राजस्थान में FCM पिंक ड्राइव | 30 Oct 2025
चर्चा में क्यों?
राजस्थान स्वास्थ्य विभाग राज्य में गर्भवती महिलाओं में एनीमिया से निपटने के लिये फेरिक कार्बोक्सिमाल्टोज़ (FCM) इंजेक्शन के उपयोग की तैयारी कर रहा है।
मुख्य बिंदु
- पिंक ड्राइव के बारे में:
- राजस्थान स्वास्थ्य विभाग मातृ मृत्यु के प्रमुख कारण एनीमिया से निपटने के लिये 17 नवंबर से 30 नवंबर 2025 तक FCM पिंक ड्राइव अभियान शुरू करेगा।
- इस पहल का उद्देश्य फेरिक कार्बोक्सिमाल्टोज़ (FCM) इंजेक्शन के उपयोग को बढ़ावा देकर मातृ मृत्यु दर में कमी लाना है, जो आयरन की कमी से होने वाले एनीमिया के निदान और उपचार में प्रभावी है।
- FCM इंजेक्शन, जैसे कि ओरोफर FCM, शरीर में आयरन स्तर को बढ़ाने में मदद करते हैं, लाल रक्त कोशिका निर्माण और हीमोग्लोबिन को बढ़ावा देते हैं, जो ऑक्सीजन परिवहन के लिये आवश्यक हैं तथा गर्भवती महिलाओं में जटिलताओं को रोकते हैं।
- डिजिटल उपकरणों का शुभारंभ:
- राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के मिशन निदेशक डॉ. अमित यादव ने FCM पिंक ड्राइव की शुरुआत की और FCM उपयोग दिशानिर्देश, पोस्टर तथा डिजिटल गर्भ सूत्र ऐप्लिकेशन प्रस्तुत किया, जो सेवा प्रदाताओं के लिये सही खुराक की गणना करता है।
- ये डिजिटल उपकरण क्षमता निर्माण, वास्तविक समय निगरानी, और डेटा-आधारित निर्णय लेने को सुधारने के लिये डिज़ाइन किये गये हैं, जिससे बेहतर सेवा वितरण तथा मातृ स्वास्थ्य परिणामों में सुधार सुनिश्चित हो सके।
- सहयोग:
- स्वास्थ्य विभाग ने विकास साझेदार Jhpiego के साथ मिलकर राज्य स्तरीय कार्यशाला आयोजित की, जिसका उद्देश्य विभिन्न हितधारकों को गर्भवती महिलाओं में एनीमिया प्रबंधन हेतु FCM के प्रभावी उपयोग में प्रशिक्षण प्रदान करना था।
एनीमिया
- एनीमिया एक ऐसी स्थिति है, जो मुख्य रूप से आयरन की कमी के कारण उत्पन्न होती है, जिसके परिणामस्वरूप हीमोग्लोबिन का स्तर कम हो जाता है और अंगों को ऑक्सीजन की आपूर्ति घट जाती है।
- इसका प्रभाव थकान, कमज़ोरी और शारीरिक तथा संज्ञानात्मक कार्यक्षमता में कमी के रूप में दिखाई देता है।
- विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, प्रजनन आयु वर्ग की महिलाएँ जिनका हीमोग्लोबिन स्तर 12 ग्राम प्रति डेसिलिटर (g/dL) से कम हो और 5 वर्ष से कम आयु के बच्चे जिनका हीमोग्लोबिन स्तर 11.0 g/dL से कम हो, उन्हें एनीमिया ग्रसित माना जाता है।
