सरिस्का बाघ अभयारण्य (STR) | 11 Jul 2025
चर्चा में क्यों?
राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड (NBWL) की स्थायी समिति (SC-NBWL), जिसकी अध्यक्षता केंद्रीय पर्यावरण मंत्री कर रहे हैं, ने सरिस्का टाइगर रिज़र्व (STR) के क्रिटिकल टाइगर हैबिटैट (Critical Tiger Habitat - CTH) की सीमाओं को पुनः निर्धारित करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।
- हालाँकि, इस पर अंतिम निर्णय सर्वोच्च न्यायालय की मंजूरी के बाद लिया जाएगा।
प्रमुख बिंदु
- प्रस्ताव के बारे में:
- सर्वोच्च न्यायालय स्वतः संज्ञान लेकर सरिस्का टाइगर रिज़र्व (STR) से संबंधित कई मुद्दों की जाँच कर रही है, जिसमें सीमाओं का पुनर्गठन (rationalisation) भी शामिल है। इस संबंध में केंद्रीय सशक्त समिति (CEC) ने सुझाव दिया है कि गाँवों के पुनर्वास और पशु चराई जैसी मानव गतिविधियों से होने वाले व्यवधानों को दूर करने के लिये सीमाओं में बदलाव किया जाए।
- प्रस्तावित बदलाव: इस पुनर्गठन के तहत CTH का क्षेत्र 881.11 वर्ग किमी से बढ़कर 924.49 वर्ग किमी हो जाएगा, जबकि बफर ज़ोन 245.72 वर्ग किमी से घटकर 203.2 वर्ग किमी रह जाएगा। इस परिवर्तन का उद्देश्य संरक्षण की आवश्यकताओं और विकासात्मक दबावों के बीच संतुलन स्थापित करना है।
- पारिस्थितिक और कानूनी संदर्भ: सीटीएच को वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 के तहत संरक्षित किया गया है और इसे मानवीय हस्तक्षेप से मुक्त रखा जाना चाहिए।
- इस पुनः सीमांकन से टाइगर हैबिटेट के पास बंद पड़ी लगभग 50 खनन गतिविधियों को लाभ मिल सकता है।
सरिस्का टाइगर रिज़र्व:
- सरिस्का टाइगर रिज़र्व राजस्थान के अलवर ज़िले में अरावली पहाड़ियों के बीच स्थित है।
- इसे 1955 में वन्यजीव अभयारण्य घोषित किया गया था तथा वर्ष 1978 में 'प्रोजेक्ट टाइगर' के तहत टाइगर रिज़र्व घोषित किया गया।
- यह क्षेत्र अपने ऐतिहासिक महत्त्व के लिये भी प्रसिद्ध है —
- यहाँ कंकरवाड़ी किला स्थित है, जहाँ औरंगज़ेब ने दारा शिकोह को बंदी बनाया था।
- पांडुपोल हनुमान मंदिर, पांडवों की कथा से जुड़ा एक धार्मिक स्थल है।
- भौगोलिक विशेषताएँ: सरिस्का का परिदृश्य पथरीली भूमि, घास के मैदान, कांटेदार झाड़ियाँ और अर्द्ध-पर्णपाती वन से युक्त है। यहाँ की वनस्पति में ढोक, सालर, कड़ाया, बेर, गुग्गल और बांस शामिल हैं।
- वन्यजीव: यह अभयारण्य रॉयल बंगाल टाइगर, तेंदुआ, सांभर, नीलगाय, जंगली सूअर और लकड़बग्घा जैसे विविध प्राणियों का आवास है।
- जल स्रोत: सरिस्का टाइगर रिज़र्व के आसपास जय समंद झील और सिलिसेढ़ झील जैसे महत्वपूर्ण जल स्रोत भी स्थित हैं।
NBWL क्या है?
- NBWL: NBWL वन्य जीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 (WPA, 1972) के तहत गठित वन्यजीव संरक्षण और विकास पर एक सर्वोच्च वैधानिक निकाय है।
- संरचना: NBWL एक 47 सदस्यीय समिति है, जिसके अध्यक्ष प्रधानमंत्री हैं, जो इसके पदेन अध्यक्ष होते हैं, जबकि पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री इसके उपाध्यक्ष हैं।
- इसके सदस्यों में शामिल हैं:
- वन्यजीव संरक्षण में शामिल अधिकारी
- थल सेनाध्यक्ष, रक्षा सचिव और व्यय सचिव।
- केंद्र सरकार द्वारा नामित दस प्रख्यात संरक्षणवादी, पारिस्थितिकीविद् और पर्यावरणविद्।
- कार्य: इसका उद्देश्य वन्यजीव और वन के संरक्षण और विकास को बढ़ावा देना है।
- बाघ अभयारण्यों में कार्य: राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA) के मार्गदर्शन से किसी भी बाघ अभयारण्य को बिना अनुमति के असंवहनीय उपयोग के लिये हस्तांतरित नहीं किया जाएगा।