आदि वाणी | 02 Sep 2025

चर्चा में क्यों?

जनजातीय मामलों के मंत्रालय ने जनजातीय गौरव वर्ष (JJGV) समारोह के हिस्से के रूप में जनजातीय भाषाओं के लिये भारत के पहले AI-संचालित अनुवाद मंच ‘आदि वाणी’ का बीटा संस्करण लॉन्च किया है।

मुख्य बिंदु

  • आदि वाणी के बारे में
    • आदि वाणी को IIT दिल्ली के नेतृत्व में एक राष्ट्रीय संघ द्वारा विकसित किया गया है, जिसमें BITS पिलानी, IIIT हैदराबाद, IIIT नवा रायपुर तथा झारखंड, ओडिशा, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और मेघालय के जनजातीय अनुसंधान संस्थानों का सहयोग शामिल है।
    • बीटा संस्करण वर्तमान में संथाली, भीली, मुंडारी और गोंडी भाषाओं का समर्थन करता है, जबकि कुई और गारो जैसी भाषाओं पर विकास कार्य प्रगति पर है।
  • प्रमुख विशेषताएँ:
    • हिंदी, अंग्रेजी और जनजातीय भाषाओं के बीच वास्तविक समय में पाठ एवं वाक् अनुवाद की सुविधा।
    • छात्रों और नव-शिक्षार्थियों के लिये इंटरैक्टिव भाषा शिक्षण मॉड्यूल
    • लोककथाओं एवं मौखिक परंपराओं का डिजिटलीकरण कर सांस्कृतिक धरोहर का संरक्षण।
    • जनजातीय भाषाओं में सरकारी परामर्श एवं स्वास्थ्य संबंधी संदेश, उपशीर्षकों सहित उपलब्ध कराना।

जनजातीय गौरव वर्ष (JJGV)

उद्देश्य:

  • भारत की सांस्कृतिक अस्मिता और स्वतंत्रता संग्राम में जनजातीय समुदायों के सांस्कृतिक, आध्यात्मिक एवं सामाजिक योगदान को रेखांकित करना।
  • संपूर्ण शासन दृष्टिकोण के माध्यम से जनजातीय कल्याण को प्रोत्साहित करना।
  • जनजातीय विकास संबंधी पहलों में जनभागीदारी (लोगों की सक्रिय सहभागिता) को बढ़ावा देना।
  • जनजातीय नायकों के प्रति जागरूकता और राष्ट्र-निर्माण में उनकी भूमिका की पहचान को सुदृढ़ करना।