फॉरेस्ट अलर्ट सिस्टम | मध्य प्रदेश | 01 May 2025
चर्चा में क्यों?
मध्य प्रदेश पहला राज्य बन गया है जिसने AI आधारित रियल-टाइम फॉरेस्ट अलर्ट सिस्टम को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में लागू किया है।
मुख्य बिंदु
- फॉरेस्ट अलर्ट सिस्टम के बारे में:
- यह Google Earth Engine, AI मॉडल और मल्टी-टेंपोरल सैटेलाइट डाटा पर आधारित प्रणाली है।
- मध्य प्रदेश ने यह तकनीक संवेदनशील वन प्रभागों जैसे शिवपुरी, गुना, विदिशा, बुरहानपुर और खंडवा ज़िलों में पायलट आधार पर लागू की है। भविष्य में इसे राज्य स्तर पर विस्तार देने की योजना है।
- यह प्रणाली वन अतिक्रमण, भूमि उपयोग परिवर्तन और वन क्षरण की समय पर पहचान कर सक्रिय वन प्रबंधन को संभव बनाएगी।
- विशेषताएँ
- Google Earth Engine से प्राप्त तीन अलग-अलग तिथियों के उपग्रह चित्रों का विश्लेषण किया जाएगा।
- बदलावों की पहचान के लिये सामान्यीकृत अंतर वनस्पति सूचकांक (NDVI), मृदा समायोजित वनस्पति सूचकांक (SAVI), संवर्द्धित वनस्पति सूचकांक (EVI), सिंथेटिक अपर्चर रडार (SAR) जैसे इंडेक्स का उपयोग किया जाएगा।
- AI मॉडल द्वारा भूमि में हुए उल्लेखनीय बदलावों (जैसे फसल, निर्माण, कटाई) को चिह्नित कर पॉलीगॉन अलर्ट के रूप में दर्ज किया जाएगा।
- ऐप में GPS टैग की गई फोटो, वॉयस नोट्स, टिप्पणियाँ, जियोफेंसिंग, दूरी मापन जैसी सुविधाएँ होंगी।
- डैशबोर्ड पर तारीख, घनत्व और क्षेत्रफल जैसे फ़िल्टर भी उपलब्ध होंगे, जिससे विशिष्ट जानकारी प्राप्त करना संभव होगा।
- फील्ड कर्मचारी ऐप के माध्यम से तस्वीरें, GPS लोकेशन और वॉइस रिकॉर्डिंग अपलोड कर सकते हैं।

सतत् वन प्रबंधन के लिये भारत की पहलें
- सरकार द्वारा संचालित कार्यक्रम:
- ग्रीन इंडिया मिशन (GIM): इसके अंतर्गत वर्ष 2017 से वर्ष 2021 की अवधि में वन क्षेत्र में 0.56% की वृद्धि हुई।
- राष्ट्रीय कृषि वानिकी नीति (2014): इसके तहत प्राकृतिक वनों पर दबाव कम करने के लिये निजी कृषि भूमि पर वृक्षारोपण को प्रोत्साहित करना शामिल है।
- भारत में वनों के बाहर वृक्ष कार्यक्रम: इसके तहत हरित आवरण को बढ़ावा देने के लिये निजी हितधारकों को शामिल करके गैर-वन भूमि पर वृक्षारोपण को प्रोत्साहित करना शामिल है।
- प्रतिपूरक वनरोपण निधि (CAMPA): यह निधि उन स्थानों पर पुनः वनरोपण के लिये दी जाती है जहाँ वनों को औद्योगिक उपयोग के लिये उपयोग में लाया जाता है।
- कॉर्पोरेट एवं सामुदायिक प्रयास:
- CSR-संचालित वृक्षारोपण: इसके तहत ऑटोमोबाइल, सीमेंट और ऊर्जा क्षेत्र की कंपनियाँ वृक्षारोपण करती हैं ।
- आजीविका के लिये कृषि वानिकी: किसान अतिरिक्त आय के लिये फसलों के साथ इमारती लकड़ी, फल और औषधीय पौधों को भी शामिल करते हैं।
- कार्बन क्रेडिट रणनीतियाँ: उद्योग, कार्बन क्रेडिट अर्जित करने के लिये वनरोपण में निवेश करते हैं।
- कृत्रिम बुद्धिमत्ता की आदर्श विशेषता इसकी युक्तिसंगत कार्रवाई करने की क्षमता है जिसमें एक विशिष्ट लक्ष्य प्राप्त किया जाता है। मशीन लर्निंग (ML), AI का ही एक प्रकार है।
28 वीं राष्ट्रीय फेडरेशन सीनियर एथलेटिक्स चैंपियनशिप | मध्य प्रदेश | 01 May 2025
चर्चा में क्यों?
मध्य प्रदेश ने 28वीं राष्ट्रीय फेडरेशन सीनियर एथलेटिक्स चैंपियनशिप में तीन स्वर्ण पदक जीते।
मुख्य बिंदु
- राष्ट्रीय फेडरेशन सीनियर एथलेटिक्स चैंपियनशिप
- यह भारत की प्रमुख घरेलू एथलेटिक्स प्रतियोगिताओं में से एक है, जिसका आयोजन भारतीय एथलेटिक्स महासंघ (AFI) द्वारा हर वर्ष किया जाता है।
- यह प्रतियोगिता ट्रैक एवं फील्ड इवेंट्स में देश के शीर्ष एथलीटों को एक साझा मंच प्रदान करती है और अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के लिये चयन का आधार भी बनती है।
- इसका 28वाँ संस्करण 21 से 24 अप्रैल 2025 तक केरल के कोच्चि में आयोजित किया गया।
- इस इवेंट में 38 मेडल स्पर्द्धाएँ आयोजित की गईं।
- महत्त्व
- यह मध्य प्रदेश को राष्ट्रीय एथलेटिक्स मानचित्र पर स्थापित करने में सहायक सिद्ध होगा।
- खिलाड़ियों की यह उपलब्धि युवा पीढ़ी के लिये प्रेरणा बनेगी।
प्रतियोगिता
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एथलीट
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उपलब्धि
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शॉट पुट
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समरजीत सिंह
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स्वर्ण पदक
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पोल वॉल्ट
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देव मीणा
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स्वर्ण पदक
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3000 मीटर स्टीपलचेज़ (महिला)
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मंजू यादव
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स्वर्ण पदक
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भारतीय एथलेटिक्स महासंघ (AFI)
- परिचय: AFI की स्थापना, 1946 में भारत में एथलेटिक्स के लिये एक गैर-सरकारी, गैर-लाभकारी, स्वायत्त शीर्ष निकाय के रूप में की गई थी।
- यह विश्व एथलेटिक्स, एशियाई एथलेटिक्स एसोसिएशन (AAA) और भारतीय ओलंपिक संघ से संबद्ध है।
- उद्देश्य: एथलेटिक्स को लोकप्रिय बनाना, एथलीटों के प्रदर्शन में सुधार लाना और खेल को व्यावसायिक रूप से व्यवहार्य बनाना।
- संरचना: AFI में 32 संबद्ध राज्य और संस्थागत इकाइयाँ शामिल हैं।
- कार्य: यह अंतर्राष्ट्रीय टूर्नामेंटों के लिये टीमों का चयन करता है, राष्ट्रीय चैंपियनशिप की मेज़बानी करता है तथा एथलेटिक्स को आगे बढ़ाने के लिये प्रतियोगिताओं का उपयोग करता है। इसके अतिरिक्त, यह कोचिंग कार्यक्रमों, प्रतिभा-विकास शिविरों और जमीनी स्तर पर विकास पर ज़ोर देता है।
सारनाथ के पवित्र बुद्ध अवशेष | उत्तर प्रदेश | 01 May 2025
चर्चा में क्यों?
उत्तर प्रदेश के सारनाथ स्थित पवित्र बुद्ध अवशेषों को मई 2025 में वियतनाम में आयोजित संयुक्त राष्ट्र वेसाक दिवस (UNDV) समारोह के अवसर पर प्रदर्शित किया जाएगा।
मुख्य बिंदु
- बुद्ध अवशेषों के बारे में:
- ये अवशेष उत्तर प्रदेश के सारनाथ स्थित मूलगंध कुटी विहार से संबंधित हैं, यह विहार महाबोधि सोसाइटी द्वारा संचालित है, जिसकी स्थापना अंगारिका धर्मपाल ने की थी।
- अवशेषों की खुदाई 1927–1931 के दौरान नागार्जुनकोंडा (आंध्र प्रदेश) में एच. लॉन्गहर्स्ट द्वारा की गई थी।
- इन अवशेषों को 27 दिसंबर, 1932 को राय बहादुर दयाराम साहनी ने भारत के वायसराय की ओर से महाबोधि सोसाइटी को सौंपा था।
- यह कार्यक्रम भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय और अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध परिसंघ (IBC) के सहयोग से आयोजित किया जा रहा है।
- संयुक्त राष्ट्र वेसाक दिवस (UNDV)
- वेसाक दिवस बौद्ध धर्म का सबसे पवित्र दिन है, जो महात्मा बुद्ध के जन्म, ज्ञान प्राप्ति (ज्ञानोदय) और महापरिनिर्वाण की स्मृति में मनाया जाता है।
- संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 15 दिसंबर, 1999 को एक प्रस्ताव पारित कर इसे अंतरराष्ट्रीय दिवस के रूप में मान्यता दी।
- पहला आधिकारिक आयोजन वर्ष 2000 में न्यूयॉर्क स्थित संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में किया गया था।
- संयुक्त राष्ट्र वेसाक दिवस 2025 की थीम है- "मानव गरिमा के लिये एकता और समावेशिता के लिये बौद्ध दृष्टिकोण: विश्व शांति और सतत् विकास के लिये बौद्ध अंतर्दृष्टि"।
अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध परिसंघ (IBC)
- यह सबसे बड़ा धार्मिक बौद्ध संघ है।
- इस संघ का उद्देश्य वैश्विक मंच पर बौद्ध धर्म की भूमिका का निर्माण करना है, ताकि बौद्ध धर्म की विरासत को संरक्षित करने, ज्ञान साझा करने और मूल्यों को बढ़ावा देने में मदद मिल सके तथा वैश्विक वार्ता में सार्थक भागीदारी के साथ बौद्ध धर्म का संयुक्त प्रतिनिधित्व किया जा सके।
- नवंबर 2011 में नई दिल्ली में ‘वैश्विक बौद्ध मंडली’ (GBC) की मेज़बानी की गई थी, जहाँ उपस्थित लोगों ने सर्वसम्मति से एक अंतर्राष्ट्रीय अम्ब्रेला निकाय- अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध परिसंघ (IBC) के गठन के प्रस्ताव को अपनाया।
- मुख्यालय: दिल्ली (भारत)

अंडर-20 राष्ट्रीय कुश्ती प्रतियोगिता | राजस्थान | 01 May 2025
चर्चा में क्यों?
20 से 22 अप्रेल 2025 तक राजस्थान राज्य कुश्ती संघ के तत्त्वावधान में अंडर-20 राष्ट्रीय कुश्ती प्रतियोगिता राजस्थान के कोटा ज़िले में आयोजित की गई।
मुख्य बिंदु
- प्रतियोगिता के बारे में:
- इसका आयोजन भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI - Wrestling Federation of India) द्वारा किया जाता है।
- यह आयोजन पहली बार राजस्थान के कोटा ज़िले के रघुराई एंडो स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में किया गया।
- इसमें 26 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के 800 से अधिक पहलवानों ने भाग लिया।
- पुरुषों के ग्रीकोरोमन और फ्री स्टाइल तथा महिला फ्री स्टाइल वर्गों में मुकाबले आयोजित हुए।
- प्रत्येक वर्ग में 10-10 वेट कैटेगरी थीं।
- विजेता
- इस प्रतियोगिता में हरियाणा ने कुल 16 स्वर्ण पदक जीतकर प्रथम स्थान प्राप्त किया।
- दिल्ली ने कुल 6 स्वर्ण पदक जीतकर द्वितीय स्थान जबकि उत्तर प्रदेश ने 3 स्वर्ण पदक जीतकर तृतीय स्थान प्राप्त किया।
भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI):
- WFI भारत में कुश्ती की शासी निकाय है। इसका मुख्यालय नई दिल्ली में स्थित है।
- इसे भारत सरकार और भारतीय ओलंपिक संघ द्वारा मान्यता प्राप्त है।
- यह विभिन्न राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर की कुश्ती प्रतियोगिताओं का आयोजन करता है जिनमें प्रो रेसलिंग लीग, राष्ट्रीय कुश्ती चैंपियनशिप और एशियाई चैंपियनशिप शामिल हैं।
- WFI ओलंपिक खेलों में भाग लेने वाले भारतीय पहलवानों का समर्थन और प्रशिक्षण भी प्रदान करता है।
मिशन परिंदा अभियान | राजस्थान | 01 May 2025
चर्चा में क्यों?
राजस्थान के बारां ज़िला प्रशासन द्वारा पंचायती राज दिवस के अवसर पर ‘मिशन परिंदा’ अभियान का शुभारंभ किया गया।
मुख्य बिंदु
- अभियान के बारे में:
- इस अभियान का उद्देश्य पक्षियों को गर्मी में पानी उपलब्ध कराना और पर्यावरण संरक्षण तथा जैवविविधता के प्रति जागरूकता बढ़ाना है।
- अभियान के पहले चरण में सभी सरकारी कार्यालयों में पानी के पात्र लगाए जाएंगे जिनमें नियमित रूप से ठंडा पानी भरा जाएगा।
- दूसरे चरण में घोंसले लगाए जाएंगे, जो खास तौर पर गर्मियों में पक्षियों के लिये सुरक्षा और आराम का माध्यम होंगे। ये घोंसले विशेष रूप से घास तथा नारियल के रेशों से बनाए जाएंगे।
- ज़िला प्रशासन ने आम लोगों से भी इस अभियान से जुड़ें और अपने घरों तथा कार्यस्थलों पर पानी के पात्र लगाने की अपील की है।
राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस:
- 24 अप्रैल को मनाया जाने वाला यह दिवस 73वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1992 के अधिनियमन का प्रतीक है, जिसके माध्यम से पंचायती राज संस्थाओं (PRI) को सांविधिक प्रस्थिति प्रदान की गई।
- इसका पहला आयोजन वर्ष 2010 में किया गया था।