मोबाईल वैटेरीनरी यूनिट्स | 23 Apr 2025

चर्चा में क्यों?

राजस्थान में मोबाइल वेटरिनरी यूनिट्स (MVU) और इससे जुड़ी 1962-एमवीयू चैटबॉट सेवा के प्रचार-प्रसार के लिये राज्य सरकार ने एक विशेष अभियान की शुरुआत की है।

  • मुख्य बिंदु:
    • मोबाइल वेटरिनरी यूनिट्स (MVUs) योजना के अंतर्गत प्रदेश में पिछले एक वर्ष में 41 लाख से अधिक पशुओं को चिकित्सा सुविधा प्रदान की जा चुकी है।
    • चैटबॉट नंबर 9063475027 को लॉन्च किया गया है, जो WhatsApp आधारित सेवा है और टेली-कंसल्टेंसी की सुविधा उपलब्ध कराता है।
    • योजना का संचालन कॉल सेंटर 1962 के माध्यम से किया जा रहा है, जिसे लगभग छह महीने पहले शुरू किया गया था।
    • कॉल सेंटर संचालनकर्त्ता कंपनी BFIL, जो इंडसइंड बैंक की सहायक है, योजना का कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (CSR) के अंतर्गत वित्तपोषण कर रही है।
    • योजना का प्रचार-प्रसार अभियान शुरू किया गया है, जिसमें:
      • 10 लाख पशुपालकों को SMS द्वारा जानकारी दी जाएगी।
      • 180 स्थानों पर डिजिटल वॉल ब्रांडिंग होगी।
      • ई-रिक्शा व टैंपो के माध्यम से ऑडियो प्रचार।
      • 7 लाख पर्चे वितरित होंगे।
      • 100 पशु चिकित्सालयों में साइनेज लगाया जाएगा।
      • की-चेन, कैलेंडर और अन्य प्रचार सामग्री वितरित की जाएगी।
  • उद्देश्य:
    • पशुपालकों को चिकित्सा सेवाएँ उनके घर पर उपलब्ध कराना।
    • MVU योजना को ज्यादा पशुपालकों तक पहुँचाना
    • सेवा की पहुँच और उपयोग को बढ़ाना व सशक्त करना
    • डिजिटल और AI तकनीक के माध्यम से पशुपालन क्षेत्र में पारदर्शिता और कुशलता लाना।

कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (CSR) 

  • सामान्यतः कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (CSR) को पर्यावरण पर कंपनी के प्रभाव तथा सामाजिक कल्याण पर पड़ने वाले प्रभाव का आकलन करने तथा उसकी ज़िम्मेदारी लेने के लिये कॉर्पोरेट पहल के रूप में संदर्भित किया जा सकता है।
  • यह एक स्व-विनियमन व्यवसाय मॉडल है जो किसी कंपनी को सामाजिक रूप से जवाबदेह बनने में मदद करता है। कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व का पालन करके, कंपनियाँ आर्थिक, सामाजिक और पर्यावरणीय कारकों पर पड़ने वाले प्रभाव के प्रति सचेत हो सकती हैं।
  • भारत पहला देश है जिसने कंपनी अधिनियम, 2013 के खंड 135 के अंतर्गत संभावित CSR गतिविधियों की पहचान के लिये रूपरेखा के साथ CSR व्यय को अनिवार्य बनाया है।
    • CSR केवल उन्हीं कंपनियों के लिये अनिवार्य है, जो कंपनी अधिनियम, 2013 की धारा 135 के तहत लागू होती हैं, जैसे कि जिनकी नेटवर्थ 500 करोड़ रुपए या उससे अधिक, टर्नओवर 1000 करोड़ रुपए या उससे अधिक या शुद्ध लाभ 5 करोड़ रुपए या उससे अधिक होता है।
  • भारत के विपरीत, अधिकांश देशों में स्वैच्छिक CSR फ्रेमवर्क हैं। नॉर्वे और स्वीडन ने अनिवार्य CSR प्रावधानों को अपनाया है, लेकिन उन्होंने स्वैच्छिक मॉडल के साथ शुरुआत की।