उत्तर प्रदेश फुटवियर, चमड़ा एवं गैर-चमड़ा क्षेत्र विकास नीति 2025 | 21 Aug 2025
चर्चा में क्यों?
राज्य में वैश्विक फुटवियर एवं चमड़ा क्षेत्र की स्थिति को सुदृढ़ करने हेतु उत्तर प्रदेश सरकार ने ‘उत्तर प्रदेश फुटवियर, चमड़ा एवं गैर-चमड़ा क्षेत्र विकास नीति 2025’ को मंज़ूरी दे दी है।
मुख्य बिंदु
नीति की मुख्य विशेषताएँ
- निर्यात को बढ़ावा:
- इस नीति का उद्देश्य अंतर्राष्ट्रीय निवेश को आकर्षित करके चमड़ा और गैर-चमड़ा निर्यात में उत्तर प्रदेश की हिस्सेदारी को बढ़ाना है, जिसके लिये चीन तथा जापान जैसे देशों में समर्पित निवेश अभियान चलाए जाएंगे।
- आधुनिकीकरण:
- उत्पाद की गुणवत्ता में सुधार लाने तथा रोज़गार सृजन के लिये प्रौद्योगिकी को उन्नत करने, उत्पादन सुविधाओं को आधुनिक बनाने तथा प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू करने पर ज़ोर दिया जाएगा।
- चमड़ा और फुटवियर क्षेत्र में उत्कृष्टता केंद्र स्थापित किये जाएंगे।
- IPR (बौद्धिक संपदा अधिकार) विकास को समर्थन देने के लिये अनुदान प्रदान किये जाएंगे , जिसमें प्रति इकाई 1 करोड़ रुपए तक का प्रावधान है।
- उत्पाद की गुणवत्ता में सुधार लाने तथा रोज़गार सृजन के लिये प्रौद्योगिकी को उन्नत करने, उत्पादन सुविधाओं को आधुनिक बनाने तथा प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू करने पर ज़ोर दिया जाएगा।
- कौशल विकास:
- प्रशिक्षण केंद्र युवाओं के कौशल उन्नयन पर ध्यान केंद्रित करेंगे तथा शैक्षिक संस्थानों के साथ साझेदारी में विशेष पाठ्यक्रम तैयार किये जाएंगे।
- अगले पाँच वर्षों में इस क्षेत्र में लगभग 22 लाख नौकरियाँ सृजित करने का लक्ष्य रखा गया है, जिसमें महिलाओं और दिव्यांग लोगों को रोज़गार देने पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
- समर्पित चमड़ा पार्क:
- सरकार बड़े भूखंडों का निर्माण करेगी और प्लग-एंड-प्ले सुविधाओं, अपशिष्ट उपचार संयंत्रों तथा अत्याधुनिक बुनियादी ढाँचे के साथ समर्पित चमड़ा पार्क स्थापित करेगी।
- बढ़ती मांग को पूरा करने के लिये कानपुर, आगरा और उन्नाव में मेगा-लेदर पार्क की स्थापना की जाएगी।
- बुंदेलखंड और पूर्वांचल जैसे वंचित क्षेत्रों में परिचालन स्थापित करने के लिये विशेष प्रोत्साहन दिया जाएगा।
- वित्तीय प्रोत्साहन:
- इस नीति में नए चमड़ा पार्क और क्लस्टर स्थापित करने के लिये प्रोत्साहन तथा सब्सिडी प्रदान करके नए एवं मौजूदा दोनों व्यवसायों को समर्थन देने के प्रावधान शामिल हैं।
- 50 एकड़ से अधिक भूमि पर चमड़ा पार्क या क्लस्टर स्थापित करने के लिये 25% पूंजीगत सब्सिडी।
- परियोजना से संबंधित भूमि खरीद के लिये स्टांप ड्यूटी पर 100% छूट।
- पहले तीन वर्षों के लिये नेपाल, बांग्लादेश और भूटान के बाहर के बाज़ारों में उत्पादों के निर्यात के लिये 50% परिवहन लागत की प्रतिपूर्ति।
- इस नीति में नए चमड़ा पार्क और क्लस्टर स्थापित करने के लिये प्रोत्साहन तथा सब्सिडी प्रदान करके नए एवं मौजूदा दोनों व्यवसायों को समर्थन देने के प्रावधान शामिल हैं।
- सतत् विकास पर ध्यान:
- कार्बन क्रेडिट प्रमाणन, नवीकरणीय ऊर्जा प्रमाणन और ऊर्जा ऑडिट अपनाने पर 50% प्रतिपूर्ति।
- अंतर्राष्ट्रीय सतत् प्रमाणन प्राप्त करने पर 75% सब्सिडी।
- बायोडिग्रेडेबल टैनिंग एजेंट और वाटरलेस डाईंग तकनीक अपनाने का समर्थन।
उद्योग अंतर्दृष्टि
- बाजार स्थिति: उत्तर प्रदेश भारत के प्रमुख चमड़ा और फुटवियर हब में से एक है, जो भारत के कुल चमड़ा निर्यात का लगभग 46% योगदान देता है।
- मुख्य स्थान: आगरा 'भारत की फुटवियर राजधानी' के रूप में प्रसिद्ध है, जबकि कानपुर चमड़े के सामान और काठी के सामान में प्रमुख है।
- अनुमानित बाज़ार आकार: उत्तर प्रदेश के चमड़ा उद्योग का बाज़ार आकार लगभग 3.5 अरब डॉलर है, जिसमें फुटवियर खंड का महत्त्वपूर्ण योगदान है।