विट्ठलभाई पटेल | 26 Aug 2025
विट्ठलभाई पटेल के केंद्रीय विधानसभा के अध्यक्ष बनने की 100वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में दिल्ली विधानसभा द्वारा अखिल भारतीय अध्यक्ष सम्मेलन आयोजित किया गया।
- प्रारंभिक जीवन: विट्ठलभाई पटेल, सरदार वल्लभभाई पटेल के भाई थे। इंग्लैंड में अध्ययन करने के बाद उन्होंने बंबई में वकालत की।
- राजनीतिक जीवन: वे बॉम्बे विधान परिषद (1912) और इंपीरियल विधान परिषद (1918) के सदस्य चुने गए।
- वर्ष 1922 में चौरी-चौरा घटना और असहयोग आंदोलन के स्थगन के बाद विट्ठलभाई पटेल ने कॉन्ग्रेस छोड़ दी और सी.आर. दास तथा मोतीलाल नेहरू के साथ मिलकर स्वराज पार्टी की स्थापना की।
- वर्ष 1924 में वे केंद्रीय विधानसभा के सदस्य बने और वर्ष 1925 में उसके पहले भारतीय अध्यक्ष के रूप में प्रतिष्ठित हुए।
भारत की संसदीय परंपराओं के निर्माण में विट्ठलभाई पटेल की भूमिका
- संसद की सुरक्षा: संसद सुरक्षा के लिये वार्ड एंड वॉच प्रणाली की शुरुआत की, जिससे अध्यक्ष का नियंत्रण बना रहा और यह व्यवस्था वर्ष 2024 तक जारी रही।
- केंद्रीय विधानसभा (1929) में भगत सिंह और बटुकेश्वर दत्त बम विस्फोट के बाद संसद की सुरक्षा को अपने हाथ में लेने के ब्रिटिश प्रयासों के खिलाफ दृढ़ता से खड़े रहे तथा अध्यक्ष के अधिकार को सुरक्षित रखा।
- स्वतंत्र संसद सचिवालय: स्वतंत्र संसद सचिवालय की स्थापना की, जो केवल अध्यक्ष को रिपोर्ट करता था, जिससे स्वतंत्र सलाह और कार्यप्रणाली सुनिश्चित हुई।
- विधानसभा विभाग (1929): विधायी निकाय के लिये अलग विभाग के गठन का नेतृत्व किया, जिसने अध्यक्ष की स्वायत्तता को और सुदृढ़ किया।
और पढ़ें: भारत में संसदीय सुधार |