विनोबा भावे जयंती | 13 Sep 2025
चर्चा में क्यों?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आचार्य विनोबा भावे की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की तथा भारत के आध्यात्मिक, सामाजिक और राजनीतिक परिदृश्य में उनके अद्वितीय योगदान को रेखांकित किया।
मुख्य बिंदु
- आचार्य विनोबा भावे के बारे में:
- विनायक नरहरि भावे का जन्म 11 सितंबर, 1895 को गागोडे, बॉम्बे प्रेसीडेंसी (वर्तमान महाराष्ट्र) में हुआ था।
- वह एक स्वतंत्रता सेनानी, समाज सुधारक और आध्यात्मिक शिक्षक थे, जो महात्मा गांधी के अहिंसा तथा समानता के सिद्धांतों से बहुत प्रभावित थे।
- पुरस्कार एवं सम्मान:
- विनोबा भावे वर्ष 1958 में रेमन मैग्सेसे पुरस्कार प्राप्त करने वाले पहले भारतीय थे, जिन्हें यह अंतर्राष्ट्रीय सम्मान मिला।
- उन्हें वर्ष 1983 में मरणोपरांत भारत रत्न (भारत का सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार) से भी सम्मानित किया गया था।
- गांधी के साथ जुड़ाव:
- विनोबा भावे ने 7 जून, 1916 को गांधी से मुलाकात की और आश्रम में निवास किया।
- आश्रम के एक सदस्य मामा फड़के ने उन्हें विनोबा (एक पारंपरिक मराठी विशेषण जो महान सम्मान का प्रतीक है) नाम दिया था।
- 8 अप्रैल, 1921 को विनोबा भावे, गांधी के निर्देशों के तहत वर्धा में एक गांधी-आश्रम का प्रभार लेने के लिये गए।
- वर्धा में अपने प्रवास के दौरान वर्ष 1923 में उन्होंने मराठी में एक मासिक 'महाराष्ट्र धर्म' का प्रकाशन किया, जिसमें उपनिषदों पर उनके निबंध प्रकाशित किये गए थे
- स्वतंत्रता संग्राम में भूमिका:
- उन्होंने असहयोग आंदोलन के कार्यक्रमों में भाग लिया और विशेष रूप से आयातित विदेशी वस्तुओं के स्थान पर स्वदेशी वस्तुओं के प्रयोग का आह्वान किया।
- वर्ष 1940 में उन्हें भारत में गांधीजी द्वारा ब्रिटिश राज के खिलाफ पहले व्यक्तिगत सत्याग्रही (सामूहिक कार्रवाई के बजाय सत्य के लिये खड़े होने वाले व्यक्ति) के रूप में चुना गया था।
- उन्हें आचार्य (शिक्षक) की सम्मानित उपाधि दी गई थी।
- भूदान आंदोलन:
- वर्ष 1951 में विनोबा भावे ने तेलंगाना के हिंसाग्रस्त क्षेत्र से पैदल अपनी शांति यात्रा शुरू की।
- वर्ष 1951 में तेलंगाना के पोचमपल्ली (Pochampalli) गाँव के हरिजनों ने उनसे जीविकोपार्जन के लिये लगभग 80 एकड़ भूमि प्रदान कराने का अनुरोध किया।
- विनोबा ने गाँव के जमींदारों को आगे आने और हरिजनों को संरक्षित करने के लिये कहा।
- उसके बाद एक ज़मींदार ने आगे बढ़कर आवश्यक भूमि प्रदान करने की पेशकश की।
- यह भूदान (भूमि का उपहार) आंदोलन की शुरुआत थी।
- यह आंदोलन 13 वर्षों तक जारी रहा और इस दौरान विनोबा भावे ने देश के विभिन्न हिस्सों (कुल 58,741 किलोमीटर की दूरी) का भ्रमण किया।
- वह लगभग 44 लाख एकड़ भूमि एकत्र करने में सफल रहे, जिसमें से लगभग 13 लाख एकड़ भूमि को गरीब, भूमिहीन किसानों के बीच वितरित किया गया।
- साहित्यक रचना:
- उनकी महत्त्वपूर्ण पुस्तकों में स्वराज्य शास्त्र, गीता प्रवचन और तीसरी शक्ति आदि शामिल हैं।