किम्बर्ले प्रक्रिया की अध्यक्षता करेगा भारत | 26 Dec 2025
चर्चा में क्यों?
भारत को 1 जनवरी, 2026 से किम्बर्ले प्रक्रिया (Kimberley Process- KP) की अध्यक्षता करने के लिये चयनित किया गया है।
मुख्य बिंदु
- किम्बर्ले प्रक्रिया:
- किम्बर्ले प्रक्रिया (Kimberley Process) हीरों के अवैध व्यापार पर रोक लगाने के उद्देश्य से आरंभ की गई एक अंतर्राष्ट्रीय बहुपक्षीय पहल है।
- यह ऐसे हीरों के व्यापार पर अंकुश लगाने की प्रक्रिया है जिनका इस्तेमाल विद्रोही गुटों द्वारा चुनी हुई सरकारों के खिलाफ संघर्ष एवं युद्ध के वित्तपोषण के लिये किया जाता है।
- त्रिपक्षीय संरचना:
- किम्बर्ले प्रक्रिया सरकारों, अंतर्राष्ट्रीय हीरा उद्योग और नागरिक समाज संगठनों की एक संयुक्त पहल है।
- मुख्यालय:
- इसका कोई औपचारिक संगठन नहीं है; इसका संचालन सदस्य देशों तथा बारी-बारी से अध्यक्षता करने वाले देशों के माध्यम से किया जाता है।
- प्रमाणन योजना:
- किम्बर्ले प्रक्रिया प्रमाणन योजना (KPCS) को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के जनादेश के अंतर्गत 1 जनवरी, 2003 से लागू किया गया।
- वैश्विक कवरेज:
- किम्बर्ले प्रक्रिया में यूरोपीय संघ एवं उसके सदस्य देशों सहित कुल 60 प्रतिभागी सम्मिलित हैं।
- भारत की भूमिका:
- यह तीसरी बार होगा (2008, 2019 और 2026) जब भारत को इसके नेतृत्व की ज़िम्मेदारी सौंपी गई है।