राजस्थान में फिरोज़पुर फीडर का पुनर्निर्माण | 06 Dec 2025

चर्चा में क्यों?

मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने साधूवाली में फ़िरोज़पुर फीडर नहर के पुनर्निर्माण का शिलान्यास किया, जो उत्तरी राजस्थान में सिंचाई सुविधाओं को सुदृढ़ बनाने की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण पहल को दर्शाता है।

मुख्य बिंदु 

  • परियोजना के बारे में: यह परियोजना दूरस्थ कृषि क्षेत्रों में विश्वसनीय सिंचाई जल आपूर्ति सुनिश्चित करके किसानों की समृद्धि के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता के अनुरूप है।
  • पुनर्निर्माण: 647 करोड़ रुपये की लागत से फीडर के पुनर्निर्माण का उद्देश्य हरिके बैराज से अधिशेष जल के मार्ग परिवर्तन में सुधार करना तथा रबी और खरीफ फसलों के लिये सिंचाई विश्वसनीयता को बढ़ाना है।
    • 300 करोड़ रुपये के अलग आवंटन से बीकानेर नहर का जीर्णोद्धार किया जाएगा, जिससे लाखों किसानों को सीधा लाभ होगा और राज्य का सदियों पुराना नहर नेटवर्क मज़बूत होगा।
  • स्वचालन: 695 करोड़ रुपये के निवेश से 3.14 लाख हेक्टेयर में सिंचाई को स्वचालित किया जाएगा, जिससे दक्षता बढ़ेगी, जल प्रवाह को विनियमित किया जाएगा और कमांड क्षेत्र में कृषि उत्पादकता को बढ़ावा मिलेगा।
  • क्षमता वृद्धि: उन्नत फिरोज़पुर फीडर की वहन क्षमता 9,000 क्यूसेक से बढ़कर 13,842 क्यूसेक हो जाएगी, जिससे अतिरिक्त मानसून जल का भंडारण संभव हो सकेगा, जो अन्यथा पाकिस्तान की ओर बह जाता है।
  • समय-सीमा: परियोजना के तहत कंक्रीट लाइनिंग, रेगुलेटरों के पुनर्निर्माण तथा रेलवे क्रॉसिंग की मरम्मत जैसे सभी प्रमुख कार्य अक्तूबर 2027 तक पूर्ण करने की योजना बनाई गई है, ताकि यह समय-सीमा नहर के ऐतिहासिक उद्घाटन दिवस के साथ सामंजस्य स्थापित कर सके। 
  • शताब्दी-वर्ष: 1,717 करोड़ रुपये की इन परियोजनाओं का शुभारम्भ गंग नहर की 100वीं वर्षगाँठ के अवसर पर किया गया है, जिसे मूलतः महाराजा गंगा सिंह द्वारा निर्मित किया गया था और जो राजस्थान के शुष्क ज़िलों के लिये जीवनरेखा है।
  • विरासत: यह परियोजना महाराजा गंगा सिंह द्वारा 20वीं सदी के प्रारंभ में बीकानेर के लिये सतलुज नदी का पानी सुरक्षित करने के लिये किये गए निरंतर संघर्ष का सम्मान करती है, जिसमें कड़े राजनीतिक प्रतिरोध, तकनीकी संदेहों और प्रथम विश्व युद्ध के कारण हुई देरी के बावजूद भी उन्होंने यह कार्य पूर्ण किया।