प्रेम कुमार बिहार विधानसभा के अध्यक्ष चयनित | 03 Dec 2025

चर्चा में क्यों?

भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता प्रेम कुमार को 2 दिसंबर, 2025 को सर्वसम्मति से बिहार विधानसभा का अध्यक्ष चुना गया।

मुख्य बिंदु 

  • प्रोटेम स्पीकर नरेंद्र नारायण यादव ने सदन को सूचित किया कि प्रेम कुमार इस पद के लिये एकमात्र उम्मीदवार थे और उन्हें 18वीं बिहार विधानसभा की पहली बैठक के दौरान ध्वनिमत से सर्वसम्मति से चुना गया है।
  • वर्ष 2015 के बाद यह पहला सर्वसम्मति से हुआ अध्यक्ष चुनाव है, क्योंकि संख्या बल की कमी के कारण विपक्ष ने कोई नामांकन दाखिल नहीं किया था।
  • परंपरा: परंपरा का पालन करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव उन्हें अध्यक्ष की कुर्सी तक ले गए।
  • अनुभव: 70 वर्षीय प्रेम कुमार एक अनुभवी नेता हैं, जो वर्ष 1990 से लगातार गया से निर्वाचित होते आ रहे हैं, नौ बार मंत्री तथा विपक्ष के नेता के रूप में अपनी सेवाएँ दे चुके हैं।

अध्यक्ष/उपाध्यक्ष से संबंधित संवैधानिक प्रावधान

  • अनुच्छेद 93/178: लोकसभा/विधानसभा के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष की नियुक्ति।
  • अनुच्छेद 94/179: लोकसभा/ विधानसभा के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का अवकाश/त्याग-पत्र/हटाने के प्रावधान।
  • अनुच्छेद 95/180: उपाध्यक्ष या अन्य व्यक्ति/व्यक्तियों की लोकसभा /विधानसभा के अध्यक्ष के रूप में कार्य करने या पद के कर्तव्यों का पालन करने की शक्ति।
  • अनुच्छेद 96/181: अध्यक्ष या उपाध्यक्ष को उनके पद से हटाने के प्रस्ताव पर विचार के दौरान अध्यक्षता न करना।
  • अनुच्छेद 97/186: अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के वेतन तथा भत्ते।

प्रोटेम स्पीकर

  • जब पिछली राज्य विधानसभा का अध्यक्ष नव-निर्वाचित राज्य विधानसभा की पहली बैठक से ठीक पहले अपना पद खाली कर देता है, तो राज्यपाल राज्य विधानसभा के एक सदस्य को प्रोटेम अध्यक्ष (आमतौर पर सबसे वरिष्ठ सदस्य) के रूप में नियुक्त करता है।
  • राज्यपाल स्वयं प्रोटेम स्पीकर को शपथ दिलाता है।
  • वह नवनिर्वाचित राज्य विधानसभा की पहली बैठक की अध्यक्षता करता है तथा उसके पास अध्यक्ष की सभी शक्तियाँ होती हैं।
  • उसकी मुख्य ज़िम्मेदारी नए सदस्यों को शपथ दिलाना और सदन को नए अध्यक्ष का चुनाव कराने में सक्षम बनाना है।
  • जब सदन द्वारा नए अध्यक्ष का चुनाव कर लिया जाता है, तो प्रोटेम अध्यक्ष का पद समाप्त हो जाता है।