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पूर्वोत्तर भारत: विकास, क्षमता और संभावनाएँ | 29 Aug 2020 | शासन व्यवस्था

संदर्भ:

हाल ही में प्रधानमंत्री ने एक वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से मणिपुर के लिये 'जल जीवन मिशन’ के अंतर्गत ‘मणिपुर जल आपूर्ति परियोजना’ (Manipur Water Supply Project) की आधारशिला रखी है। प्रधानमंत्री ने कहा कि पूर्वोत्तर भारत में देश के विकास का नेतृत्व करने की क्षमता है और शेष भारत से पूर्वोत्तर राज्यों के संपर्क को बेहतर बनाने के लिये आधुनिक अवसंरचनाओं का निर्माण किया जा रहा है। पूर्वोत्तर भारत के राज्य पूर्वी एशिया से देश के प्राचीन सांस्कृतिक संबंधों का प्रवेश द्वारा रहे हैं और यह भविष्य में पूर्वी एशिया के साथ व्यापार, यात्रा और पर्यटन को बढ़ावा देने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।

 

पृष्ठभूमि:

  • भारत का पूर्वोत्तर क्षेत्र आठ राज्यों (अरुणाचल प्रदेश, असम, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, सिक्किम और त्रिपुरा) से मिलकर बना है।
  • देश का यह भाग पाँच देशों (बांग्लादेश, भूटान,म्याँमार, नेपाल, और चीन) से सीमा साझा करता है।
  • पूर्वोत्तर राज्यों का क्षेत्रफल भारत के कुल भौगोलिक क्षेत्रफल का 8% है।



वर्तमान समस्याएँ:


पूर्वोत्तर भारत का महत्त्व:

सरकार के प्रयास:

  • वर्ष 1996 में केंद्र सरकार द्वारा (New initiatives for the North Eastern Region) के माध्यम से पूर्वोत्तर के विकास पर विशेष ध्यान दिया गया।
    • इसके तहत यह निर्धारित किया गया कि केंद्र सरकार के सभी मंत्रालयों और विभागों के बजट का कम-से-कम 10% पूर्वोत्तर राज्यों के विकास हेतु सुरक्षित किया जाएगा।
  • स्थानीय किसानों और कलाकारों को सहयोग प्रदान करने के लिये ‘राष्ट्रीय बाँस मिशन’ के तहत बाँस की खेती को बढ़ावा देने का प्रयास।
  • वर्ष 2018 में असम के डिब्रूगढ़ को अरुणाचल प्रदेश के पासीघाट से जोड़ने के लिये ब्रह्मपुत्र नदी पर देश के सबसे लंबे सड़क और रेल पुल (‘बोगीबील पुल’)का उद्घाटन किया गया।
  • सड़क परिवहन तंत्र को मज़बूत करने के लिये ‘नॉर्थ-ईस्ट रोड सेक्टर डेवलपमेंट स्कीम’ (North-East Road Sector Development Scheme) तथा ‘प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना’ के तहत सड़कों का निर्माण।
  • अगरतला (त्रिपुरा) और बांग्लादेश के अखौरा के बीच रेलवे लाइन को वर्ष 2021 तक शुरू करने का लक्ष्य रखा गया है।
  • केंद्र सरकार द्वारा पूर्वोत्तर राज्यों में वायु परिवहन को बेहतर बनाने पर विशेष ध्यान दिया गया है, वर्तमान में इस क्षेत्र में 13 हवाईअड्डे सक्रिय हैं सरकार द्वारा लगभग 3 हज़ार करोड़ की लागत से इनके नवीनीकरण का कार्य किया जा रहा है।

चुनौतियाँ:

समाधान:

सतत विकास:


आगे की राह:

अभ्यास प्रश्न: पूर्वोत्तर भारत में विकास की धीमी गति के कारणों पर चर्चा करते हुए वर्तमान परिवेश में पूर्वोत्तर भारत में विकास की संभावनाओं और इस दिशा मे सरकार के प्रयासों पर प्रकाश डालिये।