चंबल नदी में घड़ियाल शावकों की संख्या में वृद्धि | 25 Jun 2025

चर्चा में क्यों?

राष्ट्रीय चंबल अभयारण्य में इटावा रेंज में 1,186 तथा बाह रेंज में 840 घड़ियाल के बच्चे पैदा हुए हैं, जो अब चंबल नदी में आनंदपूर्वक विचरण कर रहे हैं।

  • घड़ियाल के अंडों को सेने (Incubation) में 50 से 60 दिन लगते हैं तथा जून के आरंभ में बच्चे बाहर निकलते हैं और यह प्रक्रिया लगभग एक माह तक चलती है

मुख्य बिंदु

घड़ियाल के बारे में:

  • परिचय
    • घड़ियाल (Gavialis gangeticus) अपने लंबे थूथन के कारण अन्य मगरमच्छों से अलग है।
    • ये सबसे बड़े जीवित सरीसृप हैं, जो मुख्य रूप से मीठे पानी के दलदलों, झीलों और नदियों में रहते हैं, जिनमें एक खारे पानी की प्रजाति भी शामिल है। 
    • ये रात्रिचर और पोइकिलोथर्मिक (जिन्हें बाह्य-ऊष्मीय या शीत-रक्तीय जीव कहा जाता है तथा इनके शरीर का तापमान आसपास के वातावरण के साथ बदलता रहता है) होते हैं।
  • वितरण: 
    • भारतीय वन्यजीव संस्थान के अनुसार, घड़ियाल भारत, भूटान, बांग्लादेश, नेपाल तथा पाकिस्तान की ब्रह्मपुत्र, गंगा, सिंधु एवं महानदी-ब्रह्मणी-बैतरणी नदी प्रणालियों में व्यापक रूप से पाए जाते हैं।
    • वर्तमान में, उनकी प्रमुख आबादी गंगा की तीन सहायक नदियों (भारत में चंबल और गिरवा, तथा नेपाल में राप्ती-नारायणी नदी) में पाई जाती है।
    • ओडिशा भारत का एकमात्र राज्य है, जहाँ तीनों देशज मगरमच्छ प्रजातियाँ- घड़ियाल (Gavialis gangeticus), मगर (Crocodylus palustris) और खारे पानी के मगरमच्छ  (Crocodylus porosus) प्राकृतिक रूप से पाई जाती हैं।
  • जनसंख्या: 
    • भारत में वैश्विक घड़ियालों की कुल जंगली आबादी का लगभग 80% हिस्सा रहता है। लगभग 3,000 घड़ियाल देश के विभिन्न संरक्षित क्षेत्रों जैसे- राष्ट्रीय चंबल अभयारण्य, कतर्नियाघाट तथा सोन घड़ियाल अभयारण्य में पाए जाते हैं।
  • मगरमच्छ संरक्षण परियोजना: 

राष्ट्रीय चंबल अभयारण्य

  • इसे वर्ष 1979 में चंबल नदी की लगभग 425 किमी लंबाई में एक नदी अभयारण्य के रूप में स्थापित किया गया था।
  • इसके बीहड़ राजस्थान, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के त्रि-बिंदु के पास चंबल नदी के किनारे 2-6 किमी तक विस्तृत हैं।
  • राष्ट्रीय चंबल अभयारण्य को महत्त्वपूर्ण पक्षी क्षेत्र (IBA) के रूप में सूचीबद्ध किया गया है तथा यह एक प्रस्तावित रामसर स्थल भी है।