NCRTC द्वारा भारत का पहला सोलर ऑन ट्रैक सिस्टम लॉन्च | 13 Nov 2025
चर्चा में क्यों?
सतत् परिवहन अवसंरचना की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण कदम उठाते हुए, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (NCRTC) ने गाज़ियाबाद के दुहाई स्थित नामो भारत डिपो में एक अग्रणी ‘सोलर ऑन ट्रैक’ प्रणाली लागू की है।
- यह पहल भारत में किसी भी RRTS (रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम) या मेट्रो नेटवर्क में इस तरह की पहली स्थापना है।
मुख्य बिंदु
- परियोजना के बारे में:
- यह परियोजना राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (NCRTC) की व्यापक सौर नीति का अभिन्न हिस्सा है, जिसका उद्देश्य अपनी कुल ऊर्जा आवश्यकताओं का 70% नवीकरणीय स्रोतों से पूरा करना है।
- वर्तमान में NCRTC ने विभिन्न स्टेशनों, डिपो और भवनों में 5.5 मेगावाट रूफटॉप सौर क्षमता का संचालन प्रारंभ कर दिया है तथा 15 मेगावाट घरेलू सौर ऊर्जा उत्पादन क्षमता प्राप्त करने का महत्त्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किया है।
- सौर पैनल स्थापना:
- परियोजना के तहत पिट व्हील ट्रैक के 70 मीटर हिस्से पर 28 सौर पैनल (प्रत्येक की क्षमता 550 Wp) लगाए गए हैं, जिससे प्रणाली की कुल स्थापित क्षमता 15.4 kWp हो गई है।
- ऊर्जा उत्पादन और पर्यावरणीय प्रभाव:
- इस प्रणाली से प्रति वर्ष लगभग 17,500 किलोवाट विद्युत् उत्पादन का अनुमान है, जिससे प्रतिवर्ष लगभग 16 टन कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन में कमी आएगी।
- भविष्य की योजनाएँ:
- NCRTC अपनी तीव्र परिवहन सेवाओं में ट्रैक्शन प्रणालियों के साथ नवीकरणीय ऊर्जा के एकीकरण पर कार्य कर रहा है, जिससे पारंपरिक ऊर्जा स्रोतों पर निर्भरता घटेगी।
- जल एवं ऊर्जा संरक्षण उपाय:
- संगठन ने अपने प्रतिष्ठानों में वर्षा जल संचयन प्रणाली और सीवेज उपचार संयंत्रों को लागू किया है, जिससे जल संरक्षण एवं अपशिष्ट प्रबंधन की दक्षता बढ़ी है।
- पुनर्योजी ब्रेकिंग प्रौद्योगिकी:
- NCRTC ने अपनी नामो भारत ट्रेनों में पुनर्योजी ब्रेकिंग प्रौद्योगिकी (Regenerative Braking Technology) को सम्मिलित किया है।
- यह तकनीक ब्रेक लगाते समय गतिज ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित करती है, जिससे ऊर्जा की बचत होती है और संचालन की समग्र दक्षता में वृद्धि होती है।