पीयूष पांडे का निधन | 27 Oct 2025
चर्चा में क्यों?
पियूष पांडे, जिन्हें व्यापक रूप से भारतीय विज्ञापन का जनक कहा जाता है, का 24 अक्तूबर 2025 को मुंबई में निधन हो गया।
- उन्होंने मध्य प्रदेश पर्यटन की ब्रांड पहचान बदलने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई तथा ऐसे अभियान संचालित किये, जो राज्य की प्राकृतिक सुंदरता, संस्कृति और विरासत को उजागर करते थे।
मुख्य बिंदु
- पियूष पांडे के बारे में:
- उनका जन्म जयपुर, राजस्थान में हुआ था और उन्होंने रणजी ट्रॉफी में राजस्थान का प्रतिनिधित्व करने के बाद वर्ष 1982 में ओगिल्वी एंड माथर (अब ओगिल्वी इंडिया) में शामिल होकर अपना करियर शुरू किया।
- इन वर्षों में, उन्होंने ओगिल्वी इंडिया के कार्यकारी अध्यक्ष, विश्वव्यापी मुख्य रचनात्मक अधिकारी सहित प्रमुख पदों पर कार्य किया और बाद में वर्ष 2024 से ओगिल्वी के मुख्य सलाहकार के रूप में कार्य किया।
- उल्लेखनीय सम्मान:
- पद्मश्री (2016)
- LIA लेजेंड अवार्ड (2024)
- कैनस लायंस फेस्टिवल में पहले एशियाई ज्यूरी अध्यक्ष
- भारतीय विज्ञापन में योगदान:
- उन्होंने हिंदी भाषा और स्थानीय मुहावरों को विज्ञापन फिल्मों में लोकप्रिय बनाकर भारतीय विज्ञापन में क्रांति ला दी तथा पश्चिमी प्रभाव वाले कथानकों का प्रभुत्व कम किया।
- उन्होंने राष्ट्रीय एकता गीत "मिले सुर मेरा तुम्हारा" की संकल्पना भी की, जो एकता का एक परिभाषित सांस्कृतिक प्रतीक बन गया।
- उन्होंने मध्य प्रदेश पर्यटन विभाग के साथ मिलकर बड़े पैमाने पर प्रतिष्ठित विज्ञापन अभियान संचालित किये, जिनमें राज्य को "अतुल्य भारत का हृदय" के रूप में प्रस्तुत किया गया, जिससे राष्ट्रीय और वैश्विक स्तर पर पर्यटन आकर्षण में महत्त्वपूर्ण वृद्धि हुई।
- प्रतिष्ठित अभियान:
- कैडबरी डेयरी मिल्क - कुछ खास है
- फेविकोल – फेविकोल का जोड़
- एशियन पेंट्स - हर घर कुछ कहता है
- गूगल इंडिया – पुनर्मिलन
- तालाब - गुगली वूगली वूश
- वोडाफोन - ज़ूज़ूज़ और पग शुभंकर*
- पोलियो अभियान - दो बूंद जिंदगी की (अमिताभ बच्चन के साथ)