क्वाड शिखर सम्मेलन

चर्चा में क्यों?

हाल ही में भारतीय प्रधानमंत्री ने क्वाड (QUAD) समूह के प्रतिनिधियों के पहले शिखर सम्मेलन को संबोधित किया। इस बैठक को अमेरिका द्वारा एक आभासी मंच पर आयोजित किया गया।

  • इससे पहले फरवरी 2021 में क्वाड मंत्रिस्तरीय बैठक में भारत-प्रशांत क्षेत्र और म्याँमार में सैन्य अधिग्रहण के मुद्दों पर चर्चा हुई।
  • क्वाड भारत, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान देशों का एक समूह है, जिसका उद्देश्य भारत-प्रशांत क्षेत्र में लोकतांत्रिक देशों के हितों की रक्षा करना और वैश्विक चुनौतियों का समाधान करना है।

QUAD

प्रमुख बिंदु:

केंद्रीय बिंदु:

  • कोविड-19, जलवायु परिवर्तन और उभरती प्रौद्योगिकियों जैसे विषय।

संकल्प:

  • क्वाड, अंतर्राष्ट्रीय कानूनों पर आधारित ‘स्वतंत्र, मुक्त एवं समृद्ध' भारत-प्रशांत क्षेत्र सुनिश्चित करने तथा भारत-प्रशांत क्षेत्र और क्षेत्रों में मौजूद चुनौतियों से निपटने के प्रति प्रतिबद्ध है। 

प्रमुख बिंदु:

  • क्वाड वैक्सीन पार्टनरशिप:
    • महामारी का मुकाबला करने के लिये टीकों तक "न्यायसंगत" पहुँच सुनिश्चित करने हेतु सहमत। 
    • अपने वित्तीय संसाधनों, विनिर्माण क्षमताओं और तार्किक शक्तियों को एकत्रित करने की योजना पर सहमत। 
    • जापान, अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया भारत द्वारा शुरू की गई वैक्सीन  मैत्री पहल को वित्तीय सहायता प्रदान करेंगे।
    • भारत की ‘वैक्सीन मैत्री पहल’ (भारत की वैक्सीन कूटनीति) की सराहना की।
    • वैक्सीन मैत्री पहल पड़ोसी देशों को कोविड-19 के टीके प्रदान करने के लिये भारत द्वारा शुरू की गई एक पहल है।
  • चीन से संबंधित चर्चा:
    • वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर क्वाड नेताओं ने चीनी आक्रामकता के कई उदाहरणों में से एक के रूप में चर्चा की।
    • हॉन्गकॉन्ग, शिनज़ियांग, ताइवान स्ट्रेट और ऑस्ट्रेलिया पर दवाब तथा सेनकाकू विवाद से संबंधित अन्य मुद्दों पर भी चर्चा की गई।
    • संयुक्त राज्य अमेरिका के प्रतिष्ठानों (Microsoft Exchange और Solar Winds) पर चीनी साइबर हमले के बारे में और भारत, जापान तथा ऑस्ट्रेलिया में साइबर सुरक्षा संबंधी घटनाओं पर भी चर्चा की गई।

भारत का पक्ष:

  • क्वाड अपने लोकतांत्रिक मूल्यों के चलते एकजुट है और भारत-प्रशांत क्षेत्र में स्थिरता का एक महत्त्वपूर्ण स्तंभ बना रहेगा।
  • इस समूह को प्राचीन भारतीय दर्शन ‘वसुधैव कुटुंबकम’ का विस्तार कहा जाता है, जो दुनिया को एक परिवार मानता है।

अमेरिका का पक्ष:

  • क्वाड एक सैन्य गठबंधन या उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (NATO) के समकक्ष नहीं है, यह अर्थव्यवस्था, प्रौद्योगिकी, जलवायु और सुरक्षा पर सहयोग करने का अवसर है।
  • समुद्री सुरक्षा, मानवीय और आपदा प्रतिक्रिया क्वाड एजेंडे के मूल में हैं।
  • भारत-प्रशांत क्षेत्र में सहयोग के लिये QUAD एक महत्त्वपूर्ण क्षेत्र बनता जा रहा है।

ऑस्ट्रेलिया का पक्ष:

  • क्वाड समूह के माध्यम से समान विचारधारा वाले लोकतंत्रों के एक नए स्थायी और शक्तिशाली क्षेत्रीय समूह की शुरुआत हो सकती है।

जापान का पक्ष:

  • सदस्य देशों के शीर्ष नेताओं की बैठक के कारण क्वाड को नई गतिशीलता मिली है।
  • जापान एक स्वतंत्र और समृद्ध भारत-प्रशांत क्षेत्र और कोविड-19 से उभरने सहित क्षेत्र की शांति, स्थिरता के लिये ठोस योगदान करके अपने सहयोग को मज़बूती से आगे बढ़ाएगा।

चीन की आशंका:

  • चीन ने कहा है कि देशों के बीच आदान-प्रदान और सहयोग तीसरे पक्ष को लक्षित करने के बजाय आपसी समझ से करना चाहिये और किसी विशेष गुट का पीछा करने से बचना चाहिये।
    • संयुक्त राज्य अमेरिका और चीन के शीर्ष राजनयिकों के बीच मार्च 2021 के अंत में अलास्का में बैठक होने वाली है।
  • QUAD को खुलेपन, समावेशिता और जीत के परिणामों के सिद्धांतों को बनाए रखना चाहिये और ऐसे कार्यों को करना चाहिये जो क्षेत्रीय शांति, स्थिरता और समृद्धि के अनुकूल हों।

क्वाड:

  • चतुर्भुज सुरक्षा संवाद’ (QUAD- Quadrilateral Security Dialogue) अर्थात् क्वाड भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया के बीच अनौपचारिक रणनीतिक वार्ता मंच है। 
  • यह 'मुक्त, खुले और समृद्ध' भारत-प्रशांत क्षेत्र सुनिश्चित करने और उसके समर्थन के लिये इन देशों को एक साथ लाता है।
  • क्वाड की अवधारणा औपचारिक रूप से सबसे पहले वर्ष 2007 में जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंज़ो आबे द्वारा प्रस्तुत की गई थी, हालाँकि चीन के दबाव में ऑस्ट्रेलिया के पीछे हटने के कारण इसे आगे नहीं बढ़ाया जा सका।
  • शिंज़ो आबे द्वारा वर्ष 2012 में हिंद महासागर से प्रशांत महासागर तक समुद्री सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिये ऑस्ट्रेलिया, भारत, जापान और अमेरिका को शामिल करते हुए एक ‘डेमोक्रेटिक सिक्योरिटी डायमंड’ (Democratic Security Diamond) स्थापित करने का विचार प्रस्तुत किया गया।
  • ‘क्वाड’ समूह की स्थापना नवंबर 2017 में हिंद-प्रशांत क्षेत्र को किसी बाहरी शक्ति (विशेषकर चीन) के प्रभाव से मुक्त रखने हेतु नई रणनीति बनाने के लिये हुई और आसियान शिखर सम्मेलन के एक दिन पहले इसकी पहली बैठक का आयोजन किया गया।
  • क्वाड के सभी चार देशों (जापान, भारत, ऑस्ट्रेलिया और यूएसए) ने वर्ष 2020 में मालाबार अभ्यास (Malabar Exercise) में भाग लिया।
    • मालाबार अभ्यास भारत, जापान और संयुक्त राज्य अमेरिका की नौसेनाओं के बीच होने वाला एक वार्षिक त्रिपक्षीय नौसेना अभ्यास है, जिसे भारतीय तथा प्रशांत महासागरों में बारी-बारी से आयोजित किया जाता है।

स्रोत- द हिंदू