार्यों का निर्माण।
- 25.31 करोड़ रुपए की अनुमानित लागत से गाँव नगूरां, ज़िला जींद में सीवरेज प्रणाली प्रदान करना।
- 10.63 करोड़ रुपए की अनुमानित लागत से गाँव खेदड़, ज़िला हिसार में जल आपूर्ति योजना का उन्नयन।
 
ग्रामीण संवर्धन एवं महाग्राम योजना
- यह योजना राज्य सरकार द्वारा वर्ष 2008-09 में विकास एवं पंचायत विभाग के माध्यम से शुरू की गई थी।
- इसमें सीवरेज प्रणाली, पेयजल आपूर्ति में सुधार, पक्की सड़कों का निर्माण, विद्युत व्यवस्था में सुधार आदि की परिकल्पना की गई है।
 
     
    
    
      राजस्थान सरकार ने मिशन ओलंपिक 2028 की घोषणा की | राजस्थान | 12 Feb 2024
            चर्चा में क्यों ?
अंतरिम बजट 2024-25 में राजस्थान की उपमुख्यमंत्री और वित्त मंत्री दीया कुमारी ने मिशन ओलंपिक 2028 की घोषणा की।
मुख्य बिंदु:
- इस योजना के तहत 50 प्रतिभाशाली युवाओं को विश्व स्तरीय खेल सुविधाएँ प्रदान की जाएंगी।
- चयनित युवाओं को जयपुर में एक्सेलेरेशन सेंटर और एक्सेलेरेशन कोच तक पहुँच प्रदान की जाएगी, जहाँ उन्हें ओलंपिक स्तर की प्रतियोगिता के लिये तैयार किया जाएगा।
- राज्य सरकार ने जयपुर में खेल उत्कृष्टता केंद्र स्थापित करने के लिये 100 करोड़ रुपए भी आवंटित किये हैं, जो विभिन्न खेल विषयों हेतु अत्याधुनिक बुनियादी ढाँचे तथा उपकरण प्रदान करेगा।
- मिशन ओलंपिक 2028 योजना राजस्थान में खेल और शारीरिक शिक्षा को बढ़ावा देने के राज्य सरकार के दृष्टिकोण का हिस्सा है।
- मंत्री दीया कुमारी ने बजट में कई अन्य पहलों की भी घोषणा की, जैसे 10 लाख छात्रों को मुफ्त खेल किट प्रदान करना, ग्रामीण क्षेत्रों में 500 खेल के मैदानों का निर्माण करना और जोधपुर में एक खेल विश्वविद्यालय की स्थापना करना।
 
- मंत्री के अनुसार सरकार राज्य में खेलों के लिये अनुकूल माहौल बनाने और युवाओं को अपने सपनों को पूरा करने हेतु प्रोत्साहित करने के लिये प्रतिबद्ध है।
 
    
    
      उत्तराखंड में अतिक्रमण विरोधी अभियान  | उत्तराखंड | 12 Feb 2024
            चर्चा में क्यों ?
उत्तराखंड के हलद्वानी के बनभूलपुरा इलाके में पुलिस और स्थानीय लोगों के बीच हिंसक झड़प हो गई, जब ज़िला प्रशासन के अधिकारियों की एक टीम ने इलाके में एक 'अवैध मदरसे' को ध्वस्त करने का प्रयास किया।
मुख्य बिंदु:
- अधिकारियों के मुताबिक, न्यायालय के आदेश के बाद ज़िला प्रशासन की एक टीम इलाके में अतिक्रमण विरोधी अभियान चलाने गई थी।
- तभी कुछ उपद्रवियों ने पुलिस के साथ हाथापाई की, जिसमें कई पुलिसकर्मी और अधिकारी घायल हो गए।
 
- बनभूलपुरा वही इलाका है जहाँ सैकड़ों मुस्लिम परिवार रेलवे ट्रैक के किनारे 2 कि.मी की दूरी में रह रहे हैं, उन्हें अनिश्चित भविष्य का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि रेलवे ने उन्हें बेदखली का नोटिस दिया है, क्योंकि उनके घर रेलवे की ज़मीन पर बने हैं।
- उत्तराखंड उच्च न्यायालय द्वारा बेदखली के आदेश के खिलाफ हफ्तों के विरोध के बाद, निवासियों ने बाद में सर्वोच्च न्यायालय का रुख किया और यह मामला विचाराधीन है।
विचाराधीन
- विचाराधीन एक लैटिन शब्द है जिसका अर्थ है "निर्णय के अधीन" या "न्यायालय द्वारा विचाराधीन।"
- कानूनी संदर्भों में, यह एक ऐसे मामले को संदर्भित करता है जो वर्तमान में न्यायालय के समक्ष लंबित है और इसलिये सार्वजनिक चर्चा या टिप्पणी हेतु उपलब्ध नहीं है।
- विचाराधीन नियम का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि मुकदमा या सुनवाई निष्पक्ष हो और इसमें शामिल पक्ष बाहरी प्रभावों से पूर्वाग्रहग्रस्त न हों।
 
     
    
    
      झारखंड के मुख्यमंत्री अबुआ आवास योजना की पहली किस्त वितरित करेंगे | झारखंड | 12 Feb 2024
            चर्चा में क्यों ?
झारखंड के मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने अबुआ आवास योजना के पहले चरण में कोल्हान क्षेत्र के 24,827 परिवारों को स्वीकृति पत्र और पहली किस्त वितरित की।
मुख्य बिंदु:
- योजना के पहले चरण में, मुख्यमंत्री कोल्हान प्रमंडल के पूर्वी सिंहभूम ज़िले, पश्चिमी सिंहभूम और सरायकेला-खरसावाँ ज़िले के परिवारों को 30,000 रुपए की पहली किस्त के साथ स्वीकृति पत्र सौंपेंगे, जो प्रत्यक्ष लाभ अंतरण के माध्यम से उनके बैंक खाते में स्थानांतरित कर दिया जाएगा।
- पूर्व सीएम हेमंत सोरेन ने बेघरों और प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) के तहत लाभ से वंचित व्यक्तियों को घर उपलब्ध कराने के लिये 15 नवंबर 2023 को अबुआ आवास (आवास) योजना शुरू की थी।
- इस योजना में स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के तहत या अन्य समर्पित स्रोतों के अभिसरण के माध्यम से शौचालय बनाने में सहायता के प्रावधान भी शामिल हैं।
 
प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY)
- यह एक सरकारी पहल है जिसका लक्ष्य वर्ष 2024 तक 2 करोड़ (20 मिलियन) घर बनाना और शहरी गरीबों को किफायती घर उपलब्ध कराना है।
- इस योजना के दो बुनियादी घटक हैं::
- प्रधानमंत्री आवास योजना- शहरी (PMAY-U) गरीब शहरी व्यक्तियों की आवास आवश्यकताओं पर ध्यान देती है। शहरी गरीबों को तीन क्षेत्रों में वर्गीकृत किया गया है, जो वार्षिक घरेलू आय पर निर्भर करते हैं:
- (i) आर्थिक रूप से कमज़ोर वर्ग (EWS), (ii) निम्न आय समूह (LIG) (iii) मध्यम आय समूह (MIG)। इसके अतिरिक्त, शहरी आबादी के भीतर झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाले लोग भी इस योजना के लिये आवेदन कर सकते हैं।
 
 
- प्रधान मंत्री आवास योजना-ग्रामीण (PMAY-R) ग्रामीण भारत में रहने वाले आर्थिक रूप से कमज़ोर परिवारों को संपत्ति का स्वामी बनाने में सहायता करने के लिये लाई गई है। ऐसे ग्रामीण क्षेत्रों में आवासों में सभी आवश्यक बुनियादी सुविधाएँ जैसे विद्युत, स्वच्छ जल, एक अच्छी तरह से विकसित सीवेज प्रणाली, स्वच्छता सुविधा आदि होंगी।
स्वच्छ भारत मिशन- ग्रामीण (SBM-G):
- इसे जल शक्ति मंत्रालय द्वारा सार्वभौमिक स्वच्छता कवरेज प्राप्त करने के प्रयासों में तेज़ी लाने और स्वच्छता पर ध्यान केंद्रित करने के लिये लॉन्च किया गया था।
- इस मिशन को एक राष्ट्रव्यापी अभियान/जनआंदोलन के रूप में लागू किया गया था जिसका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में खुले में शौच या ODF को समाप्त करना था।
अबुआ आवास योजना (AAY)
- इस योजना के तहत अगले दो वर्ष में लगभग 15 हज़ार करोड़ रुपए से ज़्यादा खर्च कर राज्य सरकार अपनी निधि से ज़रूरतमंद लोगों को आवास उपलब्ध कराएगी।
- योजना के तहत गरीबों, वंचितों, मज़दूरों, किसानों, आदिवासियों, पिछड़ों और दलितों को 3 कमरे के आवास उपलब्ध करवाएँ जाएँगे। 
      
    
    
      छत्तीसगढ़ विधानसभा में बजट प्रस्तुत किया गया | छत्तीसगढ़ | 12 Feb 2024
            चर्चा में क्यों ?
छत्तीसगढ़ के वित्त मंत्री ओ.पी चौधरी ने राज्य विधानसभा में 2024-25 के लिये 1,47,446 करोड़ रुपए का बजट प्रस्तुत किया।
मुख्य बिंदु:
- बजट ज्ञान-गरीब (गरीब), युवा, अन्नदाता (किसान) और नारी (महिला) के आर्थिक विकास पर केंद्रित है, इसमें पूंजीगत व्यय में वृद्धि करके बुनियादी ढाँचे के विकास को प्रोत्साहित करने के साथ-साथ युवाओं के लिये रोज़गार तथा आजीविका को बढ़ावा दिया गया है।
- राज्य को विकासशील से विकसित राज्य में बदलने के उद्देश्य से 1 नवंबर, 2024 को 'अमृतकाल: छत्तीसगढ़ विजन @2047' नामक एक दस्तावेज़ लोगों को समर्पित किया जाएगा।
- सकल राज्य घरेलू उत्पाद (GSDP) अगले पाँच वर्षों में वर्ष 2028 तक 5 लाख करोड़ रुपए से दोगुना होकर 10 लाख करोड़ रुपए हो जाएगा, जो इसमें उल्लिखित दृष्टिकोण को साकार करने की दिशा में पहला मध्यावधि लक्ष्य है।
 
 
    
    
      उत्तर प्रदेश में 10 लाख करोड़ रुपए की परियोजनाएँ  | उत्तर प्रदेश | 12 Feb 2024
            चर्चा में क्यों?
ग्राउंडब्रेकिंग सेरेमनी (GBC) 4.0 में, उत्तर प्रदेश सरकार 14,000 परियोजनाओं को शामिल करने वाले 10 लाख करोड़ रुपए के समझौता ज्ञापन (MoU) की घोषणा करने के लिये तैयार है, जिससे 33.50 लाख रोज़गार के अवसर उत्पन्न होने की उम्मीद है।
मुख्य बिंदु:
- GBC 4.0 के लिये अनुमानित निवेश रोलआउट पिछले तीन ग्राउंडब्रेकिंग समारोहों में लागू किये गए 2.10 लाख करोड़ रुपए से अधिक के संचयी निवेश से पाँच गुना अधिक है।
- इनमें से 52% से अधिक परियोजनाएँ पश्चिमी उत्तर प्रदेश में शुरू की जाएंगी, जिसे पश्चिमांचल क्षेत्र के रूप में भी जाना जाता है।
- पूर्वांचल क्षेत्र में लगभग 29% MoU को लागू किया जाएगा, जिसमें राज्य के पूर्वी हिस्से शामिल हैं।
- मध्यांचल में 14 % और बुन्देलखण्ड में 5 % MoU लागू होंगे।
 
- इन MoU पर फरवरी 2023 में लखनऊ में आयोजित उत्तर प्रदेश ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2023 में हस्ताक्षर किये गये थे।
- प्रतिष्ठित उद्योगपतियों, 500 कंपनियों के प्रतिनिधियों, विदेशी निवेशकों, राजदूतों, उच्चायुक्तों और अन्य विशिष्ट अतिथियों सहित लगभग 3000 लोग ग्राउंडब्रेकिंग समारोह 4.0 में भाग लेंगे।
पिछला ग्राउंडब्रेकिंग समारोह
- राज्य में तीन ग्राउंडब्रेकिंग समारोह पहले ही हो चुके हैं, जिससे 2.10 लाख करोड़ रुपए से अधिक का निवेश आया है।
- पहला यूपी इन्वेस्टर्स समिट फरवरी 2018 में आयोजित किया गया था जिसमें 4.28 लाख करोड़ रुपए के 1045 MoU पर हस्ताक्षर किये गए थे।
- पहला ग्राउंडब्रेकिंग समारोह जुलाई 2018 में हुआ, उसके बाद दूसरा जुलाई 2019 में हुआ, जिसके परिणामस्वरूप क्रमशः 61,792 करोड़ रुपए के निवेश के साथ 81 परियोजनाएँ और 67,202 करोड़ रुपए के निवेश के साथ लगभग 290 परियोजनाएँ सफलतापुर्वक लॉन्च हुईं।