रक्षा मंत्री द्वारा वर्ष 1971 युद्ध के हीरो की प्रतिमा का अनावरण | 12 Dec 2025

चर्चा में क्यों?

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह 13 दिसंबर 2025 को राजस्थान के बाड़मेर जिले के बखासर गाँव में ठाकुर बलवंत सिंह की प्रतिमा का अनावरण करेंगे।

Thakur Balwant Singh

प्रमुख बिंदु

  • युद्ध के नायक: ठाकुर बलवंत सिंह ने वर्ष 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान, विशेष रूप से चाचरो की लड़ाई के दौरान, भारतीय सेना का समर्थन करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई।
  • योगदान: उनके स्थानीय ज्ञान और बहादुरी ने भारतीय सेना को सिंध में चाचरो पर कब्ज़ा करने और पाकिस्तानी सेना को वापस लौटने में मदद की।
  • मान्यता: उनके योगदान के सम्मान में, सिंह के खिलाफ आपराधिक मामले वापस ले लिये गए और उन्हें दो अखिल भारतीय हथियार लाइसेंस प्रदान किये गए।
  • विरासत: ठाकुर बलवंत सिंह का देहांत 1991 में हुआ था, उनकी विरासत को सम्मानित करने के लिये उनकी प्रतिमा का अनावरण किया जा रहा है।

शिमला समझौता, 1972

  • यह वर्ष 1971 के भारत-पाक युद्ध के बाद 2 जुलाई 1972 को हस्ताक्षरित हुआ, जिसके परिणामस्वरूप बांग्लादेश का गठन हुआ।
  • इसे संबंधों को सामान्य करने और शांति स्थापित करने के लिए भारत की प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और पाकिस्तान के राष्ट्रपति ज़ुल्फ़िकार अली भुट्टो द्वारा वार्ताक्रम के माध्यम से तैयार किया गया था।
  • उद्देश्य: 
    • कश्मीर मुद्दे का द्विपक्षीय समाधान करना, अंतर्राष्ट्रीयकरण को रोकना।
    • नए क्षेत्रीय शक्ति संतुलन के आधार पर भारत-पाकिस्तान संबंधों में सुधार करना।
    • भारत ने पाकिस्तान में और अधिक असंतोष को रोकने के लिये सीज फायर लाइन को स्थायी सीमा नहीं बनाया।
  • प्रमुख प्रावधान:
    • संघर्ष का समाधान: मुद्दों का द्विपक्षीय और शांतिपूर्ण तरीके से समाधान किया जाएगा।
    • नियंत्रण रेखा (LoC): दोनों देशों ने 1971 युद्ध के बाद स्थापित LoC का सम्मान करने तथा उसकी स्थिति को एकतरफा न बदलने पर सहमति जताई।
    • सैनिकों की वापसी: दोनों देशों की सेनाएँ अंतर्राष्ट्रीय सीमा के अपने-अपने क्षेत्रों में लौटेंगी।
    • भविष्य की कूटनीति: संवाद जारी रखने और युद्धबंदियों की वापसी के प्रावधान शामिल थे।