जल प्रबंधन परियोजना के लिये विश्व बैंक ऋण | 27 Feb 2024

चर्चा में क्यों?

हाल ही में केंद्रीय वित्त मंत्रालय के तहत आर्थिक मामलों के विभाग ने बिहार एकीकृत जल संसाधन प्रबंधन परियोजना (BIWRMP) के लिये विश्व बैंक से ऋण हेतु राज्य सरकार के अनुरोध को अपनी स्वीकृति दे दी है।

मुख्य बिंदु:

  • राज्य सरकार की चल रही पहल 'हर खेत तक सिंचाई का पानी निश्चय' और 'जल-जीवन-हरियाली अभियान' के साथ संरेखित BIWRMP को छह वर्ष की अवधि में लागू किया जाएगा।
    • इसकी अनुमानित लागत 4,415 करोड़ रुपए है, जिसमें से 30% बिहार वहन करेगा, जबकि शेष 70% के लिये विश्व बैंक ऋण प्रदान करेगा।
    • यह लंबे समय से लंबित पश्चिमी कोसी नहर प्रमुख सिंचाई परियोजना को पूरा करने पर ध्यान केंद्रित करेगा, लेकिन बिहार में सदियों पुराने बाँधों की बहाली में भी सहायता करेगा।
    • इसमें नदियों को जोड़ने, बाढ़ को कम करने के लिये प्रमुख नदियों से अतिरिक्त जल प्रवाह को नियंत्रित करने और नदी तटबंधों की दीर्घकालिक सुरक्षा के लिये नई तकनीकों को नियोजित करने की महत्त्वपूर्ण परियोजनाएँ शामिल हैं।
  • गंगा, गंडक, कोसी, महानंदा, बूढ़ी गंडक, कमला, बागमती आदि नदियों के किनारे संवेदनशील क्षेत्रों को लंबे समय तक कटाव से बचाने के लिये उन्नत उपाय लागू किये जाएंगे।

विश्व बैंक

  • इसे वर्ष 1944 में IMF के साथ मिलकर पुनर्निर्माण और विकास के लिये अंतर्राष्ट्रीय बैंक (IBRD) के रूप में स्थापित किया गया था। बाद में IBRD विश्व बैंक बन गया।
  • विश्व बैंक समूह पाँच संस्थानों की एक अनूठी वैश्विक साझेदारी है जो विकासशील देशों में गरीबी को कम करने और साझा समृद्धि का निर्माण करने वाले स्थायी समाधानों के लिये कार्य कर रहा है।
  • विश्व बैंक संयुक्त राष्ट्र की विशिष्ट एजेंसियों में से एक है।