मध्य प्रदेश में NHRC का स्वत: संज्ञान | 20 Dec 2025
चर्चा में क्यों?
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने मध्य प्रदेश के सतना ज़िले के एक अस्पताल में रक्त आधान के उपरांत छह बच्चों के HIV पॉजिटिव पाए जाने संबंधी मीडिया रिपोर्ट का स्वतः संज्ञान लिया है।
मुख्य बिंदु
घटना के बारे में:
- मध्य प्रदेश के सतना ज़िला अस्पताल में थैलेसीमिया का उपचार करा रहे छह बच्चे कथित रूप से रक्त आधान के पश्चात HIV पॉजिटिव पाए गए हैं, जिससे गंभीर सार्वजनिक स्वास्थ्य चिंताएँ उत्पन्न हुई हैं।
- राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग (NHRC) ने अवलोकन किया है कि यदि यह घटना सत्य पाई जाती है, तो यह बच्चों के स्वास्थ्य, सुरक्षा और संरक्षण के अधिकारों का उल्लंघन होगा।
- प्रणालीगत समस्या: देश के अन्य भागों में भी इसी प्रकार की घटनाएँ सामने आना राष्ट्रीय स्तर पर रक्त सुरक्षा प्रोटोकॉल में संभावित संरचनात्मक कमज़ोरियों की ओर संकेत करता है।
- नोटिस जारी: राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को नोटिस जारी कर चार सप्ताह के भीतर विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा है।
- जाँच जारी है: मध्य प्रदेश में स्थानीय प्रशासन और स्वास्थ्य अधिकारी यह सुनिश्चित करने के लिये जाँच कर रहे हैं कि क्या अन्य अस्पताल भी ऐसे मामलों से जुड़े हो सकते हैं, ताकि जवाबदेही सुनिश्चित की जा सके।
HIV के बारे में:
- ह्यूमन इम्यूनोडेफिशिएंसी वायरस (HIV) एक रेट्रोवायरस है, जिसकी आनुवंशिक सामग्री सिंगल-स्ट्रैंडेड RNA (ssRNA) होती है, और यह मानव शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली पर आक्रमण करता है।
- प्रभाव: यह वायरस मुख्य रूप से CD4 (टी-हेल्पर) कोशिकाओं, जो एक प्रकार की श्वेत रक्त कोशिकाएँ हैं को नष्ट करता है, जिससे प्रतिरक्षा तंत्र कमज़ोर हो जाता है।
- रोग की प्रगति: यदि समय पर उपचार न किया जाए, तो HIV संक्रमण एड्स (AIDS) में परिवर्तित हो सकता है।
- संचरण: यह संक्रमण रक्त आधान, यौन संपर्क, माँ से शिशु में संक्रमण तथा दूषित सुइयों के माध्यम से फैल सकता है।
- उपचार: एंटीरेट्रोवायरल थेरेपी (ART) वायरस को नियंत्रित करती है और रोग की प्रगति को धीमा या रोकती है।
- उपचार की स्थिति: HIV का पूर्ण उपचार उपलब्ध नहीं है, किंतु प्रारंभिक और नियमित उपचार से जीवन प्रत्याशा तथा जीवन की गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार संभव है।
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC):
- यह मानवाधिकार संरक्षण अधिनियम, 1993 के अंतर्गत स्थापित एक वैधानिक निकाय है, जिसे मानवाधिकारों की रक्षा और संवर्द्धन का दायित्व सौंपा गया है।