मध्य प्रदेश में शिशु मृत्यु दर सबसे अधिक | 21 Aug 2025

चर्चा में क्यों?

राज्य विधानसभा में उपमुख्यमंत्री एवं स्वास्थ्य मंत्री राजेंद्र शुक्ला द्वारा प्रस्तुत आँकड़ों के अनुसार, मध्य प्रदेश में शिशु मृत्यु दर (IMR) भारत में सबसे अधिक है, जहाँ प्रति 1,000 नवजात शिशुओं में से 40 की मृत्यु राज्य में होती है।

मुख्य बिंदु

  • भारत के महापंजीयक के नवीनतम नमूना पंजीकरण प्रणाली (SRS) 2022 के आँकड़ों के अनुसार, मध्य प्रदेश का IMR (40) न केवल राष्ट्रीय औसत (26) से ऊपर है, बल्कि सभी राज्यों में सबसे अधिक है।
  • इस समस्या से निपटने के प्रयास में, सरकार ने विभिन्न स्वास्थ्य योजनाओं और पहलों के लिये 110 करोड़ रुपए आवंटित किये हैं, जिनमें एनीमिया मुक्त भारत, पोषण पुनर्वास केंद्र तथा जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम जैसे कार्यक्रम शामिल हैं।
  • शिशु मृत्यु के कारण: मध्य प्रदेश में शिशु मृत्यु के प्राथमिक कारणों में समय से पहले जन्म, निमोनिया, सेप्सिस, जन्म के समय कम वज़न, जन्म के समय श्वासावरोध और दस्त शामिल हैं।
  • सरकार ने शिशु मृत्यु दर को कम करने के अपने प्रयासों में इन कारकों को प्रमुख लक्षित क्षेत्रों के रूप में सूचीबद्ध किया है।

मध्य प्रदेश की ग्राम पंचायतों में मातृ एवं शिशु मृत्यु शून्य

  • स्वतंत्रता दिवस पर, मध्य प्रदेश राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (MP-NHM) ने मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य देखभाल में उल्लेखनीय परिणाम प्राप्त करने वाले ज़मीनी स्तर के स्वास्थ्य कार्यकर्त्ताओं और सामुदायिक नेताओं के उत्कृष्ट प्रयासों को मान्यता दी।
  • ढकोनी में शून्य मृत्यु की उपलब्धि: 8,107 की आबादी वाली ढकोनी ग्राम पंचायत ने लगातार दो वर्षों तक मातृ एवं शिशु मृत्यु की शून्य रिपोर्ट सफलतापूर्वक दर्ज की।
  • गरौली ग्राम पंचायत (छतरपुर) में प्रयास: इसी प्रकार, छतरपुर जिले के नौगाँव ब्लॉक में गरौली ग्राम पंचायत, जिसकी जनसंख्या 6,598 है, में भी दो वर्षों में मातृ एवं शिशु मृत्यु शून्य रही।
  • रतलाम में संस्थागत प्रसव: रतलाम ज़िले में, बाजना ब्लॉक के रावटी PHC ने वर्ष 2024-25 के लिये संस्थागत प्रसव में अग्रणी के रूप में उभरकर अपनी पहचान बनाई।