ईपीवी संक्रमण के बाद जैव-आणविक परिवर्तन

वैज्ञानिकों ने पाया है कि कैंसर पैदा करने वाला वायरस एपस्टीन बार वायरस (EBV) न्यूरोनल कोशिकाओं को संक्रमित कर सकता है और जैव-अणुओं में विभिन्न परिवर्तन ला सकता है।

  • एक शोधकर्त्ता ने मस्तिष्क कोशिकाओं पर कैंसर पैदा करने वाले वायरस के संभावित प्रभावों का पता लगाने के लिये फंड फॉर इम्प्रूवमेंट ऑफ एस एंड टी इंफ्रास्ट्रक्चर (FIST) योजना के तहत रमन माइक्रोस्पेक्ट्रोस्कोपी तकनीक का उपयोग किया।
  • बायोमोलेक्यूलस एक कार्बनिक अणु है जिसमें कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, लिपिड और न्यूक्लिक एसिड शामिल हैं।

रमन स्पेक्ट्रोस्कोपी:

  • रमन स्पेक्ट्रोस्कोपी एक प्रकाश प्रकीर्णन तकनीक है, जिसके द्वारा एक अणु उच्च तीव्रता वाले लेज़र प्रकाश स्रोत से आपतित प्रकाश को प्रकिर्णित करता है।
    • अधिकांश बिखरा हुआ प्रकाश लेज़र स्रोत के समान तरंग दैर्ध्य (या रंग) पर होता है और उपयोगी जानकारी प्रदान नहीं करता है इसे रेले स्कैटर कहा जाता है। हालांँकि प्रकाश की एक छोटी मात्रा (आमतौर पर 0.0000001%) विभिन्न तरंग दैर्ध्य (या रंग) पर बिखरी हुई होती है, जो कि विश्लेषण की रासायनिक संरचना पर निर्भर करती है, इसे रमन स्कैटर कहा जाता है।
  • रमन माइक्रोस्पेक्ट्रोस्कोपी एक कंपन स्पेक्ट्रोस्कोपी तकनीक है जिसका उपयोग तरल या ठोस नमूनों की एक विस्तृत शृंखला के उंगलियों के निशान की जाँच के लिये किया जाता है।
  • तकनीक का कुशलतापूर्वक उपयोग वायरस-मध्यस्थता वाले सेलुलर परिवर्तनों को समझने के लिये किया जा सकता है और विशिष्ट जैव-आणविक परिवर्तनों में मूल्यवान अंतर्दृष्टि प्रदान कर सकता है।

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एपस्टीन बार वायरस:

  • EBV हर्पीसवायरस परिवार का वायरस है जो मनुष्यों को संक्रमित कर सकता है।
  • EBV वायरस मानव आबादी में व्यापक रूप से मौजूद पाया गया है। यह आमतौर पर कोई नुकसान नहीं पहुँचाता है, लेकिन कुछ असामान्य स्थितियों जैसे प्रतिरक्षा विज्ञानी तनाव या प्रतिरक्षा क्षमता में वायरस शरीर के अंदर पुन: सक्रिय हो जाता है।
  • यह आगे चलकर विभिन्न जटिलताओं को जन्म दे सकता है जैसे कि एक प्रकार का रक्त कैंसर जिसे बुर्किट का लिंफोमा कहा जाता है, इसी तरह पेट का कैंसर, मल्टीपल स्केलेरोसिस है।

प्रमुख बिंदु

  • यह फैटी एसिड, कार्बोहाइड्रेट और प्रोटीन घटकों जैसे जैव-अणुओं को बदल सकता है, जिससे केंद्रीय तंत्रिका तंत्र के रोगों के साथ-साथ मस्तिष्क कैंसर भी हो सकता है।
    • पहले के अध्ययनों ने विभिन्न न्यूरोडीज़ेनेरेटिव रोगों में EBV की भागीदारी को बताया गया था। हालांँकि यह वायरस मस्तिष्क की कोशिकाओं को कैसे प्रभावित कर सकता है और उनमें हेरफेर कैसे कर सकता है, यह अभी तक पता नहीं चल पाया है।
  • वायरल प्रभाव के तहत न्यूरोनल कोशिकाओं में विभिन्न जैव-अणुओं में समय पर और क्रमिक परिवर्तन हो सकते हैं।
    • इसके अतिरिक्त अन्य सहायक मस्तिष्क कोशिकाओं (यानी, एस्ट्रोसाइट और माइक्रोग्लिया) में देखे गए परिवर्तनों की तुलना में ये परिवर्तन अलग थे।
  • वायरल प्रभाव के तहत कोशिकाओं में लिपिड, कोलेस्ट्रॉल, प्रोलाइन और ग्लूकोज़ अणु बढ़ जाते हैं।
  • ये जैव-आणविक संस्थाएंँ अंततः कोशिकाओं के वायरल संक्रमण के रोकथाम में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं।

FIST योजना:

  • विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (DST) के "एस एंड टी अवसंरचना में सुधार हेतु निधि (FIST)" का उद्देश्य नए और उभरते क्षेत्रों में अनुसंधान एवं विकास गतिविधियों को बढ़ावा देने और विश्वविद्यालयों तथा अन्य शैक्षणिक संस्थानों में नई प्रतिभाओं को आकर्षित करने के लिये बुनियादी ढांँचा और सक्षम सुविधाएंँ प्रदान करना है।
  • इसे विभागों/केंद्रों/स्कूलों/कॉलेजों को अनुसंधान गतिविधियों को अधिक प्रभावी ढंग से और कुशलता से आगे बढ़ाने में सक्षम बनाने ु मानार्थ समर्थन के रूप में माना जाता है।
  • अत्यधिक सफल FIST कार्यक्रम पर वर्तमान ज़ोर न केवल अकादमिक संगठनों में अनुसंधान गतिविधियों के लिये बल्कि स्टार्टप / विनिर्माण उद्योगों / MSMEs द्वारा उपयोग के लिये अनुसंधान एवं विकास गतिविधियों की बुनियादी सुविधाओं तक पहुँच प्रदान करके आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य की ओर उन्मुख कियया जासकता  है।
  • प्रत्येक एफआईएसटी परियोजना के लिये समर्थन की अवधि 5 वर्ष से अधिक नहीं है।

स्रोत: पी.आई.बी.